Corona Vaccine News: वैक्सीनेशन की रफ्तार के आधार पर मिलेगी वैक्सीन, कम बर्बाद करने वाले राज्यों को इंसेंटिव भी
हाइलाइट्स:
- केंद्र सरकार की तरफ से राज्यों को फ्री में वैक्सीन उपलब्ध कराई जाएगी
- जिन राज्यों में वैक्सीन की बर्बादी कम होगी उन राज्यों को इंसेंटिव भी दिया जाएगा
- वैक्सीन की प्राथमिकता में अब भी 45 साल से ज्यादा उम्र के लोग रहेंगे
नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने वैक्सिनेशन की नई गाइडलाइंस जारी की है। 21 जून से यह गाइडलाइंस लागू होंगी। केंद्र सरकार की तरफ से राज्यों को फ्री में वैक्सीन उपलब्ध कराई जाएगी। किस राज्य को कितनी वैक्सीन मिलेगी यह उस राज्य की आबादी, कोरोना के केस और वैक्सिनेशन की रफ्तार पर निर्भर करेगा। केंद्र सरकार के मुताबिक जिन राज्यों में वैक्सीन की बर्बादी कम होगी उन राज्यों को इंसेंटिव भी दिया जाएगा।
प्राथमिकता अब भी 45 साल से ज्यादा उम्र के लोग
गाइडलाइंस में कहा गया है कि प्राथमिकता के आधार पर सबसे पहले हेल्थ केयर वर्कर, फ्रंट लाइन वर्कर, 45 से ऊपर की उम्र के लोगों को वैक्सीन दी जाएगी। जिन्हें दूसरी डोज लगनी है उन्हें भी प्राथमिकता दी जाएगी। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. के. पॉल ने कहा कि हमारी प्राथमिकता अब भी वही है। 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को ज्यादा रिस्क है इसलिए उन्हें बचाना हमारी प्राथमिकता है।
राज्यों को 18 से 44 साल के बीच प्राथमिकता तय करने का अधिकार
18 साल से 44 साल के उम्र के लोगों में किसे और कैसे वैक्सीन में प्राथमिकता देनी है यह राज्य सरकार तय कर सकते हैं। डॉ. पॉल ने कहा कि राज्यों को वैक्सीन सप्लाई की अडवांस जानकारी दी जाएगी। कम से कम एक महीने की सप्लाई का उन्हें पहले बता दिया जाएगा ताकि वह अच्छी प्लानींग कर सकें और जिले और वैक्सिनेशन सेंटर तक जानकारी पहुंचा सकें।
वैक्सीन निर्माता 25 पर्सेंट वैक्सीन प्राइवेट हॉस्पिटल्स को बेच सकते हैं
गाइडलाइंस में कहा गया है कि कुल वैक्सीन उत्पादन का 75 पर्सेंट केंद्र खरीदकर राज्यों को फ्री में उपलब्ध कराएगी। बचा 25 पर्सेंट प्राइवेट हॉस्पिटल खरीद सकते हैं। साथ ही कहा गया है कि राज्य प्राइवेट हॉस्पिटल्स की क्षमता, उनके आकार के हिसाब से वैक्सीन की मांग रखेंगे और केंद्र सप्लाई सुनिश्चित करेगा। छोटे शहरों में भी प्राइवेट हॉस्पिटल की भागीदारी नहीं होनी चाहिए। ऐसा न हो कि किसी राज्य के दो-तीन शहरों में ही प्राइवेट हॉस्पिटल जुड़े रहें। वैक्सीन निर्माता वैक्सीन की जो कीमत बताएंगे, प्राइवेट हॉस्पिटल उस पर 150 रुपये सर्विस चार्ज ले सकते हैं। हर नागरिक को फ्री वैक्सीन का अधिकार है। कोई चाहे तो अपनी मर्जी से प्राइवेट हॉस्पिटल में जाकर भी वैक्सीन लगवा सकता है।
ऑनलाइन और ऑनसाइट रजिस्ट्रेशन
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के अलावा सभी राज्य वैक्सिनेशन साइट पर भी रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करेंगे। अगर कोई व्यक्ति आर्थिक रूप से कमजोर किसी व्यक्ति की मदद करना चाहता है और उसे प्राइवेट हॉस्पिटल में वैक्सीन लगाने की सुविधा देना चाहता है तो इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक वाउचर जारी किए जाएंगे। यह नॉन-ट्रांसफरेबल होगा। राज्य सरकारें वैक्सीन बुकिंग के लिए कॉमन सर्विस सेंटर या कॉल सेंटर भी शुरू कर सकते हैं।
अगस्त और उससे आगे के लिए 74 करोड़ डोज का इंतजाम
डॉ. वी.के. पॉल ने कहा कि कोविशील्ड की 25 करोड़ डोज और कोवैक्सीन की 19 करोड़ डोज का ऑर्डर दे दिया गया है। यह अगस्त और इससे आगे के लिए है। इसके साथ ही 30 पर्सेंट अडवांस भी रिलीज किया जाएगा। बायोलॉजिकल-ई का भी नया वैक्सीन बन रहा है वह भी सितंबर में उपलब्ध होगा और उन्हें भी 30 करोड़ वैक्सीन डोज के लिए अडवांस दिया गया है। जुलाई तक के लिए 53 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज का बंदोबस्त पहले हो चुका है।
क्या सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानते हुए आई गाइडलाइन
सोमवार को पीएम मोदी के ऐलान के बाद से सोशल मीडिया में यह चर्चा जारी है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानते हुए केंद्र सरकार वैक्सिनेशन की नई गाइडलाइंस लाया। इस बारे में पूछने पर नीति आयोग सदस्य डॉ. वी. के. पॉल ने कहा कि केंद्र सरकार शुरू से डीसेंट्रलाइज मॉडल का मूल्यांकन कर रही थी। ऐसे फैसले रातों-रात नहीं होते। यह फीडबैक, मूल्यांकन, सभी स्टेकहोल्डर्स से चर्चा के आधार पर और पब्लिक नेरेटिव को देखते हुए लिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि 15 मई और फिर 21 मई को पीएम ने हाईलेवल मीटिंग में सबका फीडबैक लिया और फिर निर्देश दिया कि वैकल्पिक मॉडल बनाने पर काम किया जाए। हमने 10-15 दिन पहले पीएम को पूरी डिटेल रिपोर्ट सौंपी, जिसके बाद यह फैसला हुआ। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की प्रक्रिया अपनी जगह है, जिसका हम सम्मान करते हैं। साथ ही कहा कि 12 राज्यों ने भी रिक्वेस्ट की थी कि सभी के लिए वैक्सीन का केंद्र सरकार ही प्रॉक्योरमेंट करें, इसमें दस मुख्यमंत्री शामिल थे।
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