US India Russia: अमेरिका का दोमुंहा रवैया, रूस से तेल खरीदने पर भारत को ‘धमकी’, जर्मनी पर साधी चुप्‍पी

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US India Russia: अमेरिका का दोमुंहा रवैया, रूस से तेल खरीदने पर भारत को ‘धमकी’, जर्मनी पर साधी चुप्‍पी

US India Russia: अमेरिका का दोमुंहा रवैया, रूस से तेल खरीदने पर भारत को ‘धमकी’, जर्मनी पर साधी चुप्‍पी

वॉशिंगटन
यूक्रेन जंग के बीच रूस से सस्‍ता तेल खरीदने पर अमेरिका और भारत के संबंधों में तनाव बढ़ता दिख रहा है। अमेरिका ने कहा है कि रूस से सस्‍ता तेल खरीदकर भारत अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्‍लंघन नहीं करेगा। साथ ही अमेरिका ने चेतावनी भी दी कि भारत का यह कदम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को ‘इतिहास के गलत पक्ष की ओर डाल देगा।’ अमेरिका का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब दुनिया में तेल के दाम आसमान छू रहे हैं और जर्मनी समेत कई यूरोपीय देश अभी भी रूस से तेल और गैस खरीद रहे हैं।

इससे पहले ऐसी खबरें आई थीं कि भारत रूस से सस्‍ता तेल और अन्‍य सामान डिस्‍काउंट पर खरीदने पर विचार कर रहा है। वह भी तब जब अमेरिका ने रूस से सारे ऊर्जा आयात रोक दिए हैं। अमेरिकी राष्‍ट्रपति कार्यालय वाइट हाउस की प्रवक्‍ता जेन पसाकी ने कहा कि जो बाइडन प्रशासन का दुनिया के देशों को संदेश है कि वे अमेरिकी प्रतिबंधों का पालन करें। यह पूछे जाने पर कि क्‍या भारत का तेल खरीदना प्रतिबंधों का उल्‍लंघन होगा, इस पर पास्‍की ने कहा, ‘मैं नहीं मानती हूं कि यह उसका उल्‍लंघन होगा लेकिन आपको यह सोचना होगा कि आपके किसके साथ खड़े हो रहे हैं।’
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भारत ने अभी तक यूक्रेन पर हमले की निंदा नहीं की
पसाकी ने कहा, ‘जब इतिहास की किताबें इस समय लिखी जा रही हैं, रूस का समर्थन (रूसी नेतृत्‍व) करना हमले का समर्थन जैसा है और इसका विनाशकारी असर पड़ेगा।’ भारत ने अभी तक यूक्रेन पर हमले की निंदा नहीं की है। यही नहीं भारत रूस के खिलाफ संयुक्‍त राष्‍ट्र में वोटिंग के दौरान अनुपस्थित रहा था। हाल के दिनों में अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि वे चाहेंगे कि भारत रूस से जितना संभव हो सके दूरी बना ले। हालांकि उन्‍होंने यह भी माना कि भारत रूस पर हथियारों से लेकर गोला-बारूद तक के लिए निर्भर है।

इससे पहले पिछले सप्‍ताह रूस के डेप्‍युटी पीएम अलेक्‍जेंडर नोवाक ने भारतीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी से कहा था कि उनका देश भारत को तेल का निर्यात बढ़ाना चाहता है। यही नहीं रूस चाहता है कि भारत उनके देश के तेल क्षेत्र में निवेश करे। रूस सरकार के मुताबिक भारत को तेल और पेट्रोलियम निर्यात एक अरब डॉलर तक पहुंचने जा रहा है। रूसी नेता ने यह भी कहा कि उनका देश कुडनकुलम परमाणु बिजली केंद्र के विकास में सहयोग जारी रखना चाहता है।
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यूक्रेन हमले के बाद भारत ने रूस से पहली बार लिया तेल
मीडिया में आई ख‍बरों के मुताबिक भारत की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी कंपनी इंडियन ऑयल ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमले के बाद पहली बार 30 लाख बैरल तेल रूस से खरीदा है। भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी तेल आयात करता है। इसमें से केवल 2 से 3 प्रतिशत तेल ही रूस से आता है। उधर, यूरोपीय देश अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद भी रूस से तेल और गैस मंगा रहे हैं।



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