UPI के बाद अब दुनिया में जमेगी रुपये की धाक, खत्म होगी अमेरिका की बादशाहत! जानिए क्या है सरकार का प्लान

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UPI के बाद अब दुनिया में जमेगी रुपये की धाक, खत्म होगी अमेरिका की बादशाहत! जानिए क्या है सरकार का प्लान

UPI के बाद अब दुनिया में जमेगी रुपये की धाक, खत्म होगी अमेरिका की बादशाहत! जानिए क्या है सरकार का प्लान

नई दिल्ली: यूपीआई (UPI) का पूरी दुनिया में डंका बज रहा है। फ्रांस समेत दुनिया के कई देश इसे अपना चुके हैं और कई लाइन में खड़े हैं। अमेरिका में भी इसे अपनाने की मांग जोर पकड़ रही है। इस बीच भारत ने अमेरिका के स्विफ्ट (Society for Worldwide Interbank Fiancial Telecommunications) की तर्ज पर अपने इंटरनेशनल फाइनेंसिंग मेसेजिंग सिस्टम पर काम करना शुरू कर दिया है। दुनियाभर में एक देश से दूसरे देश में फंड्स और सिक्योरिटी को ट्रांसफर करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। अपने इस सिस्टम के दम पर अमेरिका दुनिया में फाइनेंस की दुनिया पर राज करता है लेकिन जल्दी ही उसकी यह बादशाहत खत्म हो सकती है। भारत सरकार ने रुपये को अंतरराष्ट्रीय लेनदेन में बढ़ावा देने के लिए यह व्यापक प्लान बनाया है। स्विफ्ट जैसा सिस्टम भी उसकी योजना का हिस्सा है। इस सिस्टम से द्विपक्षीय व्यापार को रुपये में सेटल करने में मदद मिलेगी।

सूत्रों के मुताबिक बैंकरों की एक एक्सपर्ट कमेटी इस बारे में विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रही है। यह कमेटी अगले महीने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप सकती है। इस कमेटी में एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया समेत कई बैंकों के सदस्य शामिल हैं। एक बैंक अधिकारी ने कहा कि इंडिपेंडेंट फाइनेंसिंग मेसेजिंग सिस्टम के बारे में भी एक सुझाव आया है। बाइलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट्स वाले देशों के साथ इसका यूज किया जा सकता है। कमेटी यह सुझाव देगी कि सिस्टम को कैसे ऑपरेशनल बनाया जा सकता है और इसमें क्या-क्या चुनौतियां हैं। इसके बाद आरबीआई समेत दूसरे स्टेकहोल्डर्स के साथ इस पर चर्चा होगी।

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रुपये का बढ़ता रुतबा

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि कमेटी आरबीआई के मौजूदा प्लेटफॉर्म एसएफएमएस (स्ट्रक्चर्ड फाइनेंशियल मेसेजिंग सिस्टम) पर विचार करेगी। हम यह देखेंगे कि इसे कैसे बढ़ाया जा सकता है। एसएफएमएस को स्विफ्ट की तर्ज पर बनाया गया है। इसे बैंकों के बीच कम्युनिकेशन सिक्योर करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। आरबीआई ने 2022 में अपने विजन डॉक्यूमेंट में इस सिस्टम के दायरे को बढ़ाने की बात कही थी। सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रुपये को बढ़ावा देने के लिए बैंकों से इंटरनेशनल ट्रेडिंग कम्युनिटी के साथ आउटरीच प्रोग्राम चलाने को कहा है। अब तक 22 देशों के 20 बैंक 92 स्पेशल रुपी वोस्ट्रो अकाउंट्स (SVAs) खोल चुके हैं।

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