Upen Yadav की तबीयत बिगड़ी, किटॉन्स बढे़, शूगर लेवल पहुंचा 50, डॉक्टर चिंतित, Rajasthan Sarkar को बता रहे जिम्मेदार
Upen Yadav News: राजस्थान में बेरोजगारों के लिए आंदोलन करने वाले युवा बेरोजगार नेता उपेन यादव का अनशन जारी है। इससे पहले तबीयत खराब होने के बाद से जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। फिलहाल यादव को आईसीयू में भर्ती कर रखा है। लेकिन दवा नहीं लेने से तबीयत खराब होती जा रही है।
हाइलाइट्स
- राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव की तबीयत बिगड़ी
- पिछले 6 दिन से जलपान का भी त्याग कर रखा है
- जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के आईसीयू में भर्ती हैं
मेरी मौत का जिम्मेदार सरकार होगी – उपेन
डॉक्टरों के बार बार कहने के बावजूद भी उपेन यादव ने इलाज लेने से इनकार कर दिया है। भर्ती रजिस्टर में डॉक्टर हमेशा उपेन से इलाज के बारे में लिखवाते हैं। उपेन यादव रोज लिखते हैं कि ‘मैं मेरी मर्जी से इलाज नहीं ले रहा हूं। मेरे साथ कुछ अनहोनी होती है तो उसकी जिम्मेदार सरकार होगी।’ आईसीयू में भर्ती होने बावजूद उपेन ना तो कोई दवाई ले रहे हैं और ना ही ब्लड की जांच करवा रहे हैं। लगातार हालत बिगड़ने से डॉक्टर चिंतित हैं। पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचकर उपेन से इलाज लेने के लिए कह रहे हैं लेकिन उपेन ने इलाज लेने से साफ इनकार कर दिया है। डॉक्टरों के मुताबिक उपेन की हालत अब खतरे में है। उनका शूगर लेवल 50 पहुंच गया है और किटॉन्स भी बढ़ गए हैं।
बुधवार को ट्विटर पर ट्रेंड रहे उपेन
सरकार भले ही इस पूरे घटनाक्रम पर बेखबर बनी हो लेकिन बुधवार 8 मार्च को सोशल मीडिया के ट्विटर हैंडल पर उपेन यादव ट्रेंडिंग में रहे। प्रदेश के युवाओं ने उपेन को दो जगह ट्रेंड करवाया। हैशटेग ‘मैं भी उपेन यादव’ ने इंडिया में ट्रेंड किया। 1 लाख 45 हजार युवाओं ने उपेन के समर्थन में ट्वीट किए। उपेन के समर्थक हनुमान किसान और रविन्द्र चौधरी उनकी देखभाल के लिए पिछले 6 दिन से हॉस्पिटल के आईसीयू वार्ड में हैं। हालचाल जानने के लिए दिन में कई नेताओं के कॉल भी उपेन यादव के पास आ रहे हैं लेकिन सरकार इन सब से बेखबर बनी हुई है।
थाना प्रभारी पर कार्रवाई की मांग
7 फरवरी को उपेन यादव कुछ बेरोजगार साथियों के साथ आरपीएससी (अजमेर) के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचे थे। वहां 5-6 पुलिसकर्मी मौजूद थे। उपेन ने उनसे कहा कि वे 5 मिनट सांकेतिक प्रदर्शन करके आरपीएससी चेयरमैन को ज्ञापन देना चाहते हैं। पुलिसकर्मियों की मौखिक अनुमति के बाद 5 मिनट सांकेतिक नारेबाजी हुई। इसके बाद उपेन यादव मीडिया को बाइट दे रहे थे। इसी दौरान सिविल लाइन थाना प्रभारी दलबीर सिंह फौजदार आए। उस समय सभी बेरोजगार चुपचाप खड़े थे और उपेन मीडिया वालों को इंटरव्यू दे रहे थे। अचानक मौके पर पहुंचे थाना प्रभारी ने युवा बेरोजगारों को डंडे मारते हुए खदेड़ना शुरू कर दिया। अचानक हुए इस घटनाक्रम से बेरोजगार युवाओं में अफरा तफरी मच गई और वे गिरते उठते भाग गए। इस दौरान उपेन को गिरफ्तार किया गया। उपेन का आरोप है कि सिविल लाइन थाना प्रभारी ने पुलिस वाहन में बदतमीजी की और थाने ले जाने के बाद उनकी दाढी और सिर के बाल खींचे। इससे कई बाल उनके हाथ में आ गए जिन्हें डस्टबिन में डाला गया। थाना प्रभारी पर कार्रवाई की मांग को लेकर उपेन अन्न और जल का त्याग करते हुए अनशन कर रहे हैं।
धारा 144 में प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं, इसलिए कार्रवाई की
आरपीएससी केम्पस के आसपास धारा 144 लगाई हुई है। ऐसे में वहां समूह में एकत्रित होने और प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं है। उपेन ने प्रदर्शन की अनुमति नहीं ले रखी थी। सिविल लाइन थाना प्रभारी का कहना है कि बिना अनुमति के रास्ता जाम करके प्रदर्शन करने पर बेरोजगारों को हल्का बल प्रयोग करते हुए खदेड़ा गया था। कानून के अनुरूप उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है। उधर उपेन यादव का कहना है कि थाना प्रभारी को लाठी मारने से पहले बेरोजगारों को चेतावनी देनी चाहिए थी। बेरोजगार तो सांकेतिक प्रदर्शन के बाद रवाना हो रहे थे। अचानक मारने जैसी नौबत क्यों आई?
रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़
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