UP Vote counting: यूपी में मतगणना केंद्रों की मजबूत हो सुरक्षा, बीजेपी ने चुनाव आयोग से मिलकर रखी मांग h3>
नई दिल्ली/लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मतगणना (vote counting up) से पहले बुधवार को बीजेपी के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकात कर यूपी में मतगणना केंद्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है। एक दिन पहले समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने यूपी में धांधली के आरोप लगाए थे। बीजेपी की ओर से कहा गया कि आम वोटर की लोकतंत्र में आस्था और विश्वास कायम रहे इसलिए काउंटिंग सेंटरों को पूरी तरह सुरक्षित किया जाए।
बीजेपी प्रतिनिधिमंडल में शामिल केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, जी. किशन रेड्डी और पार्टी नेता ओम पाठक बुधवार को चुनाव आयोग पहुंचे। चुनाव आयोग को सौंपे ज्ञापन में पार्टी ने कहा, ‘मंगलवार, 8 मार्च, 2022 को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने असंतोष फैलाने का प्रयास किया और बेशर्म होकर चुनाव आयोग और उसके अधिकारियों के खिलाफ निराधार, तुच्छ और झूठे आरोप लगाए।’
इसमें आगे कहा है, ‘राजनीतिक दलों या असामाजिक तत्वों को उनके इशारे पर लोकतांत्रिक या चुनावी प्रक्रियाओं को पटरी से उतारने की अनुमति नहीं दी जा सकती। चूंकि सर्वोच्च और सबसे सम्मानित संवैधानिक निकाय को चुनावों के अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण की जिम्मेदारी सौंपी जाती है, इसलिए आयोग को पूर्ण रूप से अपने अधिकार का दावा करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मतगणना स्थलों और मतगणना प्रक्रिया की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।’
भाजपा ने कड़े और निवारक उपायों की मांग करते हुए अनुरोध किया कि ऐसे राजनीतिक दलों के गैर-जिम्मेदार नेताओं, जो इन असामाजिक तत्वों को अशांति पैदा करने के लिए उकसा रहे हैं और भड़का रहे हैं, उनसे चुनावी कानूनों और अन्य उपलब्ध कानूनी उपायों के अनुसार प्रभावी ढंग से निपटा जाना चाहिए। ज्ञापन में कहा गया है, ‘यदि इनमें से कोई भी लोकतंत्र की अनिवार्यता में विश्वास नहीं करता है, तो क्या ऐसे नेताओं को चुनावों में भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए? आयोग को इस मामले पर विचार करना चाहिए।’
भाजपा ने मांग की कि सपा प्रमुख और उनके साथियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और चुनाव संहिता और भारतीय दंड संहिता के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए। प्रधान ने कहा, ‘यादव हताश हैं, क्योंकि उन्हें उत्तर प्रदेश में हार का डर है और कल उन्होंने जिस भाषा का इस्तेमाल किया, वह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।’
बीजेपी प्रतिनिधिमंंडल
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इसमें आगे कहा है, ‘राजनीतिक दलों या असामाजिक तत्वों को उनके इशारे पर लोकतांत्रिक या चुनावी प्रक्रियाओं को पटरी से उतारने की अनुमति नहीं दी जा सकती। चूंकि सर्वोच्च और सबसे सम्मानित संवैधानिक निकाय को चुनावों के अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण की जिम्मेदारी सौंपी जाती है, इसलिए आयोग को पूर्ण रूप से अपने अधिकार का दावा करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मतगणना स्थलों और मतगणना प्रक्रिया की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।’
भाजपा ने कड़े और निवारक उपायों की मांग करते हुए अनुरोध किया कि ऐसे राजनीतिक दलों के गैर-जिम्मेदार नेताओं, जो इन असामाजिक तत्वों को अशांति पैदा करने के लिए उकसा रहे हैं और भड़का रहे हैं, उनसे चुनावी कानूनों और अन्य उपलब्ध कानूनी उपायों के अनुसार प्रभावी ढंग से निपटा जाना चाहिए। ज्ञापन में कहा गया है, ‘यदि इनमें से कोई भी लोकतंत्र की अनिवार्यता में विश्वास नहीं करता है, तो क्या ऐसे नेताओं को चुनावों में भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए? आयोग को इस मामले पर विचार करना चाहिए।’
भाजपा ने मांग की कि सपा प्रमुख और उनके साथियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और चुनाव संहिता और भारतीय दंड संहिता के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए। प्रधान ने कहा, ‘यादव हताश हैं, क्योंकि उन्हें उत्तर प्रदेश में हार का डर है और कल उन्होंने जिस भाषा का इस्तेमाल किया, वह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।’
बीजेपी प्रतिनिधिमंंडल
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