UP Politics: सपा ने खटखटाया चुनाव आयोग का दरवाजा, बीजेपी मंत्री-नेता पर पैसा, शराब बांटने का आरोप h3>
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की घोसी उपचुनाव को लेकर सियासी संग्राम मचा हुआ है। 5 सितंबर को वोटिंग होनी है, 8 सितंबर को इसके नतीजे आएंगे। वहीं घोसी सीट को दोबारा जीतने के लिए समाजवादी पार्टी ने पूरी ताकत झोंक दी है। लेकिन बीजेपी ने भी दारा सिंह चौहान को उम्मीदवार बनाकर सपा को कड़ी टक्कर दे रही है।
इसी बीच समाजवादी पार्टी ने घोसी उपचुनाव को लेकर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है। सपा ने बीजेपी के मंत्रियों व नेताओं द्वारा पैसा और शराब बांटने पर रोक लगाने के लिए प्रभावी कार्रवाई की मांग की है। इसके साथ ही अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में दहशत फैलाने वाले अधिकारियों और पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है।
सपा मुखिया अखिलेश यादव के निर्देश पर सपा सचिव राजेन्द्र चौधरी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर शिकायत की है। जिसमें सपा राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि सरकार के मंत्रियों के इशारे पर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा वोटिंग लिस्ट से बड़ी संख्या में वोटरों के नाम कटवाने, वोटरों के नाम दूसरी लिस्ट में डालने और मतदाताओं की फ़ोटो बदलने की साजिश किए जाने की आशंका जाहिर की है।
इसके साथ ही अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में सपा समर्थक मतदाताओं को प्रताड़ित किए जाने का भी आरोप लगाया है। इसके साथ ही राजेन्द्र चौधरी ने पत्र के जरिये कहा कि पुलिस चेकिंग के नाम पर मस्जिद और मदरसों में जूते पहनकर अंदर घुस रहे हैं, जिससे लागों में जनआक्रोश का माहौल बना हुआ है।
समाजवादी पार्टी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से स्वतंत्र, निष्पक्ष, भयमुक्त चुनाव कराने के लिए आदर्श आचार संहिता का कड़ाई के साथ पालन कराने की मांग की है। सपा ने कुछ लोगों के नामों का जिक्र करते हुए बताया उनके घरों का समरसेबुल, पानी की टंकी और घरों के पाइप तोड़ दिए गए हैं। साथ ही रफीक कम्प्यूटर की दुकान से पुलिस जबरन लैपटॉप लेकर चली गई है।
इसके साथ ही सपा ने पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाये हैं। पत्र में बताया कि पुलिस कप्तान ने 29 अगस्त की शाम को अदरी अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्र में सैकड़ों पुलिस कर्मियों के साथ फ्लैगमार्च करते हुए दहशत का माहौल बनाया। इस दौरान जोर जोर से नारेबाजी करने का भी आरोप लगाया है।
इसके साथ ही सपा ने आरोप लगाया कि अदापुर, करीमुद्दीन गांव समेत कई अन्य जगहों पर मकानों, दुकानों, कारखानों के बिजली पानी व हाउस टैक्स के कागजात मांगने की आड़ में लोगों को डराया धमकाया जा रहा है। सपा नेता ने बताया कि नगर पंचायत कोपा में पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रचार से रोकने के लिए पुलिस द्वारा डराया, धमकाया जा रहा है।
अनिल मास्टर और उनके तीन चार साथियों को प्रचार करते वक्त जबरन थाने में बंद कर दिया गया, जिससे चुनाव प्रभावित हो रहा है। करीमुद्दीन गांव के रहने वाले मोहम्मद राशिद को उसकी दुकान से गिरफ्तार कर फर्जी मुकदमा लिख दिया गया है। साथ ही ज्याउलुम मदरसा रज़ानगर अदरी में पढ़ने वाले बच्चों को जबरन छुट्टी पर भेजकर मदरसे को पुलिस प्रशासन द्वारा खाली कराया जा रहा है।
इससे पहले समाजवादी पार्टी के पदाधिकारियों यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात कर उनको शिकायती पत्र सौंपा था जिसमें पुलिस पर अल्पसंख्यक बाहुल्य आबादी की गलियों में जाकर घरों के सामने खड़ी बाईक, टैक्टर आदि को जबरन उठाकर पुलिस थाने में कस्टडी में किये जाने का आरोप लगाया गया था। सपा ने आरोप लगाते हुए बताया कि अल्पसंख्यकों में डर का माहौल बनाया जा रहा है, जिससे अल्पसंख्यक मतदान में भाग न ले सके।
इसके साथ ही यह भी बताया था कि घोसी उपचुनाव में 15 पुलिस उपनिरीक्षक व 83 हेड कांन्स्टेबल व कांस्टेबल और 50 महिला आरक्षियों की ड्यूटी 2 सितम्बर से चुनाव सम्पन्न होने तक के लिए लगाई गई है, जिसमें यादव और मुस्लिम नहीं है, यह क्यों नहीं है।
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इसी बीच समाजवादी पार्टी ने घोसी उपचुनाव को लेकर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है। सपा ने बीजेपी के मंत्रियों व नेताओं द्वारा पैसा और शराब बांटने पर रोक लगाने के लिए प्रभावी कार्रवाई की मांग की है। इसके साथ ही अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में दहशत फैलाने वाले अधिकारियों और पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है।
सपा मुखिया अखिलेश यादव के निर्देश पर सपा सचिव राजेन्द्र चौधरी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर शिकायत की है। जिसमें सपा राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि सरकार के मंत्रियों के इशारे पर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा वोटिंग लिस्ट से बड़ी संख्या में वोटरों के नाम कटवाने, वोटरों के नाम दूसरी लिस्ट में डालने और मतदाताओं की फ़ोटो बदलने की साजिश किए जाने की आशंका जाहिर की है।
इसके साथ ही अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में सपा समर्थक मतदाताओं को प्रताड़ित किए जाने का भी आरोप लगाया है। इसके साथ ही राजेन्द्र चौधरी ने पत्र के जरिये कहा कि पुलिस चेकिंग के नाम पर मस्जिद और मदरसों में जूते पहनकर अंदर घुस रहे हैं, जिससे लागों में जनआक्रोश का माहौल बना हुआ है।
समाजवादी पार्टी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से स्वतंत्र, निष्पक्ष, भयमुक्त चुनाव कराने के लिए आदर्श आचार संहिता का कड़ाई के साथ पालन कराने की मांग की है। सपा ने कुछ लोगों के नामों का जिक्र करते हुए बताया उनके घरों का समरसेबुल, पानी की टंकी और घरों के पाइप तोड़ दिए गए हैं। साथ ही रफीक कम्प्यूटर की दुकान से पुलिस जबरन लैपटॉप लेकर चली गई है।
इसके साथ ही सपा ने पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाये हैं। पत्र में बताया कि पुलिस कप्तान ने 29 अगस्त की शाम को अदरी अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्र में सैकड़ों पुलिस कर्मियों के साथ फ्लैगमार्च करते हुए दहशत का माहौल बनाया। इस दौरान जोर जोर से नारेबाजी करने का भी आरोप लगाया है।
इसके साथ ही सपा ने आरोप लगाया कि अदापुर, करीमुद्दीन गांव समेत कई अन्य जगहों पर मकानों, दुकानों, कारखानों के बिजली पानी व हाउस टैक्स के कागजात मांगने की आड़ में लोगों को डराया धमकाया जा रहा है। सपा नेता ने बताया कि नगर पंचायत कोपा में पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रचार से रोकने के लिए पुलिस द्वारा डराया, धमकाया जा रहा है।
अनिल मास्टर और उनके तीन चार साथियों को प्रचार करते वक्त जबरन थाने में बंद कर दिया गया, जिससे चुनाव प्रभावित हो रहा है। करीमुद्दीन गांव के रहने वाले मोहम्मद राशिद को उसकी दुकान से गिरफ्तार कर फर्जी मुकदमा लिख दिया गया है। साथ ही ज्याउलुम मदरसा रज़ानगर अदरी में पढ़ने वाले बच्चों को जबरन छुट्टी पर भेजकर मदरसे को पुलिस प्रशासन द्वारा खाली कराया जा रहा है।
इससे पहले समाजवादी पार्टी के पदाधिकारियों यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात कर उनको शिकायती पत्र सौंपा था जिसमें पुलिस पर अल्पसंख्यक बाहुल्य आबादी की गलियों में जाकर घरों के सामने खड़ी बाईक, टैक्टर आदि को जबरन उठाकर पुलिस थाने में कस्टडी में किये जाने का आरोप लगाया गया था। सपा ने आरोप लगाते हुए बताया कि अल्पसंख्यकों में डर का माहौल बनाया जा रहा है, जिससे अल्पसंख्यक मतदान में भाग न ले सके।
इसके साथ ही यह भी बताया था कि घोसी उपचुनाव में 15 पुलिस उपनिरीक्षक व 83 हेड कांन्स्टेबल व कांस्टेबल और 50 महिला आरक्षियों की ड्यूटी 2 सितम्बर से चुनाव सम्पन्न होने तक के लिए लगाई गई है, जिसमें यादव और मुस्लिम नहीं है, यह क्यों नहीं है।
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