UP Nikay Chunav: कानपुर में सपा का ब्राह्मण कार्ड, अमिताभ वाजपेई की पत्नी को बनाया प्रत्याशी, बीजेपी-कांग्रेस के बिगड़े समीकरण h3>
सुमित शर्मा, कानपुरःउतर प्रदेश निकाय चुनाव 2023 (UP Nagar Nikay Chunav 2023) की तारीखों का ऐलान हो चुका है। राजनीतिक पार्टियां मेयर पद के प्रत्याशियों के नामों का घोषणा भी शुरू कर दी है। कानपुर में कांग्रेस के बाद सपा ने भी गुरुवार को मेयर पद के प्रत्याशी का ऐलान कर दिया। सपा ने कानपुर में इस बार ब्राह्मण कार्ड खेला है। अखिलेश यादव ने सपा विधायक अमिताभ वाजपेई की पत्नी वंदना वाजपेई को प्रत्याशी बनाया है। वंदना वाजपेई के चुनावी मैदान में उतरने से बीजेपी-कांग्रेस पार्टियों का समीकरण बिगड़ सकता है।आर्यनगर विधानसभा सीट से अमिताभ वाजपेई दूसरी बार के विधायक हैं। अमिताभ वाजपेई की पत्नी बन्दना वापजेई हाउस वाइफ है। इसके साथ ही समाज सेविका भी हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान बन्दना वाजपेई ने भी चुनावी कमान संभाली थी। बन्दना वाजपेई ने आर्ट से बीए तक पढ़ाई की है। उनके पिता श्याम त्रिपाठी यूपी पुलिस से डीएसपी के पद से रिटायर हैं। इसके साथ ही उनके ससुर केसी वाजपेई कस्टम विभाग से रिटायर हैं, और सास सीएसए से प्रफेसर के पद से रिटायर हैं। वहीं उनका बेटा शिखर वाजपेई एचबीटीयू से एमटेक कर रहा है।
मजबूत दावेदारी मानी जा रही है
कानपुर में मेयर पद के चुनाव में वैसे तो कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर देखने को मिलती है। लेकिन सपा ने बन्दना वाजपेई को चुनावी मैदान में उतार कर पहली बार फाइट में आ गई है। सपा ने ब्राह्मण और दमदार प्रत्याशी को उतार कर कानपुर की लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है। बन्दना वाजपेई की गिनती कद्दावर प्रत्याशियों में हो रही है। सपा को ब्राह्मण वोटरों के साथ ही मुस्लिम, ओबीसी और एससी वोटरों का भी साथ मिल सकता है। इस स्थिति में उनकी दावेदारी बहुत मजबूत मानी जा रही है।
इरफान पर कानूनी कार्रवाई से नाराजगी
सपा विधायक इरफान सोलंकी पर की गई कानूनी कार्रवाई से मुस्लिम वोटरों में भारी नाराजगी है, जिसका फायदा समाजवादी पार्टी उठाना चाहती है। इसके साथ ही सपा के प्रति मुस्लिम वोटरों में सहानभूति भी देखी जा रही है। मेयर और लोकसभा के चुनाव में देखा गया है कि मुस्लिम वोटर सपा और कांग्रेस में बट जाता था। लेकिन इरफान सोलंकी के मामले को देखते हुए मुस्लिम वोटर एकजुट हो गए हैं। इसके साथ ही सपा ने बन्दना वाजपेई को उतार दिया है, इससे पार्टी एक बार फिर से मजबूत स्थिति में खड़ी हो गई है।
तीनों मुस्लिम बाहुल सीटों पर सपा का कब्जा है
मेयर के चुनाव में कानपुर की सात विधानसभा सीटें आती हैं। विधानसभा की सात सीटों में से तीन सीटों पर सपा कब्जा है। मेयर के चुनाव में तीन विधानसभा सीटे ऐसी हैं, जो मुस्लिम बाहुल हैं। सबसे खास बात यह है कि इन तीनों सीटों पर समाजवादी पार्टी के विधायक हैं। सीसामऊ सीट से इरफान सोलंकी, आर्यनगर से अमिताभ वाजपेई और कैंट सी मो हसन रूमी विधायक हैं।
ब्राह्मण बहुल क्षेत्र
कानपुर की 7 विधानसभा सीटों में तीन ऐसी सीटें हैं, जो ब्राह्मण बहुल हैं। जिसमें किदवई नगर, गोविंद नगर और कल्यानपुर विधानसभा सीटें आती हैं। इन सीटों पर सबसे ज्यादा ब्राह्मण और ओबीसी मतदाता है। सपा के ब्राह्मण प्रत्याशी उतारने से ब्राह्मण बाहुल क्षेत्रों के वोटर सोंच में पड़ गए हैं कि किसे समर्थन दिया जाए। वहीं सपा ओबीसी और एससी वोटरों में सेंध लगाने का काम कर रही है।
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मजबूत दावेदारी मानी जा रही है
कानपुर में मेयर पद के चुनाव में वैसे तो कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर देखने को मिलती है। लेकिन सपा ने बन्दना वाजपेई को चुनावी मैदान में उतार कर पहली बार फाइट में आ गई है। सपा ने ब्राह्मण और दमदार प्रत्याशी को उतार कर कानपुर की लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है। बन्दना वाजपेई की गिनती कद्दावर प्रत्याशियों में हो रही है। सपा को ब्राह्मण वोटरों के साथ ही मुस्लिम, ओबीसी और एससी वोटरों का भी साथ मिल सकता है। इस स्थिति में उनकी दावेदारी बहुत मजबूत मानी जा रही है।
इरफान पर कानूनी कार्रवाई से नाराजगी
सपा विधायक इरफान सोलंकी पर की गई कानूनी कार्रवाई से मुस्लिम वोटरों में भारी नाराजगी है, जिसका फायदा समाजवादी पार्टी उठाना चाहती है। इसके साथ ही सपा के प्रति मुस्लिम वोटरों में सहानभूति भी देखी जा रही है। मेयर और लोकसभा के चुनाव में देखा गया है कि मुस्लिम वोटर सपा और कांग्रेस में बट जाता था। लेकिन इरफान सोलंकी के मामले को देखते हुए मुस्लिम वोटर एकजुट हो गए हैं। इसके साथ ही सपा ने बन्दना वाजपेई को उतार दिया है, इससे पार्टी एक बार फिर से मजबूत स्थिति में खड़ी हो गई है।
तीनों मुस्लिम बाहुल सीटों पर सपा का कब्जा है
मेयर के चुनाव में कानपुर की सात विधानसभा सीटें आती हैं। विधानसभा की सात सीटों में से तीन सीटों पर सपा कब्जा है। मेयर के चुनाव में तीन विधानसभा सीटे ऐसी हैं, जो मुस्लिम बाहुल हैं। सबसे खास बात यह है कि इन तीनों सीटों पर समाजवादी पार्टी के विधायक हैं। सीसामऊ सीट से इरफान सोलंकी, आर्यनगर से अमिताभ वाजपेई और कैंट सी मो हसन रूमी विधायक हैं।
ब्राह्मण बहुल क्षेत्र
कानपुर की 7 विधानसभा सीटों में तीन ऐसी सीटें हैं, जो ब्राह्मण बहुल हैं। जिसमें किदवई नगर, गोविंद नगर और कल्यानपुर विधानसभा सीटें आती हैं। इन सीटों पर सबसे ज्यादा ब्राह्मण और ओबीसी मतदाता है। सपा के ब्राह्मण प्रत्याशी उतारने से ब्राह्मण बाहुल क्षेत्रों के वोटर सोंच में पड़ गए हैं कि किसे समर्थन दिया जाए। वहीं सपा ओबीसी और एससी वोटरों में सेंध लगाने का काम कर रही है।