UP सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय भेजी चिट्ठी, PFI बैन होने की पूरी संभावना

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उत्तरप्रदेश सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को बैन की मांग की है उन्होंने इसके संदर्भ में केंद्रीय गृह मंत्रालय को चिठ्ठी भी भेजी है। यह भी खबर है की पीएफआई से जुड़ी पिछली कुछ महीनो की गतिविधियों के बारे में भी गृह मंत्रालय रिव्यु कर सकता है।


इस कदम को उठाने का कारण यह बताया जा रहा है नागरिकता कानून को लेकर पूरे देश भर में चल रहे प्रदर्शन के दौरान पीएफआई के सदस्य पकड़े गए और उन पर हिंसा फैलाने का आरोप है और साथ ही यह भी जानकारी है की उनके आतंकी संगठन के साथ संबंध होने की खबर उत्तर प्रदेश पुलिस ने गृह मंत्रालय को प्रदान कर दी है।

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खबरों के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा के आरोप में पीएफआई से जुड़े लोगों को नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में गिरफ्तार किया गया था. इस हिंसा के आरोपियों के पास में आपत्तिजनक सामग्रियां,साहित्य और सीडी मिले थे, जिसको आधार बनाकर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को बैन करने का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के समक्ष रखा है।

इन सात राज्यों में जैसे दिल्ली,आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, केरल, झारखंड,पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में पीएफआई काफी सक्रिय है। खबर यह भी है की नागरिक संशोधन कानून पर हुए प्रदर्शन के पीछे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की भूमिका की जांच का दायरा और ज्यादा बढ़ सकता है देश की इन्वेस्टीगेशन एजेंसी को इस बात का भी संदेह है की देशभर में सीएए और एनआरसी के नाम पर हुए हिंसक प्रदर्शन में पीएफआई से जुड़े लोग शामिल थे।

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मल्टी एजेंसी सेंटर ( MAC) की रिपॉर्ट से यह साफ़ तोर पर जाहिर हो रहा है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पीएफआई पार्टी से जुड़े लोगों ने मीटिंग का आयोजन किया था। ऐसी भी खबरे आ रही थी। पीएफआई से जुड़े लोगों ने नागरिक संशोधन कानून बनने से पहले असम और पश्चिम बंगाल में इस कानून के विरोध में आम लोगों के बीच पर्चे बांटे थे।