UP Election Result 2022: प्रियंका गांधी की शुरुआत निराशाजनक, यूपी में सबसे बुरे दौर में पहुंची कांग्रेस

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UP Election Result 2022: प्रियंका गांधी की शुरुआत निराशाजनक, यूपी में सबसे बुरे दौर में पहुंची कांग्रेस

UP Election Result 2022: प्रियंका गांधी की शुरुआत निराशाजनक, यूपी में सबसे बुरे दौर में पहुंची कांग्रेस

लखनऊ : सक्रिय राजनीति में आने के बाद पहली बार अपने बूते कांग्रेस को यूपी चुनाव (UP Assembly Election Result) में लेकर उतरीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) की शुरुआत बेहद निराशाजनक रही। पार्टी 2017 के अपने बुरे प्रदर्शन से भी खराब स्थिति में पहुंच गई। प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू तक हार गए और सीटों की संख्या घटकर दो रह गई। वोट प्रतिशत भी 6.20% से घटकर 2.38% रह गया।

प्रियंका जब 2019 में सक्रिय राजनीति में आईं, तब उन्हें यूपी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी और तय हो गया था कि वह 2022 तक यहीं रहेंगी। 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने संगठन को फिर तैयार करने की कवायद शुरू की। राज बब्बर को हटाकर अजय कुमार लल्लू को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। नए सिरे से जिला, नगर और ब्लॉकों की इकाइयां बनाई गईं। इन नई कमिटियों को लेकर विवाद खड़ा हुआ। आरोप लगे कि पुराने कांग्रेसियों को हटाकर उन लोगों को आगे किया जा रहा है, जो हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हैं। कई वरिष्ठों ने जब इस पर आपत्ति जताई तो उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया।

प्रियंका की तीन साल की कवायद पर सवाल उठा रहे चुनाव परिणाम
इसके बाद दौर आया कि बड़े नेताओं ने कांग्रेस छोड़नी शुरू की। इतने लोगों ने कांग्रेस छोड़ी कि चुनाव तक आते-आते पार्टी बेचेहरा हो गई। पार्टी छोड़ने वाले लोगों में वे नाम भी थे, जो कांग्रेस 1989 के बाद प्रदेश की सत्ता में न रहने के बावजूद कांग्रेस में ही रहे थे। प्रियंका की अगुआई में यूपी कांग्रेस अपने ढर्रे बढ़ती रही और सभी विरोधों को दरकिनार करती रही। ऐसे में चुनाव परिणाम प्रियंका की तीन साल की कवायद पर सवाल उठा रहे हैं।

मुखर होने लगा विरोध

कांग्रेस में प्रियंका के निजी सचिव संदीप सिंह के हस्तक्षेप को लेकर हमेशा ही सवाल उठते रहे। लोगों का आरोप रहा कि वह ही परोक्ष रूप से कांग्रेस से जुड़े फैसले ले रहे हैं। यही नहीं, विशुद्ध तौर पर यह संदेश गया कि कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच वह एक दीवार की तरह हैं। यही नहीं, कांग्रेस वामदलों से आने वाले नेताओं की पनाहगाह बनी। उन्हें अहम पदों से नवाजा गया। गुरुवार को आए नतीजे के बाद कांग्रेस में मीडिया संयोजक रहे जीशान हैदर ने ट्वीट कर इस पर कटाक्ष भी किया। यही नहीं, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने प्रियंका के नाम पर एक खुला पत्र कू किया। इसमें उन्होंने लिखा कि इस चुनाव में पार्टी की यह हालत करने वालों की पारदर्शी समीक्षा की जाए और जिनके ऊपर बड़ी जिम्मेदारियां थी उन पर सख्त से सख्त अनुशासनात्मक और संगठनात्मक कार्रवाई हो।

‘लोकतंत्र में जनता का मत सर्वोपरि’
प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा क‍ि लोकतंत्र में जनता का मत सर्वोपरि है। हमारे कार्यकर्ताओं और नेताओं ने मेहनत की, संगठन बनाया, जनता के मुद्दों पर संघर्ष किया। लेकिन, हम अपनी मेहनत को वोट में तब्दील करने में कामयाब नहीं हुए। कांग्रेस संघर्षशील विपक्ष का कर्तव्य पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाती रहेगी।

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