UP Election 2022: अयोध्या, मथुरा या गोरखपुर… यूपी के चुनावी रण में कहां से उतरेंगे योगी? सीएम ने दिया है जवाब h3>
हाइलाइट्स
- आयोध्या, मथुरा और गोरखपुर से चुनाव लड़ने की हैं अटकलें
- मंगलवार को उम्मीदवारों के नाम पर मंथन, योगी भी होंगे हिस्सा
- योगी सहित पिछले तीन मुख्यमंत्रियों ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा
नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश में चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। उम्मीदवारों में नामों पर विचार होने लगा है। लोगों की सबसे ज्यादा दिलचस्पी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सीट को लेकर है। उनके अयोध्या, गोरखपुर या मथुरा से चुनाव लड़ने की अटकलें हैं। हालांकि, योगी आदित्यनाथ ने इसका साफ जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि इसका फैसला आलाकमान को करना है। उसका जैसा आदेश होगा वह उसे मानेंगे।
इसमें एक बात साफ है। वह यह कि सीएम योगी आदित्यनाथ का विधानसभा चुनाव लड़ना तय है। यह बात कई मायनों में अहम है। योगी समेत पिछले तीन मुख्यमंत्रियों ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था। 2007 में मायावती पूर्ण बहुमत के साथ सीएम बनीं। लेकिन, वह विधान परिषद के रास्ते से सदन पहुंचीं। इसके अलावा 2012 में अखिलेश यादव और 2017 में खुद योगी आदित्यनाथ ने चुनाव नहीं लड़ा था। नतीजों के बाद इन दोनों ने भी विधान परिषद की राह चुनी।
इसी कड़ी में मंगलवार को बीजेपी मुख्यालय में एक बड़ी बैठक होने वाली है। इसमें संभावित उम्मीदवारों के नामों पर विचार किया जाएगा। केंद्रीय नेताओं के साथ इसमें यूपी कोर ग्रुप के नेता शामिल होंगे। उत्तर प्रदेश की चुनाव समिति ने उम्मीदवारों की लिस्ट भेजी है। बैठक में इस पर मंथन होगा।
उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी को पहले चरण में 58 सीटों पर, 14 फरवरी को दूसरे चरण में 55 सीटों पर, 20 फरवरी को तीसरे चरण में 59 सीटों पर, 23 फरवरी को चौथे चरण में 60 सीटों पर, 27 फरवरी को पांचवें चरण में 60 सीटों पर, तीन मार्च को छठे चरण में 57 सीटों पर और सात मार्च को सातवें चरण में 54 सीटों पर मतदान होगा।
बैठक में फोकस पहले चरण पर हो सकता है। इसमें आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्य के अलावा राष्ट्रीय संगठन सचिव बीएल संतोष और यूपी के संगठन महासचिव सुनील बंसल भी रह सकते हैं। इसके कुछ दिन बाद बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक होगी। यह भी पार्टी मुख्यालय में ही होगी। इसमें उम्मीदवारों के नाम पर अंतिम मुहर लगेगी।
कहां से चुनाव लड़ेंगे योगी?
बीते दिनों मथुरा की सांसद हेमा मालिनी ने बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अगर मथुरा से चुनाव लड़ेंगे तो हमारे लिए हिम्मत बढ़ जाएगी। इसके बाद योगी के मथुरा से चुनाव लड़ने की अटकलें भी तेज हो गईं।
जहां तक गोरखपुर का सवाल है तो वह सीएम का गढ़ है। अगर योगी वहीं से चुनाव लड़ते हैं तो कुछ खास फर्क नहीं पड़ेगा। जानकार मानते हैं कि योगी की प्रॉयरिटी लिस्ट में अयोध्या हो सकता है। यह यूपी के चुनाव में हमेशा से ही बड़ा राजनीतिक केंद्र रहा है। इसके अलावा यह अयोध्या को भी फोकस में लाएगा। इसका बीजेपी को व्यापक रूप से फायदा होगा।
क्या बोले हैं आदित्यनाथ?
योगी आदित्यनाथ कहते रहे हैं कि उन्हें शीर्ष नेतृत्व जहां से कहेगा वह वहीं से चुनाव लड़ेंगे। एक टीवी चैनल से बातचीत में उन्होंने दोबारा यही बात दोहराई है। उन्होंने साफ किया है यह फैसला केंद्रीय नेतृत्व लेगा।
क्या हो सकती है बीजेपी की स्ट्रैटेजी?
स्ट्रैटेजी बनाने में बीजेपी बेजोड़ है। एक-एक उम्मीदवार को वह कसौटी में तौलकर मैदान में उतारेगी। फिर जब बात योगी की हो तो क्या कहने। अयोध्या और काशी दो मुख्य धार्मिक नगरी हैं। इन पर बीजेपी का लगातार फोकस रहा है। इसके चलते पार्टी को ‘काशी से मोदी अयोध्या से योगी’ के नारे को भी आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। यूपी के अवध इलाके का अयोध्या सबसे बड़ा केंद्र है। अवध क्षेत्र में विधानसभा की 82 सीटें हैं।
यहां यह भी समझने वाली बात है कि अंबेडकरनगर, सुलतानपुर, बाराबंकी, गोंडा और बहराइच ये अयोध्या से सटे हुए जिले हैं। इस इलाके में अगर बीजेपी के जो वर्तमान कैंडिडेट हैं वही लड़ेंगे तो यहां पर जीतना उन प्रत्याशियों के लिए मुश्किल होगा। अगर सीएम योगी अयोध्या से लड़ते हैं तो काफी हद तक नाराजगी भी दूर हो सकती है। इस तरह अवध ही नहीं पूरे उत्तर प्रदेश में एक लहर जैसी बन सकती है।
हाइलाइट्स
- आयोध्या, मथुरा और गोरखपुर से चुनाव लड़ने की हैं अटकलें
- मंगलवार को उम्मीदवारों के नाम पर मंथन, योगी भी होंगे हिस्सा
- योगी सहित पिछले तीन मुख्यमंत्रियों ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा
उत्तर प्रदेश में चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। उम्मीदवारों में नामों पर विचार होने लगा है। लोगों की सबसे ज्यादा दिलचस्पी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सीट को लेकर है। उनके अयोध्या, गोरखपुर या मथुरा से चुनाव लड़ने की अटकलें हैं। हालांकि, योगी आदित्यनाथ ने इसका साफ जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि इसका फैसला आलाकमान को करना है। उसका जैसा आदेश होगा वह उसे मानेंगे।
इसमें एक बात साफ है। वह यह कि सीएम योगी आदित्यनाथ का विधानसभा चुनाव लड़ना तय है। यह बात कई मायनों में अहम है। योगी समेत पिछले तीन मुख्यमंत्रियों ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था। 2007 में मायावती पूर्ण बहुमत के साथ सीएम बनीं। लेकिन, वह विधान परिषद के रास्ते से सदन पहुंचीं। इसके अलावा 2012 में अखिलेश यादव और 2017 में खुद योगी आदित्यनाथ ने चुनाव नहीं लड़ा था। नतीजों के बाद इन दोनों ने भी विधान परिषद की राह चुनी।
इसी कड़ी में मंगलवार को बीजेपी मुख्यालय में एक बड़ी बैठक होने वाली है। इसमें संभावित उम्मीदवारों के नामों पर विचार किया जाएगा। केंद्रीय नेताओं के साथ इसमें यूपी कोर ग्रुप के नेता शामिल होंगे। उत्तर प्रदेश की चुनाव समिति ने उम्मीदवारों की लिस्ट भेजी है। बैठक में इस पर मंथन होगा।
उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी को पहले चरण में 58 सीटों पर, 14 फरवरी को दूसरे चरण में 55 सीटों पर, 20 फरवरी को तीसरे चरण में 59 सीटों पर, 23 फरवरी को चौथे चरण में 60 सीटों पर, 27 फरवरी को पांचवें चरण में 60 सीटों पर, तीन मार्च को छठे चरण में 57 सीटों पर और सात मार्च को सातवें चरण में 54 सीटों पर मतदान होगा।
बैठक में फोकस पहले चरण पर हो सकता है। इसमें आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्य के अलावा राष्ट्रीय संगठन सचिव बीएल संतोष और यूपी के संगठन महासचिव सुनील बंसल भी रह सकते हैं। इसके कुछ दिन बाद बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक होगी। यह भी पार्टी मुख्यालय में ही होगी। इसमें उम्मीदवारों के नाम पर अंतिम मुहर लगेगी।
कहां से चुनाव लड़ेंगे योगी?
बीते दिनों मथुरा की सांसद हेमा मालिनी ने बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अगर मथुरा से चुनाव लड़ेंगे तो हमारे लिए हिम्मत बढ़ जाएगी। इसके बाद योगी के मथुरा से चुनाव लड़ने की अटकलें भी तेज हो गईं।
जहां तक गोरखपुर का सवाल है तो वह सीएम का गढ़ है। अगर योगी वहीं से चुनाव लड़ते हैं तो कुछ खास फर्क नहीं पड़ेगा। जानकार मानते हैं कि योगी की प्रॉयरिटी लिस्ट में अयोध्या हो सकता है। यह यूपी के चुनाव में हमेशा से ही बड़ा राजनीतिक केंद्र रहा है। इसके अलावा यह अयोध्या को भी फोकस में लाएगा। इसका बीजेपी को व्यापक रूप से फायदा होगा।
क्या बोले हैं आदित्यनाथ?
योगी आदित्यनाथ कहते रहे हैं कि उन्हें शीर्ष नेतृत्व जहां से कहेगा वह वहीं से चुनाव लड़ेंगे। एक टीवी चैनल से बातचीत में उन्होंने दोबारा यही बात दोहराई है। उन्होंने साफ किया है यह फैसला केंद्रीय नेतृत्व लेगा।
क्या हो सकती है बीजेपी की स्ट्रैटेजी?
स्ट्रैटेजी बनाने में बीजेपी बेजोड़ है। एक-एक उम्मीदवार को वह कसौटी में तौलकर मैदान में उतारेगी। फिर जब बात योगी की हो तो क्या कहने। अयोध्या और काशी दो मुख्य धार्मिक नगरी हैं। इन पर बीजेपी का लगातार फोकस रहा है। इसके चलते पार्टी को ‘काशी से मोदी अयोध्या से योगी’ के नारे को भी आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। यूपी के अवध इलाके का अयोध्या सबसे बड़ा केंद्र है। अवध क्षेत्र में विधानसभा की 82 सीटें हैं।
यहां यह भी समझने वाली बात है कि अंबेडकरनगर, सुलतानपुर, बाराबंकी, गोंडा और बहराइच ये अयोध्या से सटे हुए जिले हैं। इस इलाके में अगर बीजेपी के जो वर्तमान कैंडिडेट हैं वही लड़ेंगे तो यहां पर जीतना उन प्रत्याशियों के लिए मुश्किल होगा। अगर सीएम योगी अयोध्या से लड़ते हैं तो काफी हद तक नाराजगी भी दूर हो सकती है। इस तरह अवध ही नहीं पूरे उत्तर प्रदेश में एक लहर जैसी बन सकती है।