UP Chunav: क्या बीजेपी का फ्री राशन बिगाड़ देगा अखिलेश यादव का जायका? h3>
विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े प्रदेश यूपी में चुनाव (UP Chunav News) अब आखिरी पड़ाव में हैं। पांच चरणों के मतदान हो चुके हैं और छठे चरण (UP Sixth Phase Election) का मतदान 3 मार्च को होना है। नवभारत टाइम्स ऑनलाइन ने तकरीबन 10 हजार किलोमीटर की यात्रा की। यात्रा का मकसद था लोगों के बीच पहुंचकर विकास की हकीकत खुद देखना। इस दौरान हमने विपरीत परिस्थितियों के बीच हजारों गांवों के लोगों से बात की। 2022 यूपी विधानसभा चुनाव ( 2022 UP Vidhan sabha Chunav) हर मायने में अलग हो रहा है। सपा और भाजपा एक दूसरे को कड़ी टक्कर दे रही हैं मगर इन सबके बीच योगी सरकार (Yogi Government Free Ration) की एक योजना सभी पर भारी पड़ रही है। वो है फ्री राशन योजना (Free Ration Yojna)।
नवभारत टाइम्स ऑनलाइन की यात्रा के तीसरे चरण की शुरुआत हमने हरदोई जिले से की। यहां पर हमने ग्रामीण इलाकों में तमाम किसान, मजदूरों और निचले तबके वाले लोगों ने बात की। लोगों ने कहा कि गांव में विकास नहीं हुआ है। सड़के नहीं बनी, अन्ना पशु खेत उजाड़ रहे हैं। मगर एनबीटी संवाददाता जब उनसे ये सवाल करते कि क्या आपको फ्री राशन मिल रहा है। तो सभी लोग इस बात को मानते कि हां हमको राशन मिल रहा है। इस बार वोटर्स मौन धारण किए हुए हैं और कहते हैं कि शांति सैलाब लाती है। तो कहीं आपको 10 मार्च (UP Election Result) को चौंकाने वाले नतीजे न मिल जाएं।
गन्ना बेल्ट हो या तराई का इलाका
हरदोई के बाद हम पहुंचे शाहजहांपुर। शाहजहांपुर में भी हमको ऐसा ही सुनने को मिला। यहां पर जब हम एक मिठाई की दुकान पर चाय नाश्ता करने पहुंचे तो मिठाई वाले से बातचीत होने लगी। उन्होंने कहा कि आप लोग मीडिया से हैं बताइये कि यूपी में क्या चल रहा है? ये सवाल हमसे हजारों लोगों ने किया होगा। हमने उनसे कहा कि भाई साहब फाइट टाइट है। मिठाई वाले भइया ने मुस्करा कर जवाब दिया कि सर, यूपी के लोग हैं इतनी आसानी से कहां विधानसभा भेजते हैं। मगर बातचीत का सिलसिला यहीं नहीं रुका। उन्होंने छूटते कहा कि सर आप लोग गांव की जनता से मिले हैं या नहीं। हमने कहा कि हां बहुत लोगों से बातचीत हुई। मिठाई वाले ने आगे बिना किसी रुकावट के कहा कि सर फ्री राशन योजना के कारण गांव की जनता बीजेपी सरकार को वोट दे रही है।
बीजेपी को सबसे ज्यादा फायदा पहुंचा रही ये स्कीम
बात सिर्फ यहां तक नहीं रुकी। हमने हर जिले में लोगों से बात की। तीन ऐसे कारण सामने आए जिससे बीजेपी को सबसे ज्यादा फायदा मिलता हुआ नजर आ रहा है। पहला सीएम योगी आदित्यनाथ की व्यक्तिगत छवि, दूसरा फ्री राशन योजना और तीसरा लॉ एंड ऑर्डर। इन तीनों ब्रह्मास्त्र का विरोधियों के पास कोई काट नहीं है। हमारा सफर पीलीभीत की ओर बढ़ा यहां पर हमने रास्ते में गाड़ी रोककर राम प्रसाद नाम के एक किसान से बात की। ये किसान गन्ना पैदा करता था। पहले तो किसान हर बात का गोल मोल जवाब देता रहा। लेकिन बाद में उसने कहा कि साहब! किसी सरकारों ने कुछ नहीं दिया। मगर इस सरकार पर हमें गल्ला मिला है। 500 रुपये महीने का भत्ता मिल जाता है।
हर जिले में बीजेपी को इस योजना से लाभ
चलिए, सफर में और आगे बढ़ते हैं। हम पहुंचे रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, सहित तमाम जिले। इन जिलों में भी हमें यही जवाब मिला। किसान भले ही बीजेपी को वोट न दें मगर इस बात से उन्होंने इनकार नहीं किया कि उनको इस योजना से लाभ हो रहा है। सुलतानपुर में तो कई मुस्लिम महिलाएं जो उस वक्त फ्री राशन कोटे से अनाज ले रहीं थीं, उन्होंने इस योजना पर कहा कि ये सरकार की सबसे अच्छी योजना है। कम से कम हमारे पास खाने के लिए अनाज तो हमेशा रहता है।
बुंदेलखंड के सबसे इंटीरियर गांव में भी खुश ग्रामीण
यूपी में बुंदलेखंड सबसे पिछड़ा क्षेत्र माना जाता है। मगर बीजेपी के लिए ये सबसे मजबूत गढ़ है। जबकि बीजेपी को पहले शहरी पार्टी कहा जाता था और इतिहास गवाह है कि यहां पर बीजेपी शहरों से चुनाव जीतती थी मगर गांवों से चुनाव नहीं निकाल पाती थी मगर आज गांव-गांव के अंदर लोग बीजेपी की बात करते हैं। हमें चुनाव नतीजों से कोई मतलब नहीं हैं। मगर चित्रकूट मानिकपुर के सुदूर एक गांव में हमारा जाना हुआ। यहां पर कोल बिरादरी के लोग रहते हैं। कोल बिरादरी को आप आदिवासी समझ सकते हैं ये लोग जंगल से लकड़िया कांटकर अपना पेट पालते हैं। इस गांव में ढेरों समस्याएं थी मगर जब हमने राशन की बात की तो एक महिला ने अपनी भाषा में जवाब दिया कि जेहरा हम खईब वही का तो वोट दई…नमक हलाली हमसे न हुई पाई
केंद्र सरकार की थी योजना
केंद्र सरकार ने कोरोना में फ्री राशत वितरण का ऐलान किया था। इस योजना को 2021 नवंबर तक पूरे देश में चलाया गया मगर जब नीचे नॉर्मल हो गईं तो इस योजना को बंद कर दिया गया। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस योजना को आगे बढ़ाने का फैसला किया। वो जान चुके थे कि अगले साल चुनाव में ये फैक्टर जरूर काम करेगा और वैसा ही हुआ। नवभारत टाइम्स ने हजारों लोगों से इस बारे में बातचीत की। उन सभी ने कहा कि वोट कहीं भी दें मगर योगी सरकार की ये योजना सबसे अच्छी है।
नवभारत टाइम्स ऑनलाइन की यात्रा के तीसरे चरण की शुरुआत हमने हरदोई जिले से की। यहां पर हमने ग्रामीण इलाकों में तमाम किसान, मजदूरों और निचले तबके वाले लोगों ने बात की। लोगों ने कहा कि गांव में विकास नहीं हुआ है। सड़के नहीं बनी, अन्ना पशु खेत उजाड़ रहे हैं। मगर एनबीटी संवाददाता जब उनसे ये सवाल करते कि क्या आपको फ्री राशन मिल रहा है। तो सभी लोग इस बात को मानते कि हां हमको राशन मिल रहा है। इस बार वोटर्स मौन धारण किए हुए हैं और कहते हैं कि शांति सैलाब लाती है। तो कहीं आपको 10 मार्च (UP Election Result) को चौंकाने वाले नतीजे न मिल जाएं।
गन्ना बेल्ट हो या तराई का इलाका
हरदोई के बाद हम पहुंचे शाहजहांपुर। शाहजहांपुर में भी हमको ऐसा ही सुनने को मिला। यहां पर जब हम एक मिठाई की दुकान पर चाय नाश्ता करने पहुंचे तो मिठाई वाले से बातचीत होने लगी। उन्होंने कहा कि आप लोग मीडिया से हैं बताइये कि यूपी में क्या चल रहा है? ये सवाल हमसे हजारों लोगों ने किया होगा। हमने उनसे कहा कि भाई साहब फाइट टाइट है। मिठाई वाले भइया ने मुस्करा कर जवाब दिया कि सर, यूपी के लोग हैं इतनी आसानी से कहां विधानसभा भेजते हैं। मगर बातचीत का सिलसिला यहीं नहीं रुका। उन्होंने छूटते कहा कि सर आप लोग गांव की जनता से मिले हैं या नहीं। हमने कहा कि हां बहुत लोगों से बातचीत हुई। मिठाई वाले ने आगे बिना किसी रुकावट के कहा कि सर फ्री राशन योजना के कारण गांव की जनता बीजेपी सरकार को वोट दे रही है।
बीजेपी को सबसे ज्यादा फायदा पहुंचा रही ये स्कीम
बात सिर्फ यहां तक नहीं रुकी। हमने हर जिले में लोगों से बात की। तीन ऐसे कारण सामने आए जिससे बीजेपी को सबसे ज्यादा फायदा मिलता हुआ नजर आ रहा है। पहला सीएम योगी आदित्यनाथ की व्यक्तिगत छवि, दूसरा फ्री राशन योजना और तीसरा लॉ एंड ऑर्डर। इन तीनों ब्रह्मास्त्र का विरोधियों के पास कोई काट नहीं है। हमारा सफर पीलीभीत की ओर बढ़ा यहां पर हमने रास्ते में गाड़ी रोककर राम प्रसाद नाम के एक किसान से बात की। ये किसान गन्ना पैदा करता था। पहले तो किसान हर बात का गोल मोल जवाब देता रहा। लेकिन बाद में उसने कहा कि साहब! किसी सरकारों ने कुछ नहीं दिया। मगर इस सरकार पर हमें गल्ला मिला है। 500 रुपये महीने का भत्ता मिल जाता है।
हर जिले में बीजेपी को इस योजना से लाभ
चलिए, सफर में और आगे बढ़ते हैं। हम पहुंचे रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, सहित तमाम जिले। इन जिलों में भी हमें यही जवाब मिला। किसान भले ही बीजेपी को वोट न दें मगर इस बात से उन्होंने इनकार नहीं किया कि उनको इस योजना से लाभ हो रहा है। सुलतानपुर में तो कई मुस्लिम महिलाएं जो उस वक्त फ्री राशन कोटे से अनाज ले रहीं थीं, उन्होंने इस योजना पर कहा कि ये सरकार की सबसे अच्छी योजना है। कम से कम हमारे पास खाने के लिए अनाज तो हमेशा रहता है।
बुंदेलखंड के सबसे इंटीरियर गांव में भी खुश ग्रामीण
यूपी में बुंदलेखंड सबसे पिछड़ा क्षेत्र माना जाता है। मगर बीजेपी के लिए ये सबसे मजबूत गढ़ है। जबकि बीजेपी को पहले शहरी पार्टी कहा जाता था और इतिहास गवाह है कि यहां पर बीजेपी शहरों से चुनाव जीतती थी मगर गांवों से चुनाव नहीं निकाल पाती थी मगर आज गांव-गांव के अंदर लोग बीजेपी की बात करते हैं। हमें चुनाव नतीजों से कोई मतलब नहीं हैं। मगर चित्रकूट मानिकपुर के सुदूर एक गांव में हमारा जाना हुआ। यहां पर कोल बिरादरी के लोग रहते हैं। कोल बिरादरी को आप आदिवासी समझ सकते हैं ये लोग जंगल से लकड़िया कांटकर अपना पेट पालते हैं। इस गांव में ढेरों समस्याएं थी मगर जब हमने राशन की बात की तो एक महिला ने अपनी भाषा में जवाब दिया कि जेहरा हम खईब वही का तो वोट दई…नमक हलाली हमसे न हुई पाई
केंद्र सरकार की थी योजना
केंद्र सरकार ने कोरोना में फ्री राशत वितरण का ऐलान किया था। इस योजना को 2021 नवंबर तक पूरे देश में चलाया गया मगर जब नीचे नॉर्मल हो गईं तो इस योजना को बंद कर दिया गया। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस योजना को आगे बढ़ाने का फैसला किया। वो जान चुके थे कि अगले साल चुनाव में ये फैक्टर जरूर काम करेगा और वैसा ही हुआ। नवभारत टाइम्स ने हजारों लोगों से इस बारे में बातचीत की। उन सभी ने कहा कि वोट कहीं भी दें मगर योगी सरकार की ये योजना सबसे अच्छी है।