UP Assembely: पुलिस के पास घर गिराने के सिवा कोई काम नहीं, क्राइम कंट्रोल पर यूपी सरकार ने ठोंकी अपनी ही पीठ h3>
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को विधानसभा (vidhansabha monsson session) में कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर अपनी पीठ थपथपाते हुए कहा कि 2007 से 2017 तक (बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी) की सरकारों के मुकाबले पिछले पांच वर्ष छह माह में प्रदेश में लूट, डकैती एवं हत्या आदि की घटनाओं में भारी कमी आयी है। वहीं मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए सरकार पर आरोप लगाया।
मंगलवार को विधानसभा के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन सपा सदस्यों और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया। यादव ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रतापगढ़ में एक सपा कार्यकर्ता ने मुख्यमंत्री को काला झंडा दिखा दिया तो उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर यह दर्शा दिया कि उसके पास बम है। उन्होंने कहा कि नेता सदन (मुख्यमंत्री योगी आदित् यनाथ) को बड़े दिल वाला होना चाहिए।
यादव ने कहा, ‘जब मैं मुख्यमंत्री था तो गाजीपुर से एक आदमी ने मुझे फोन किया और कहा कि जान से मार दूंगा तो मैंने बुलाकर पूछा कि क्यों जान लेना चाहते हो, तो उसने अपने गांव की समस्या बताई। मैंने उन समस्याओं को हल करा दिया। मुझे भी कई बार काला झंडा दिखाया गया लेकिन मैंने तो कोई कार्रवाई नहीं की।’ नेता प्रतिपक्ष ने पुलिस हिरासत में होने वाली मौतों का जिक्र करते हुए भी सरकार पर आरोप लगाए।
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन् ना ने कहा कि सरकार अपराधियों के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस ’ की नीति अपना रही है और चाहे कोई व्यक्ति किसी स्तर का हो, अगर अपराध करेगा तो उस पर कार्रवाई जरूर होगी। इससे पहले प्रश्नकाल के दौरान सपा के महेंद्र नाथ यादव और अतुल प्रधान समेत कई सदस्यों ने मुख्यमंत्री से प्रश्न किया कि लूट, डकैती एवं हत्या की रोकथाम के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं। प्रधान ने यह भी कहा कि आजकल पुलिस घर गिराने से लेकर कई कार्यों में लगी है, इसलिए मामलों की विवेचना ठीक से नहीं हो पा रही है, क्या सरकार इसके लिए अलग से पुलिस टीम का गठन करेगी।
खन्ना ने मुख्यमंत्री की ओर से जवाब देते हुए कहा कि विवेचना के लिए अलग टीम के गठन का सुझाव अच्छा है लेकिन पुलिस बहुत बेहतर ढंग से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था का प्रभाव ठीक है और विवेचना समय से की गयी तभी सजा दिलाने में सफलता मिली है।
खन्ना ने कहा कि पिछली 2007 से 2017 तक की सरकारों के सापेक्ष अपराधों में कमी में जमीन-आसमान का अंतर आया है। उन्होंने इसके आंकड़े भी गिनाये। खन्ना ने पुलिस की कार्य प्रणाली का ब्यौरा भी दिया। खन्ना ने कहा कि एनसीआरबी (राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो) ने अपराधों में भारी कमी आने पर उत्तर प्रदेश की सराहना की है।
सपा सदस्य पूजा पाल के एक प्रश्न के उत्तर में खन्ना ने बताया कि प्रदेश में अप्रैल, 2019 से तीन मार्च, 2022 तक भू-माफिया विरोधी अभियान के तहत कुल 11466.98 हेक्टेयर जमीन अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। उन्होंने कहा कि 21 भू माफिया जेल में निरुद्ध हैं।
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यादव ने कहा, ‘जब मैं मुख्यमंत्री था तो गाजीपुर से एक आदमी ने मुझे फोन किया और कहा कि जान से मार दूंगा तो मैंने बुलाकर पूछा कि क्यों जान लेना चाहते हो, तो उसने अपने गांव की समस्या बताई। मैंने उन समस्याओं को हल करा दिया। मुझे भी कई बार काला झंडा दिखाया गया लेकिन मैंने तो कोई कार्रवाई नहीं की।’ नेता प्रतिपक्ष ने पुलिस हिरासत में होने वाली मौतों का जिक्र करते हुए भी सरकार पर आरोप लगाए।
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन् ना ने कहा कि सरकार अपराधियों के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस ’ की नीति अपना रही है और चाहे कोई व्यक्ति किसी स्तर का हो, अगर अपराध करेगा तो उस पर कार्रवाई जरूर होगी। इससे पहले प्रश्नकाल के दौरान सपा के महेंद्र नाथ यादव और अतुल प्रधान समेत कई सदस्यों ने मुख्यमंत्री से प्रश्न किया कि लूट, डकैती एवं हत्या की रोकथाम के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं। प्रधान ने यह भी कहा कि आजकल पुलिस घर गिराने से लेकर कई कार्यों में लगी है, इसलिए मामलों की विवेचना ठीक से नहीं हो पा रही है, क्या सरकार इसके लिए अलग से पुलिस टीम का गठन करेगी।
खन्ना ने मुख्यमंत्री की ओर से जवाब देते हुए कहा कि विवेचना के लिए अलग टीम के गठन का सुझाव अच्छा है लेकिन पुलिस बहुत बेहतर ढंग से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था का प्रभाव ठीक है और विवेचना समय से की गयी तभी सजा दिलाने में सफलता मिली है।
खन्ना ने कहा कि पिछली 2007 से 2017 तक की सरकारों के सापेक्ष अपराधों में कमी में जमीन-आसमान का अंतर आया है। उन्होंने इसके आंकड़े भी गिनाये। खन्ना ने पुलिस की कार्य प्रणाली का ब्यौरा भी दिया। खन्ना ने कहा कि एनसीआरबी (राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो) ने अपराधों में भारी कमी आने पर उत्तर प्रदेश की सराहना की है।
सपा सदस्य पूजा पाल के एक प्रश्न के उत्तर में खन्ना ने बताया कि प्रदेश में अप्रैल, 2019 से तीन मार्च, 2022 तक भू-माफिया विरोधी अभियान के तहत कुल 11466.98 हेक्टेयर जमीन अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। उन्होंने कहा कि 21 भू माफिया जेल में निरुद्ध हैं।
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