UP में मिशन 80 लक्ष्य को लेकर जिला स्तर पर बदलाव करने की तैयारी में BJP, जल्द हो सकती है घोषणा h3>
लखनऊ: दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है। बीजेपी ने यूपी में अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। बीजेपी 2024 चुनाव के लिए मिशन 80 के तहत काम कर रही है। प्रदेश की सभी सीटों पर कमल या अपने सहयोगी दलों के उम्मीदवारों को जिताने के लिए हर एक सीट पर सभी समीकरणों को ध्यान में रखकर रोडमैप तैयार रही है। वहीं लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी यूपी में जिला स्तर पर बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है। 6 क्षेत्रों में बंटे यूपी के आधे के करीब जिलाध्यक्षों का पत्ता साफ हो सकता है। इस तरह पीएम मोदी को तीसरी बार लगातार केंद्र की सत्ता पर पहुंचाने के लिए बीजेपी आगामी लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन का मुकाबला अपने नए जिला संगठन के साथ मैदान में उतर कर करेगी।
दरअसल यूपी की सभी 80 की 80 सीटों पर कमल खिलाने के लिए बीजेपी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है। इसके चलते हर लोकसभा स्तर पर उम्मीदवारों के चयन को लेकर भी मंथन चल रहा है। वहीं इस बार चर्चा यह भी है कि बीजेपी यूपी के मौजूदा सांसदों का टिकट काट सकती है। इसमें कई बड़े नाम भी शामिल है। उधर लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर अमलीजामा पहनाने में जुटी बीजेपी चुनाव से पहले यूपी में जिला स्तर पर बड़ा बदलाव करने जा रही है। बीजेपी यूपी के कई मौजूदा जिलाध्यक्षों को हटा सकती है। इसमें कई ऐसे जिलाध्यक्ष अध्यक्ष भी शामिल हो सकते हैं जो एमएलसी बन चुके हैं या फिर मेयर। बीजेपी उन जिलाध्यक्षो पर भी कार्रवाई करेंगी जिनके खिलाफ पार्टी आलाकमान को किसी तरह की शिकायत मिली है।
चुनाव दर चुनाव यूपी में अपना परचम लहरा रही बीजेपी ने यूपी को 6 क्षेत्रों में बांट रखा है। जिसके अंतर्गत अवध क्षेत्र, ब्रज क्षेत्र, काशी क्षेत्र, कानपुर क्षेत्र, गोरखपुर और पश्चिम क्षेत्र शामिल है। इसमें कुल 98 के करीब संगठनात्मक जिले आते है। जिसमें पश्चिमी व ब्रज क्षेत्र में 19-19 संगठनात्मक जिले आते हैं। जबकि कानपुर क्षेत्र में 17, अवध क्षेत्र में 15, काशी में 16 और गोरखपुर क्षेत्र में 12 संगठनात्मक जिले आते हैं। वहीं सूत्रों की माने तो पश्चिमी क्षेत्र में सबसे ज्यादा एक दर्जन से कुछ कम जिलाध्यक्षों को बदला जा सकता है। इसके साथ ही ब्रज, अवध, कानपुर, काशी और गोरखपुर क्षेत्र से आधा दर्जन जिलों से ज्यादा या कही कही उससे कम जिलाध्यक्षों को हटाया जा सकता है।
वहीं घोषी उपचुनाव के चलते पूरी बीजेपी का फोकस इस वक्त इस चुनाव पर लगा हुआ है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से लेकर सरकार के बड़े बड़े नेता मंत्री घोषी उपचुनाव में लगे हुए हैं। कल सीएम योगी आदित्यनाथ चुनाव प्रचार के लिए घोषी पहुंचेंगे। इसी कारण यह बदलाव अभी सम्भव नहीं हो पाया है। जानकारों की माने तो सब कुछ ठीक रहा तो घोषी उपचुनाव के सम्पन्न होने के बाद बीजेपी जिला व महानगर अध्यक्ष की लिस्ट जारी कर सकती है।
गौरतलब है कि सभी 98 संगठनात्मक जिलों में प्रदेश पदाधिकारियों को पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जिन्हें जिलों में जाकर जिलाध्यक्षो की रिपोर्ट करनी थी। इसको लेकर प्रदेश अध्यक्ष व प्रदेश संगठन महामंत्री ने जुलाई महीने में पदाधिकारियों को टास्क दिया था। महाजनसंपर्क अभियान में रुचि ना दिखाने, निकाय चुनाव में पार्टी के लिए ना जुटने वाले जिलाध्यक्षों और महानगर अध्यक्ष पर भी गाज गिर सकती है।
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दरअसल यूपी की सभी 80 की 80 सीटों पर कमल खिलाने के लिए बीजेपी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है। इसके चलते हर लोकसभा स्तर पर उम्मीदवारों के चयन को लेकर भी मंथन चल रहा है। वहीं इस बार चर्चा यह भी है कि बीजेपी यूपी के मौजूदा सांसदों का टिकट काट सकती है। इसमें कई बड़े नाम भी शामिल है। उधर लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर अमलीजामा पहनाने में जुटी बीजेपी चुनाव से पहले यूपी में जिला स्तर पर बड़ा बदलाव करने जा रही है। बीजेपी यूपी के कई मौजूदा जिलाध्यक्षों को हटा सकती है। इसमें कई ऐसे जिलाध्यक्ष अध्यक्ष भी शामिल हो सकते हैं जो एमएलसी बन चुके हैं या फिर मेयर। बीजेपी उन जिलाध्यक्षो पर भी कार्रवाई करेंगी जिनके खिलाफ पार्टी आलाकमान को किसी तरह की शिकायत मिली है।
चुनाव दर चुनाव यूपी में अपना परचम लहरा रही बीजेपी ने यूपी को 6 क्षेत्रों में बांट रखा है। जिसके अंतर्गत अवध क्षेत्र, ब्रज क्षेत्र, काशी क्षेत्र, कानपुर क्षेत्र, गोरखपुर और पश्चिम क्षेत्र शामिल है। इसमें कुल 98 के करीब संगठनात्मक जिले आते है। जिसमें पश्चिमी व ब्रज क्षेत्र में 19-19 संगठनात्मक जिले आते हैं। जबकि कानपुर क्षेत्र में 17, अवध क्षेत्र में 15, काशी में 16 और गोरखपुर क्षेत्र में 12 संगठनात्मक जिले आते हैं। वहीं सूत्रों की माने तो पश्चिमी क्षेत्र में सबसे ज्यादा एक दर्जन से कुछ कम जिलाध्यक्षों को बदला जा सकता है। इसके साथ ही ब्रज, अवध, कानपुर, काशी और गोरखपुर क्षेत्र से आधा दर्जन जिलों से ज्यादा या कही कही उससे कम जिलाध्यक्षों को हटाया जा सकता है।
वहीं घोषी उपचुनाव के चलते पूरी बीजेपी का फोकस इस वक्त इस चुनाव पर लगा हुआ है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से लेकर सरकार के बड़े बड़े नेता मंत्री घोषी उपचुनाव में लगे हुए हैं। कल सीएम योगी आदित्यनाथ चुनाव प्रचार के लिए घोषी पहुंचेंगे। इसी कारण यह बदलाव अभी सम्भव नहीं हो पाया है। जानकारों की माने तो सब कुछ ठीक रहा तो घोषी उपचुनाव के सम्पन्न होने के बाद बीजेपी जिला व महानगर अध्यक्ष की लिस्ट जारी कर सकती है।
गौरतलब है कि सभी 98 संगठनात्मक जिलों में प्रदेश पदाधिकारियों को पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जिन्हें जिलों में जाकर जिलाध्यक्षो की रिपोर्ट करनी थी। इसको लेकर प्रदेश अध्यक्ष व प्रदेश संगठन महामंत्री ने जुलाई महीने में पदाधिकारियों को टास्क दिया था। महाजनसंपर्क अभियान में रुचि ना दिखाने, निकाय चुनाव में पार्टी के लिए ना जुटने वाले जिलाध्यक्षों और महानगर अध्यक्ष पर भी गाज गिर सकती है।
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