UP में अब टेस्ट पास करने पर ही मिलेगा ड्राइविंग लाइसेंस, बदल गए हैं नियम | driving test is mandatory for driving license | Patrika News h3>
पहली बार राज्य के तीन प्रमुख शहरों बरेली, झांसी और अलीगढ़ में खुलने जा रहे इन ड्राइविंग टेस्टिंग और ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूटों में मैनुअल ड्राइविंग टेस्टिंग के साथ-साथ सेंसर युक्त ऑटोमैटिक ड्राइविंग टेस्ट टैक भी तैयार होंगे। इस ट्रैक पर लगे सेंसर टेस्ट देते समय परीक्षार्थी की गलती को तुरंत पकड़ लेंगे।
लखनऊ
Published: April 22, 2022 05:05:16 pm
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दूसरे कार्यकाल में अब तक कई बड़े कदम उठाए हैं। इसी कड़ी में उन्होंने अब प्रदेश में चलने वाले वाहनों की रफ्तार कुशल हाथों में सौंपने की तैयारी भी कर ली है। दरअसल, सरकार ने परिवहन विभाग को बरेली, झांसी और अलीगढ़ में ड्राइविंग टेस्टिंग और ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (डीटीटीआई) खोलने का लक्ष्य दिया है। ऐसे में जो इन केन्द्रों पर परीक्षा को पास करेगा उसी के हाथों में गाड़ी की चाबी होगी और उन्हीं को ड्राइविंग लाइसेंस भी दिया जाएगा। वहीं जो परिक्षार्थी परीक्षा में फेल होंगे, उनके ड्राइविंग लाइसेंस को तुरंत रोक दिया जाएगा।
पहली बार खुलेंगे ड्राइविंग टेस्टिंग व ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट ऐसा पहली बार होगा कि प्रदेश के बरेली, झांसी और अलीगढ़ में ड्राइविंग टेस्टिंग और ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोले जाएंगे। यहां मैनुअल ड्राइविंग टेस्टिंग के साथ- साथ सेंसर युक्त ऑटोमैटिक ड्राइविंग टेस्ट टैक भी तैयार होंगे। इस ट्रैक पर लगे सेंसर टेस्ट देते समय परीक्षार्थी की गलती को तुरंत पकड़ लेंगे। इतना ही नहीं परीक्षार्थयों को गलती सुधारने और कुशल ड्राइविंग के गुर सीखने के अवसर लोगों को मिलेंगे। इंस्टीट्यूट में वाहन चलाने की ट्रेनिंग के दौरान यातायात नियमों की पूर्ण जानकारी दी जाएगी। ट्रैफिक रूल्स की पूरी जानकारी होने पर ही सड़क सुरक्षा भी प्रभावी बन सकेगी।
लाइसेंस बनवाने वालों को होगी आसानी बता दें कि परिवहन की सेवाओं में अभूतपूर्व सुधार लाने के लिए प्रदेश सरकार ये कदम उठा रही है। इसके लिए वह ड्राइविंग, टेस्टिंग और प्रशिक्षण की व्यवस्था एक ही स्थान पर करेगी। जिससे ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वालों को आसानी होगी। उन्हें बार बार दौड़भाग यानी टेस्ट कहीं और फिर लाइसेंस के लिए कहीं और नहीं दौड़ना होगा। गौरतलब है कि योगी सरकार ने पिछले कार्यकाल के दौरान सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों को रोकने के लिए सड़क सुरक्षा माह की शुरुआत की थी और जागरूकता कार्यक्रम चलाए थे। इनमें परिवहन, स्वास्थ्य, स्कूल, कॉलेज और सामाजिक संस्थाओं को भी शमिल किया गया है।
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पहली बार राज्य के तीन प्रमुख शहरों बरेली, झांसी और अलीगढ़ में खुलने जा रहे इन ड्राइविंग टेस्टिंग और ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूटों में मैनुअल ड्राइविंग टेस्टिंग के साथ-साथ सेंसर युक्त ऑटोमैटिक ड्राइविंग टेस्ट टैक भी तैयार होंगे। इस ट्रैक पर लगे सेंसर टेस्ट देते समय परीक्षार्थी की गलती को तुरंत पकड़ लेंगे।
लखनऊ
Published: April 22, 2022 05:05:16 pm
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दूसरे कार्यकाल में अब तक कई बड़े कदम उठाए हैं। इसी कड़ी में उन्होंने अब प्रदेश में चलने वाले वाहनों की रफ्तार कुशल हाथों में सौंपने की तैयारी भी कर ली है। दरअसल, सरकार ने परिवहन विभाग को बरेली, झांसी और अलीगढ़ में ड्राइविंग टेस्टिंग और ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (डीटीटीआई) खोलने का लक्ष्य दिया है। ऐसे में जो इन केन्द्रों पर परीक्षा को पास करेगा उसी के हाथों में गाड़ी की चाबी होगी और उन्हीं को ड्राइविंग लाइसेंस भी दिया जाएगा। वहीं जो परिक्षार्थी परीक्षा में फेल होंगे, उनके ड्राइविंग लाइसेंस को तुरंत रोक दिया जाएगा।
पहली बार खुलेंगे ड्राइविंग टेस्टिंग व ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट ऐसा पहली बार होगा कि प्रदेश के बरेली, झांसी और अलीगढ़ में ड्राइविंग टेस्टिंग और ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोले जाएंगे। यहां मैनुअल ड्राइविंग टेस्टिंग के साथ- साथ सेंसर युक्त ऑटोमैटिक ड्राइविंग टेस्ट टैक भी तैयार होंगे। इस ट्रैक पर लगे सेंसर टेस्ट देते समय परीक्षार्थी की गलती को तुरंत पकड़ लेंगे। इतना ही नहीं परीक्षार्थयों को गलती सुधारने और कुशल ड्राइविंग के गुर सीखने के अवसर लोगों को मिलेंगे। इंस्टीट्यूट में वाहन चलाने की ट्रेनिंग के दौरान यातायात नियमों की पूर्ण जानकारी दी जाएगी। ट्रैफिक रूल्स की पूरी जानकारी होने पर ही सड़क सुरक्षा भी प्रभावी बन सकेगी।
लाइसेंस बनवाने वालों को होगी आसानी बता दें कि परिवहन की सेवाओं में अभूतपूर्व सुधार लाने के लिए प्रदेश सरकार ये कदम उठा रही है। इसके लिए वह ड्राइविंग, टेस्टिंग और प्रशिक्षण की व्यवस्था एक ही स्थान पर करेगी। जिससे ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वालों को आसानी होगी। उन्हें बार बार दौड़भाग यानी टेस्ट कहीं और फिर लाइसेंस के लिए कहीं और नहीं दौड़ना होगा। गौरतलब है कि योगी सरकार ने पिछले कार्यकाल के दौरान सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों को रोकने के लिए सड़क सुरक्षा माह की शुरुआत की थी और जागरूकता कार्यक्रम चलाए थे। इनमें परिवहन, स्वास्थ्य, स्कूल, कॉलेज और सामाजिक संस्थाओं को भी शमिल किया गया है।
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