Ukraine Return Indian Student: यूक्रेन से ग्वालियर पहुंची आफरीन को वहां फंसे भारतीय दोस्तों की चिंता, बताया- वहां बहुत टेंशन है

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Ukraine Return Indian Student: यूक्रेन से ग्वालियर पहुंची आफरीन को वहां फंसे भारतीय दोस्तों की चिंता, बताया- वहां बहुत टेंशन है

Ukraine Return Indian Student: यूक्रेन से ग्वालियर पहुंची आफरीन को वहां फंसे भारतीय दोस्तों की चिंता, बताया- वहां बहुत टेंशन है

ग्वालियरः रूस ने गुरुवार सुबह यूक्रेन पर हमला कर दिया। इसके चलते वहां भारत के सैकड़ों छात्र फंस गए हैं। लड़ाई शुरू होने के बाद यूक्रेन की सभी फ्लाइट्स बंद कर दी गई हैं। इससे पहले विशेष विमानों से कुछ लोगों को यूक्रेन से भारत लाया गया। बुधवार शाम को कीव से नई दिल्ली के लिए चली आखिरी फ्लाइट में मध्य प्रदेश के ग्वालियर की रहने वाली आफरीन भी शामिल थीं। आफरीन उन खुशकिस्मत लोगों में शामिल हैं जो युद्ध शुरू होने से पहले यूक्रेन से निकलने में कामयाब रहीं। गुरुवार शाम को ग्वालियर पहुंची आफरीन को देखकर घरवालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। आफरीन खुद भी उनसे मिलकर भावुक हो गईं, लेकिन यूक्रेन में फंसे अपने भारतीय दोस्तों को लेकर चिंता भी जताई। इनमें ग्वालियर के भी दो छात्र शामिल हैं।

मंगलवार शाम को आफरीन का यूक्रेन से दिल्ली के लिए टिकट बुक हुआ था। बुधवार शाम को उनकी फ्लाइट कीव एयरपोर्ट से नई दिल्ली के लिए चली। फ्लाइट गुरुवार सुबह दिल्ली पहुंची। आफरीन दिल्ली से ट्रेन से ग्वालियर पहुंची। स्टेशन पर ट्रेन से उतरते ही परिवार के लोगों ने फूल-मालाओं से उनका स्वागत किया। आफरीन जिस फ्लाइट से भारत पहुंची, वह आखिरी साबित हुई। गुरुवार को यूक्रेन में फंसे भारतीयों को लेने एयर इंडिया का जो विमान जा रहा था, उसे बीच में ही युद्ध शुरू होने के कारण वापस लौटना पड़ा।

ग्वालियर के घोसीपुरा शिंदे की छावनी की रहने वाली आफरीन खान ने यूक्रेन की सुनी यूनिवर्सिटी में 2016 में एमबीबीएस में एडमिशन लिया था। इस साल जून में उनकी एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी होने वाली है, लेकिन अब इसको लेकर अनिश्चितता हो गई है।

रूस और यूक्रेन के बीच पिछले एक महीने से चल रही तनाव की खबरों से वहां पढ़ने वाले अन्य देशों के छात्रों में एक अजीब सा तनाव था। आफरीन के मुताबिक कुछ लोग वहां युद्ध की संभावना को अफवाह बता रहे थे। उन्हें उम्मीद थी कि दोनों देश युद्ध जैसा कदम उठाने से बचेंगे। दूसरी और, जिस तरह दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ रहा था, उससे भारतीय छात्र चिंतित थे।

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आफरीन ने बताया कि वे जिस यूनिवर्सिटी में पढ़ती हैं, वहीं 500-600 भारतीय छात्र हैं। पूरे यूक्रेन में भारतीयों की कुल संख्या उन्होंने करीब 10 हजार बताई। इनमें से अधिकांश अब भी वहीं हैं। आफरीन छात्रों के व्हाट्सएप ग्रुप्स में शमिल हैं। ग्रुप में आ रहे मैसेज से उन्हें पता चल रहा है कि सभी फिलहाल सुरक्षित हैं। वे लोग अपने हॉस्टल में हैं और खाने-पीने की चीजें जमा कर रहे हैं। आफरीन के वहां से चलने तक युद्ध शुरू नहीं हुआ था और हालात सामान्य जैसे थे। अब वहां रह गए छात्रों को इस बात की चिंता है कि लड़ाई लंबी चली तो रोजाना इस्तेमाल की चीजें मिलने में मुश्किल होगी। बिजली भी काटी जा सकती है।

आफरीन के पिता ग्वालियर में निजी प्रैक्टिशनर हैं। वे पिछले कुछ दिनों से भारी तनाव में थे। उन्होंने खुद अपनी बेटी की वापसी का टिकट कराया था। उनकी बेटी वापस लौटने को आसानी से तैयार नहीं हुई। आफरीन का कहना था कि उनकी परीक्षाएं ऑफलाइन होनी हैं। इसलिए उनका यूक्रेन से निकलना संभव नहीं है, लेकिन परिजन नहीं चाहते थे कि वह ऐसे तनाव के माहौल में वहां रहे।

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ग्वालियर पहुंचकर आफरीन खुश हैं, लेकिन उन्हें यूक्रेन में फंसे अपने भारतीय दोस्तों को लेकर अब भी चिंता बनी हुई है। सुनी यूनिवर्सिटी में ही ग्वालियर के दो और छात्र पढ़ते हैं। वे अब भी वहां फंसे हुए हैं। आफरीन ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह किसी भी तरह उन्हें वहां से निकाले। युद्ध कब खत्म होगा और आगे क्या हालात बनेंगे, यह अंदाजा लगाना मुश्किल है।

afreen khan gwalior

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