Ukraine News : अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन के बाद अब रूस… यूक्रेन युद्ध के बीच भारत की तरफ ये कैसी भागमभाग

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Ukraine News : अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन के बाद अब रूस… यूक्रेन युद्ध के बीच भारत की तरफ ये कैसी भागमभाग

Ukraine News : अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन के बाद अब रूस… यूक्रेन युद्ध के बीच भारत की तरफ ये कैसी भागमभाग

नई दिल्ली: यूक्रेन पर रूस के हमले को एक महीने से ज्यादा वक्त बीत चुका है। लगातार बमबारी और तबाही की तस्वीरें आ रही हैं, लेकिन इसके समाधान के संकेत नहीं मिल रहे हैं। यूक्रेन संकट के बीच, अचानक भारत वैश्विक कूटनीति के केंद्र में आ गया है। जी हां, बीते 48 घंटे से लेकर अगले 48 घंटे तक दुनिया के कई प्रमुखों देशों के नेता और प्रतिनिधि भारत आए हैं या आ रहे हैं। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव आज भारत पहुंच रहे हैं। यूक्रेन संकट को लेकर अमेरिका लगातार भारत के संपर्क में है। भारतीय मूल के अमेरिकी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह भारत आ चुके हैं। जर्मनी और ब्रिटेन के प्रतिनिधि भी नई दिल्ली में डटे हुए हैं। ऐसे में इस बात की संभावना बढ़ रही है कि यूक्रेन संकट का हल क्या भारत की पहल से निकलेगा?

एनएसए अजीत डोभाल ने अपने जर्मन समकक्ष से बातचीत में भारत का रुख स्पष्ट करते हुए कहा है कि वह अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत विवादों का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है। उन्होंने यूएन चार्टर के प्रति भारत की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करने की बात कही।

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रात में अमेरिका से सीधी बात
रूसी विदेश के मंत्री भारत पहुंचने से पहले भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार रात अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से फोन पर बातचीत की है। खास बात यह है कि दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र और द्विपक्षीय सहयोग के साथ-साथ यूक्रेन संकट पर भी चर्चा की। जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘विदेश मंत्री ब्लिंकन के साथ सार्थक चर्चा हुई। दोनों देशों के द्विपक्षीय सहयोग की प्रगति की समीक्षा की गई। हिंद-प्रशांत, यूक्रेन और वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई।’ रूस और अमेरिका के साथ ही ब्रिटेन भी भारत के संपर्क में बना हुआ है।

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लावरोव से बात करेंगे जयशंकर
रूसी विदेश मंत्री लावरोव शुक्रवार को एस. जयशंकर के साथ बातचीत करने वाले हैं। संसद में जयशंकर ने यूक्रन संकट पर भारत के रुख को स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन संकट के मद्देनजर भारत इस बात पर जोर देता रहा है कि वैश्विक व्यवस्था अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और राष्ट्रों की क्षेत्रीय अखंडता व संप्रभुता के सम्मान पर आधारित है। दरअसल, यूक्रेन पर हमले के लिए रूस की आलोचना ना करने, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मतदान के दौरान तटस्थ रहने और पश्चिमी देशों में भारत के इन कदमों को लेकर बढ़े असंतोष के बीच उन्होंने देश के रुख को स्पष्ट किया। जयशंकर ने कहा, ‘भारत का रुख दृढ़ और स्पष्ट रहा है। भारत ने बिगड़ती स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए हिंसा को तत्काल रोकने और हर प्रकार की शत्रुता को समाप्त करने का आह्वान किया है।’

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ब्रिटेन की विदेश मंत्री भी भारत में हैं
ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस आज भारतीय समकक्ष एस. जयशंकर से मुलाकात करने वाली है। इस दौरान वह यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को रोकने के लिए लोकतांत्रिक देशों के साथ मिलकर कदम उठाने को कह सकती हैं। ट्रस की भारत यात्रा के संबंध में ब्रिटिश उच्चायोग ने कहा है, ‘विदेश मंत्री लिस ट्रस यूक्रेन पर रूस के अवैध आक्रमण के बाद एक व्यापक राजनयिक प्रयास के तहत आज भारत में हैं।’ ब्रिटिश उच्चायोग ने कहा, ‘भारत के विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर के साथ बैठक में ट्रस यूक्रेन पर रूस का आक्रमण रोकने, ताकत के दम पर शासन करने की आशंका कम करने और वैश्विक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए लोकतांत्रिक देशों के मिलकर काम करने के महत्व को रेखांकित करेंगी।’ पिछले कुछ दिनों में कई विदेशी नेताओं ने भारत का दौरा किया है।

जर्मनी बोला, हम भारत की चुनौतियों को समझते हैं
जर्मनी के सुरक्षा एवं विदेश नीति सलाहकार जेन्स प्लॉटनर पहले से भारत में हैं। उन्होंने कहा है कि यूक्रेन के खिलाफ चल रहे रूस क हमले को नहीं रोका गया तो दुनिया के लिए विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं। प्लॉटनर ने यह भी कहा है कि जर्मनी भारत की चुनौतियों को समझता है। जर्मन अधिकारी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस जयशंकर और विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला के साथ वार्ता की है। मॉस्को के खिलाफ पश्चिमी देशों ने कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। प्लॉटनर ने कहा कि जर्मनी को उम्मीद है कि दुनिया का कोई भी मित्र देश युद्ध का ‘आर्थिक फायदा’ उठाने के लिए कोई कदम नहीं उठाएगा। उन्होंने कहा, ‘आप (भारत) एक जटिल पड़ोस में रहते हैं, आपके पास खुद की बाधाओं की चुनौतियां हैं। मेरी चर्चा का एक उद्देश्य यह बेहतर ढंग से समझना है कि भारत की यह भू-राजनीतिक विशिष्टता यूक्रेन में क्या हो रहा है, इसके बारे में आपके विश्लेषण में कैसे भूमिका निभाती है।’

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जो बाइडन के शीर्ष सलाहकार दलीप सिंह, रूसी विदेश मंत्री, यूके विदेश मंत्री



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