Ujjain Mosque Controversy: ज्ञानवापी में बाबा मिल गए! अब उज्जैन के मस्जिद में भी हनुमान चालीसा की तैयारी, प्रशासन ने लगाया पहरा

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Ujjain Mosque Controversy: ज्ञानवापी में बाबा मिल गए! अब उज्जैन के मस्जिद में भी हनुमान चालीसा की तैयारी, प्रशासन ने लगाया पहरा

Ujjain Mosque Controversy: ज्ञानवापी में बाबा मिल गए! अब उज्जैन के मस्जिद में भी हनुमान चालीसा की तैयारी, प्रशासन ने लगाया पहरा

प्रेक्षा दुबे, उज्जैनः काशी के ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे में शिवलिंग मिलने की खबरों के बीच उज्जैन के बिना नींव वाली मस्जिद को लेकर भी मामला गरमा रहा है। उज्जैन के एक अखाड़े के महामंडलेश्वर अतुलेशानंद का दावा है कि दानी गेट के पास स्थित बिना नींव वाली मस्जिद प्राचीन काल में एक मंदिर था। उन्होंने जल्द ही मस्जिद में हनुमान चालीसा का पाठ करने की बात कही है। इसको लेकर प्रशासन भी सतर्क हो गया है। मस्जिद के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। उज्जैन के एसपी ने कहा है कि वर्तमान स्थिति में किसी भी तरह की सांप्रदायिक सद्भावना बिगड़ने की स्थिति होती है तो संबंधित पर कार्यवाही की जाएगी।

महामंडलेश्वर अतुलेशानंद महाराज ने बिना नींव की मस्जिद में शिव मंदिर, गणेश प्रतिमा और जलाधारी होने का दावा किया है। अतुलेशानंद ने जल्द ही मस्जिद में हनुमान चालीसा का पाठ करने की बात कही है। अतुलेशानंद ने कहा है कि कोर्ट की छुट्टी पूरी होने के बाद पिटीशन दायर की जायेगी। तब तक हमें मंदिर होने के दावे की पुष्टि के लिए सबूत इकट्ठा करने का समय मिल गया है। कोर्ट में मंदिर के लिए हम पिटीशन दायर करेंगे और वहां पर हनुमान चालीसा का पाठ भी किया जाएगा।

अतुलेशानंद महाराज का कहना है कि वर्ष 2007 में उन्होंने मस्जिद को अंदर से जाकर देखा था। उन्होंने वहां भगवान गणेश की मूर्तियां, हाथी- घोड़े व पत्थरों पर विशाल पहरेदार सैनिकों की मूर्तियां देखी थीं। महामंडलेश्वर ने कहा है कि मस्जिद की जांच कराई जाए। अतुलेशानंद के मुताबिक उज्जैन एक प्राचीन स्थान है। सन् 1600 में मुगल शासकों ने इस पर कब्जा किया था। उसी समय इस मस्जिद का निर्माण किया गया था। उन्होंने मस्जिद की फ़ोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराने की मांग की है।

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पुरातत्व विभाग के एक रिसर्च में भी यह बताया गया है कि धार की भोजशाला की तरह बिना नींव वाली मस्जिद भी एक भोजशाला थी। रिसर्च में मस्जिद के अंदर हिंदू स्थापत्य कला के अवशेष मिलने का दावा भी किया गया है। पुरातत्व वैज्ञानिकों का भी दावा है कि मस्जिद में परमारकालीन स्थापत्य कला के अवशेष मौजूद हैं। उन्होंने कुछ एतिहासिक साक्ष्यों का हवाला भी दिया है

बहरहाल, प्रशासन इस मामले को फिलहाल तूल नहीं देना चाहता। इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि इस महीने के अंत में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उज्जैन आ रहे हैं। अगले माह जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकाल मंदिर दर्शन और सभा को संबोधित करने आ रहे हैं। इसे देखते हुए मस्जिद के आसपास क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। उज्जैन एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल ने कहा है कि जिले में सांप्रदायिक सद्भावना बनी रहे, इसके लिए हरसंभव उपाय किए जा रहे हैं।

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