Uddhav Thackeray: चुनाव आयोग को भंग कर दिया जाना चाहिए, अब सुप्रीम कोर्ट ही आखिरी उम्मीद, उद्ध‌व ठाकरे की खरी-खरी

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Uddhav Thackeray: चुनाव आयोग को भंग कर दिया जाना चाहिए, अब सुप्रीम कोर्ट ही आखिरी उम्मीद, उद्ध‌व ठाकरे की खरी-खरी

Uddhav Thackeray: चुनाव आयोग को भंग कर दिया जाना चाहिए, अब सुप्रीम कोर्ट ही आखिरी उम्मीद, उद्ध‌व ठाकरे की खरी-खरी


मुंबई: उद्धव ठाकरे गुट ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना मानने और उसे चुनाव चिह्न देने के चुनाव आयोग के फैसले को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अर्जी को जल्द लिस्ट करने को कहा। इस पर चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कोई भी आदेश पारित करने से इनकार कर दिया। पीठ ने कहा, ‘नियम सभी पर समान रूप से लागू होता है। कल उचित प्रक्रिया के माध्यम से आएं।’ सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ फिलहाल शिवसेना में दरार से जुड़े मुद्दों पर विचार कर रही है।

दूसरी ओर, उद्धव ठाकरे ने सोमवार को कहा कि चुनाव आयोग को भंग कर दिया जाना चाहिए। ठाकरे ने शिवसेना भवन में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इतनी जल्दबाजी में फैसला देने की क्या जरूरत थी। हमारा निर्वाचन आयोग से विश्वास उठ गया है। आयोग का फैसला गलत है। अब सुप्रीम कोर्ट ही उम्मीद की आखिरी किरण है। निर्वाचन आयुक्त चुने जाने चाहिए, न कि उनकी नियुक्ति की जानी चाहिए। चुनाव आयुक्तों के लिए एक उचित प्रक्रिया होनी चाहिए। जब सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति की बात आती है, तो इसी तरह की प्रक्रिया चलन में है।

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आयोग का फैसला बिलकुल गलत
उन्होंने कहा, ‘शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न (शिंदे को) सौंपने का निर्वाचन आयोग का फैसला बिलकुल गलत है। फैसला घटनाओं के क्रम पर आधारित होना चाहिए था।’ ठाकरे ने कहा, ‘आयोग ने हमें हलफनामे और पार्टी कार्यकर्ताओं की सूची पेश करने को कहा था। हमने लाखों हलफनामे दाखिल किए, उन्हें जमा करने के लिए लाखों रुपये खर्च किए। लेकिन निर्वाचन आयोग ने पार्टी के नाम और चिह्न पर फैसला सुनाते समय इसे पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया।’ उन्होंने कहा कि BJP शिवसेना को खत्म करने की योजना बना रही है। हमारी पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न चुराना एक बड़ी साजिश का हिस्सा है।


सुल्तान की तरह काम नहीं कर सकता है चुनाव आयोग

उनके खेमे द्वारा शिवसेना के आधिकारिक बैंक खातों से पैसा ट्रांसफर करने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर ठाकरे ने कहा कि चुनाव आयोग को यह बोलने का कोई अधिकार नहीं है कि पार्टी के धन का क्या होता है और वह सुल्तान की तरह काम नहीं कर सकता है। इसकी भूमिका केवल निष्पक्ष चुनाव कराने और एक राजनीतिक दल के भीतर आंतरिक लोकतंत्र सुनिश्चित करने तक सीमित है। अगर चुनाव आयोग पार्टी फंड वितरण में दखल देता है तो उस पर आपराधिक मामला चलेगा।’

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शिंदे गुट द्वारा शिवसेना की कई संपत्तियों को अपने कब्जे में लेने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मैं उन्हें मेरे पिता के नाम और उनकी तस्वीर का इस्तेमाल बंद करने की चुनौती देता हूं। उन्हें अपने पिता की तस्वीर लगाने दें और फिर वोट मांगें।

उद्धव ‘मिस्टर इंडिया’ की तरह गायब: BJP

अमित शाह को ‘मोगैंबो’ बताने के उद्धव ठाकरे के बयान पर BJP ने सोमवार को पलटवार किया। पार्टी ने कहा कि उद्धव मिस्टर इंडिया की तरह गायब हो रहे हैं। मुंबई के BJP विधायक अतुल भातखलकर ने कहा, ‘उद्धव ठाकरे BJP नेतृत्व को मोगैंबो बता रहे हैं। वह (उद्धव) यह समझने में विफल रहे हैं कि इस तरह की हास्यास्पद टिप्पणी के साथ वह खुद मिस्टर इंडिया बनते जा रहे हैं। आप महाराष्ट्र की राजनीति से लगभग गायब हो चुके हैं। आपको घर पर रहना चाहिए।’ इस बीच, वंचित बहुजन आघाडी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर ने इस बयान पर कहा कि राजनीति में इस तरह के उपमाओं को खुशी से स्वीकार करना चाहिए।

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पवार से फोन पर बात, ममता भी साथ

उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्हें NCP प्रमुख शरद पवार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने समर्थन देने के लिए फोन किया है। ठाकरे ने कहा कि उनकी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी बात हुई है। शरद पवार और उद्धव ठाकरे की फोन पर बातचीत अहम समझी जा रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि एक दिन पहले ही पवार ने कहा था कि वह शिवसेना के नाम और निशान के विवाद में नहीं पड़ना चाहते हैं और पहले ही अपना रुख साफ कर चुके हैं। चुनाव आयोग के फैसले के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहला सीधा संवाद बताया जा रहा है। हालांकि, दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं ने बातचीत के विषयों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन समझा जाता है कि पवार ने ठाकरे को बता दिया है कि MVA उनकी लड़ाई में उनके साथ मजबूती से खड़ा है।

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अब शिवसेना के दफ्तरों पर कब्ज़े की जंग

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट के नेता मंगलवार को महाराष्ट्र विधानमंडल में पार्टी कार्यालय पहुंचे। मुख्य सचेतक भरत गोगावाले के नेतृत्व में विधायक अगले हफ्ते यहां शुरू हो रहे आगामी बजट सत्र से पहले एक विशेष बैठक के लिए शिवसेना कार्यालय परिसर में पहुंचे। शिंदे गुट के विधायकों ने स्पीकर राहुल नार्वेकर से मुलाकात की। पार्टी की नजर नागपुर विधानभवन में पार्टी दफ्तर, मुंबई में पार्टी मुख्यालय शिवालय, बाकी हिस्सों में 200 से ज्यादा ‘शाखाओं’, निकायों में शिवसेना दफ्तर और पिछले 56 वर्षों में पार्टी द्वारा स्थापित अन्य संपत्तियों पर भी है।

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