Uber-Ola price hike: उबर के बाद अब ओला ने भी बढ़ाया किराया, जानिए अब कितना पड़ेगा आपकी जेब पर बोझ h3>
नई दिल्ली: चौतरफा महंगाई के बीच टैक्सी एग्रीगेटर उबर (Uber) और ओला (Ola) ने भी किराया बढ़ा दिया है। पेट्रोल (Petrol) और डीजल (diesel) के साथ-साथ सीएनजी (CNG) की कीमतों में हाल में हुई भारी बढ़ोतरी के कारण उबर और ओला के ड्राइवर किराया बढ़ाने की मांग कर रहे थे। उबर ने कई शहरों में किराए में 15 फीसदी तक बढ़ोतरी की है। ओला ने भी किराए में 11 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर दी है।
ओला ने ड्राइवरों को भेजे एक मेसेज में कहा है कि ईंधन की कीमतों में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए हमें आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमने किराए में बदलाव किया है। इससे आपको अधिक कमाई करने में मदद मिलेगी। अब आपकी प्रति किमी इनकम में 11 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। ओला में मिनी कैटगरी में अब तक 18 किमी तक प्रति किमी 9.5 रुपये का रेट था। अब इसे बढ़ाकर 10.5 किमी प्रति किमी कर दिया गया है। 18 किमी के बाद रेट 11.80 पैसे प्रति किमी था जिसे अब 12.60 रुपये कर दिया गया है।
कितना बढ़ा किराया
इसी तरह प्राइम कैटगरी में पहले 15 किमी तक रेट 12 रुपये प्रति किमी था जो अब 13.1 रुपये कर दिया गया है। 15 किमी के बाद ग्राहक से प्रति किमी 13 रुपये वसूले जाते थे जिसे अब बढ़ाकर 14.5 रुपये कर दिया गया है। देश में करीब साढ़े चार महीने के अंतराल के बाद 22 मार्च से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का सिलसिला शुरू हुआ था। इस दौरान 14 किस्तों में पेट्रोल-डीजल की कीमत में 10-10 रुपये का इजाफा हो चुका है। इसी तरह सीएनजी की कीमत में पिछले तीन महीनों में प्रति किलो 15 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।
इससे पहले उबर ने मुंबई में किराए में 15 फीसदी और कोलकाता में 12 फीसदी का इजाफा किया था। कंपनी का कहना है कि ईंधन की कीमत में हाल के दिनों में भारी इजाफा हुआ है और ड्राइवरों को राहत देने के लिए यह कदम उठाया गया है। ओला और उबर ने पिछले एक साल में दूसरी बार किराया बढ़ाया है। इससे पहले पिछले साल जुलाई में भी दोनों कंपनियों ने किराए में 15 फीसदी बढ़ोतरी की थी। ओला ने साथ ही ड्राइवरों से कहा है कि अगर सवारी एसी चलाने का अनुरोध करते हैं, तो उन्हें एसी चलाना चाहिए।
एसी चलाने से इनकार
हाल में खबर आई थी कि उबर और ओला के ड्राइवर एसी चलाने से मना कर रहे हैं। वे एसी चलाने के लिए ज्यादा पैसे मांग रहे हैं। कैब ड्राइवरों का कहना था कि अगर एसी चलाना है तो प्रति किलोमीटर दो रुपये किराया ज्यादा देना होगा। इससे ड्राइवर और सवारी के बीच नोकझोक की भी खबरें आ रही थी। ओला या उबर ड्राइवर राइड के दौरान सीएनजी बचाने के चक्कर में एसी नहीं चलाना चाहते थे। लेकिन कंपनियों के किराया बढ़ाने के बाद अब उन्हें ग्राहक के अनुरोध पर एसी चलाना होगा।
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ओला ने ड्राइवरों को भेजे एक मेसेज में कहा है कि ईंधन की कीमतों में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए हमें आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमने किराए में बदलाव किया है। इससे आपको अधिक कमाई करने में मदद मिलेगी। अब आपकी प्रति किमी इनकम में 11 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। ओला में मिनी कैटगरी में अब तक 18 किमी तक प्रति किमी 9.5 रुपये का रेट था। अब इसे बढ़ाकर 10.5 किमी प्रति किमी कर दिया गया है। 18 किमी के बाद रेट 11.80 पैसे प्रति किमी था जिसे अब 12.60 रुपये कर दिया गया है।
कितना बढ़ा किराया
इसी तरह प्राइम कैटगरी में पहले 15 किमी तक रेट 12 रुपये प्रति किमी था जो अब 13.1 रुपये कर दिया गया है। 15 किमी के बाद ग्राहक से प्रति किमी 13 रुपये वसूले जाते थे जिसे अब बढ़ाकर 14.5 रुपये कर दिया गया है। देश में करीब साढ़े चार महीने के अंतराल के बाद 22 मार्च से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का सिलसिला शुरू हुआ था। इस दौरान 14 किस्तों में पेट्रोल-डीजल की कीमत में 10-10 रुपये का इजाफा हो चुका है। इसी तरह सीएनजी की कीमत में पिछले तीन महीनों में प्रति किलो 15 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।
इससे पहले उबर ने मुंबई में किराए में 15 फीसदी और कोलकाता में 12 फीसदी का इजाफा किया था। कंपनी का कहना है कि ईंधन की कीमत में हाल के दिनों में भारी इजाफा हुआ है और ड्राइवरों को राहत देने के लिए यह कदम उठाया गया है। ओला और उबर ने पिछले एक साल में दूसरी बार किराया बढ़ाया है। इससे पहले पिछले साल जुलाई में भी दोनों कंपनियों ने किराए में 15 फीसदी बढ़ोतरी की थी। ओला ने साथ ही ड्राइवरों से कहा है कि अगर सवारी एसी चलाने का अनुरोध करते हैं, तो उन्हें एसी चलाना चाहिए।
एसी चलाने से इनकार
हाल में खबर आई थी कि उबर और ओला के ड्राइवर एसी चलाने से मना कर रहे हैं। वे एसी चलाने के लिए ज्यादा पैसे मांग रहे हैं। कैब ड्राइवरों का कहना था कि अगर एसी चलाना है तो प्रति किलोमीटर दो रुपये किराया ज्यादा देना होगा। इससे ड्राइवर और सवारी के बीच नोकझोक की भी खबरें आ रही थी। ओला या उबर ड्राइवर राइड के दौरान सीएनजी बचाने के चक्कर में एसी नहीं चलाना चाहते थे। लेकिन कंपनियों के किराया बढ़ाने के बाद अब उन्हें ग्राहक के अनुरोध पर एसी चलाना होगा।
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