TTP asked Pak government for political office in third country | टीटीपी ने पाक सरकार से कहा तीसरे देश में राजनीतिक कार्यालय की मांग की – Bhaskar Hindi

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TTP asked Pak government for political office in third country | टीटीपी ने पाक सरकार से कहा तीसरे देश में राजनीतिक कार्यालय की मांग की – Bhaskar Hindi



News, नई दिल्ली। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) एक तीसरे देश में एक राजनीतिक कार्यालय खोलना चाहता है। यह उन तीन मांगों में से एक है जो आतंकवादी समूह ने अपनी प्रारंभिक वार्ता के दौरान पाकिस्तानी अधिकारियों से की थी। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के हवाले से यह जानकारी मिली है।

पाकिस्तान और टीटीपी ने 9 नवंबर से एक महीने तक चलने वाले संघर्ष विराम में प्रवेश किया है। युद्धविराम अफगानिस्तान में पाकिस्तानी अधिकारियों और टीटीपी प्रतिनिधियों के बीच हुई बैठकों की एक श्रृंखला का परिणाम था। वार्ता में तालिबान सरकार, विशेष रूप से हक्कानी नेटवर्क द्वारा मध्यस्थता की गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने कम से कम तीन दौर की बातचीत की-एक काबुल में और अन्य दो बैठकें खोस्त में हुईं।

सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ बैठकों की एक श्रृंखला में टीटीपी ने तीन मांगें कीं, जिसमें तीसरे देश में एक राजनीतिक कार्यालय खोलने की अनुमति देना, खैबर पख्तूनख्वा के साथ संघीय प्रशासित जनजातीय क्षेत्रों (एफएटीए) के विलय को उलट देना और पाकिस्तान में इस्लामी व्यवस्था की शुरूआत शामिल है। ।

लेकिन पाकिस्तानी अधिकारियों ने टीटीपी को सीधे और तालिबान वातार्कारों के माध्यम से बताया कि ये मांगें स्वीकार्य नहीं हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि टीटीपी को विशेष रूप से स्पष्ट शब्दों में बताया गया था कि उनकी व्याख्या के आधार पर इस्लामी प्रणाली शुरू करने का कोई सवाल ही नहीं था।

पाकिस्तानी अधिकारियों ने टीटीपी को बताया कि पाकिस्तान राज्य उन्हें कुछ शर्तों को पूरा करने पर ही उन्हें अपने जीवन को फिर से शुरू करने की अनुमति दे सकता है। उन शर्तों में राज्य के आदेश को स्वीकार करना, हथियार डालना और उनके द्वारा किए गए आतंकवादी कृत्यों पर सार्वजनिक माफी शामिल है। अगर वे उन मांगों को पूरा करते हैं, तो पाकिस्तान उन्हें माफी देने पर विचार कर सकता है, जिससे उनकी मुख्यधारा में आने का रास्ता साफ हो जाएगा।

अगस्त में जब तालिबान ने काबुल पर अधिकार कर लिया था, तो पाकिस्तान ने नई सरकार को अफगानिस्तान से सक्रिय टीटीपी आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग सहित मांगों की एक सूची सौंपी थी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान सरकार ने हालांकि उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय बातचीत के जरिए समाधान निकालने के लिए पाकिस्तान को अपने कार्यालय की पेशकश की थी।

पाकिस्तान ने इस उम्मीद में प्रस्ताव स्वीकार कर लिया कि अफगान तालिबान मध्यस्थ के रूप में नहीं बल्कि टीटीपी के साथ किसी भी शांति समझौते के गारंटर के रूप में कार्य करेगा।

 

(आईएएनएस)