Trimbakeshwar Temple: ‘दूसरे धर्म का प्रवेश बैन करना ठीक नहीं’… त्र्यंबकेश्वर मंदिर विवाद पर बोले राज ठाकरे h3>
मुंबई : महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे ने एक बार फिर राज्य की शिंद-फडणवीस सरकार के खिलाफ स्टैंड लिया है। त्र्यंबकेश्वर मंदिर विवाद पर उन्होंने कहा है कि मंदिर में चादर या धूप चढ़ाने की परंपरा पुरानी है। सौ साल पुरानी परंपराओं को रोकना सही नहीं है। 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल प्रसिद्ध मंदिर से लगी दरगाह की ओर से अगरबत्ती जलाने की परंपरा रही है। हजरत पीर सैयद गुलाब शाहवाली बाबा दरगाह के वार्षिक उर्स में 13-14 मई की रात शामिल कुछ मुसलमान युवकों को मंदिर के प्रवेश द्वार पर अगरबत्ती चढ़ाने से रोक दिया गया था। फिर मंदिर के एक अधिकारी द्वारा सिर पर फूलों की चादर लादे दिखे युवकों के खिलाफ जबरन प्रवेश की शिकायत दर्ज कराई गई। इसी के आधार पर चार लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 295 (धर्म का अपमान करने के इरादे से पूजा स्थल को नुकसान पहुंचाना या अपवित्र करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मुद्दे पर विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का ऐलान कर दिया था।दो दिवसीय यात्रा पर नाशिक आए राज ठाकरे ने कहा, देश में कई मंदिर और मस्जिद हैं जहां लोगों के बीच आपसी भाईचारा है। मुंबई में माहिम पुलिस के अधिकारी माहिम दरगाह पर दशकों से चादर चढ़ाते रही हैं। ठाकरे ने कहा कि उन्होंने भी मस्जिदों और दरगाहों का दौरा किया है।
‘बाहरी लोगों को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए’
ठाकरे ने कहा, त्र्यंबकेश्वर का मुद्दा स्थानीय निवासियों का है और उन्हीं को निर्णय लेना चाहिए। बाहरी लोगों को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। अगर कोई परंपरा वर्षों से चली आ रही है तो उसे रोकना ठीक नहीं है। क्या हमारा धर्म इतना कमजोर है कि अगर कोई दूसरे धर्म का व्यक्ति मंदिर में प्रवेश करता है तो वह अपनी पवित्रता और दिव्यता खो देगा।
राज ठाकरे ने इस तरह की बातों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने, गलतफहमियां फैलाने के लिए सोशल मीडिया पर भी उंगली उठाई। उन्होंने कहा, पुलिस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी चीजों को लेकर कोई हिंसा न हो।
मस्जिदो पर लाउडस्पीकर!
मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने पिछले दिनों मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतारने का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा कि जब चीजें गलत हो रही हों तो बोलना चाहिए। लाउडस्पीकरों के खिलाफ अपने अभियान के साथ ही उन्होंने मुंबई की माहिम दरगाह के पास अरब सागर में एक कथित टापू बनाए जाने को लेकर अपने विरोध का हवाला दिया। मनसे द्वारा मुद्दा उठाए जाने के तुरंत बाद मार्च में इस टापू को बुलडोजर लगाकर ध्वस्त कर दिया गया था।
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‘बाहरी लोगों को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए’
ठाकरे ने कहा, त्र्यंबकेश्वर का मुद्दा स्थानीय निवासियों का है और उन्हीं को निर्णय लेना चाहिए। बाहरी लोगों को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। अगर कोई परंपरा वर्षों से चली आ रही है तो उसे रोकना ठीक नहीं है। क्या हमारा धर्म इतना कमजोर है कि अगर कोई दूसरे धर्म का व्यक्ति मंदिर में प्रवेश करता है तो वह अपनी पवित्रता और दिव्यता खो देगा।
राज ठाकरे ने इस तरह की बातों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने, गलतफहमियां फैलाने के लिए सोशल मीडिया पर भी उंगली उठाई। उन्होंने कहा, पुलिस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी चीजों को लेकर कोई हिंसा न हो।
मस्जिदो पर लाउडस्पीकर!
मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने पिछले दिनों मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतारने का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा कि जब चीजें गलत हो रही हों तो बोलना चाहिए। लाउडस्पीकरों के खिलाफ अपने अभियान के साथ ही उन्होंने मुंबई की माहिम दरगाह के पास अरब सागर में एक कथित टापू बनाए जाने को लेकर अपने विरोध का हवाला दिया। मनसे द्वारा मुद्दा उठाए जाने के तुरंत बाद मार्च में इस टापू को बुलडोजर लगाकर ध्वस्त कर दिया गया था।
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