इलेक्ट्रिक प्लग की तीनों पिन में चीरा लगा होने के पीछे का विज्ञान ?

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इलेक्ट्रिक प्लग की तीनों पिन में चीरा लगा होने के पीछे का विज्ञान ? ( The science behind the incision in all three pins of the electric plug? )
इलेक्ट्रिक प्लग की तीनों पिन में चीरा लगा होने के पीछे का विज्ञान ? ( The science behind the incision in all three pins of the electric plug? )

इलेक्ट्रिक प्लग की तीनों पिन में चीरा लगा होने के पीछे का विज्ञान ? ( The science behind the incision in all three pins of the electric plug )

इलेक्ट्रिक प्लग – मानव का स्वभाव बहुत ही जिज्ञासु होता है. वह किसी भी चीज के पीछे के कारण को जानने की कोशिश करता है. कुछ चीजे तो ऐसी होती हैं, जो हमारे जीवन में दैनिक तौर पर सामने आती है. लेकिन उनमें कुछ ऐसा विशेष देखने को मिलता है, जिसकी वजह से इंसान सोचने को मजबूर हो जाता है कि इसके पीछे का कारण क्या है.

वर्तमान समय में बहुत कम गांव हीं ऐसे हैं, जहां पर बिजली नहीं पहुँच पाई है. वहां भी बिजली पहुँचाने के प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन ज्यादात्तर लोग बिजली का इस्तमाल करते हैं.

जो लोग घरों में बिजली का इस्तमाल करते हैं, तो बिजली के उपकरणों को इस्तमाल करने के लिए प्लग का इस्तमाल किया जाता है. उनसे संबंधित लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं. इसी तरह का एक सवाल जो आमतौर पर पूछा जाता है कि इलेक्ट्रिक प्लग की तीनों पिन में चीरा लगा होने के पीछे का विज्ञान ? अगर आपके मन में भी ऐसा ही सवाल है, तो इस पोस्ट में इसी सवाल का जवाब जानते हैं.

इलेक्ट्रिक प्लग
प्लग

प्लग के प्रकार –

इस सवाल का जवाब जानने से पहले हमें प्लग के प्रकारों के बारे में भी जानना जरूरी है. आमतौर पर 2 प्रकार के प्लगों का इस्तमाल किया जाता है. एक 2 पिन वाला तथा दूसरा 3 पिन वाला प्लग होता है. दरअसल, छोटी मोटी चीजों के प्रय़ोग के दौरान जिनमें बिजली की कम आवश्यकता होती है, 2 पिन वाला प्लग इस्तमाल किया जाता है.

इसके अलावा जिन उपकरणों के इस्तमाल में अधिक बिजली खर्च होती हैं, उनमें 3 पिन वाले प्लग का इस्तमाल किया जाता है. ऐसा नहीं है कि कट सिर्फ 3 पिन वाले प्लग में ही होते हैं. 2 पिन वाले प्लग में भी कट देखने को मिल सकते हैं.

electric plug
प्लग

तीनों पिन में चीरा लगा होने के पीछे का विज्ञान –

इसको समझने से पहले हमें यह समझना होगा कि तीन पिन वाले प्लग की पिन मुख्यतौर पर 2 प्रकार की होती है. एक प्लग में पीतल की पिन इस्तमाल होती है. दूसरा कुछ प्लग में एलुमिनियम की पिन लगी हुई होती है. जिस प्लग में पीतल की पीन लगी होती है, उसमें जंग लगने का खतरा रहता है. इसके अलावा धातु के खराब होने की संभावना भी ज्यादा होती है. यहीं कारण है कि पीतल की पिन पर निकिल की पॅालिस कर दी जाती है. इसके बाद ऐसा लगता है कि जैसे यह पिन स्टील की है.

अगर तीनों पिन में चीरा लगाने के पीछे के विज्ञान की बात करें, तो आप सभी जानते हैं कि पीतल की पिन बिजली की अच्छी सुचालक होती है. इसमें करंट आसानी से गति कर सकता है. अगर इस पिन को बिजली में लगाते हैं और कुछ हैवी बिजली खर्च करने वाला उपकरण चलाते हैं, तो ज्यादा बिजली के फ्लों की वजह से यह गर्म हो जाती है. गर्म होकर यह फैल जाती है. जिसकी वजह से यह सॅाकेट को चीपक सकती है या फिर इससे कवर भी डैमेज या खराब हो सकता है.

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इस डैमेज से बचने के लिए विज्ञान के अनुसार इसके आकार में परिवर्तन कर दिया जाता है. इस पिन में चीरा लगा दिया जाता है. इससे बिजली 2 भागों में बंट जाती है. जिसकी वजह से ये पिन ज्यादा गर्म नहीं होती है. इसकी वजह से प्लग डैमेज होने से बच जाता है. तीन पिन वाले प्लग का इस्तमाल हैवी उपकरणों को चलाने में किया जाता है.

जिसकी वजह से इनमें चीरा लगाया जाता है, ताकि बिजली 2 भागों में बंट जाएं. इसलिए जब भी आप प्लग लेने जाते हैं, तो यह देख सकते हैं कि उसमें चीरा लगा हुआ है या नहीं .

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