Coelacanth: 100 साल जिंदा रहती है डायनासोर काल की यह रहस्यमय मछली, 5 वर्ष तक गर्भवती
हाइलाइट्स:
- ‘जिंदा जीवाश्म’ कही जाने वाली रहस्यमय मछली डायनासोर के काल से धरती पर मौजूद
- यह मछली करीब 100 साल तक जिंदा रह सकती है और बच्चा देने में 5 साल लग जाते हैं
- इस मछली को वर्ष 1930 के दशक के पहले तक दुनिया से विलुप्त मान लिया गया था
पेरिस
‘जिंदा जीवाश्म’ कही जाने वाली रहस्यमय मछली Coelacanth डायनासोर के काल से ही धरती पर मौजूद है और यह करीब 100 साल तक जिंदा रह सकती है। यही नहीं इस मछली को गर्भवती होने के बाद बच्चा देने में 5 साल लग जाते हैं। एक ताजा शोध में इस बेहद खूबसूरत मछली के बारे में खुलासा हुआ है। इसे वर्ष 1930 के दशक के पहले तक विलुप्त मान लिया गया था। हालांकि बाद में इसे दक्षिण अफ्रीका के समुद्री तट पर पाया गया।
इस अद्भुत मछली के बारे में रहस्य यही पर खत्म नहीं हो गया क्योंकि शोध में पाया गया है कि यह रात के समय भ्रमण करने वाली मछली इंसान के आकार की हो सकती है। यह बहुत धीमी गति से बढ़ती है और 100 साल तक जिंदा रह सकती है। करीब 50 साल की हो जाने पर यह मछली सेक्सुअली तैयार हो जाती है और यह गर्भवती होने के करीब 5 साल बाद बच्चा देती है।
Coelacanth मछली की केवल दो प्रजातियां
फ्रांसीसी शोधकर्ताओं के मुताबिक नर मछली को परिपक्व होने में 40 से 69 साल का समय लग जाता है। यह मछली अपने अस्तित्व को बचाने के लिए जूझ रही है और वैज्ञानिक केवल उन्हीं मछलियों का अध्ययन कर पाए हैं जो या तो पकड़ी गई हैं और मारी गई हैं। शार्क और अन्य गहरे पानी में रहने वाली मछलियों की तरह से ही यह मछली भी धीरे-धीरे बूढ़ी होती है। अभी तक इस मछली coelacanth मछली की केवल दो प्रजातियां मिली हैं।
इनमें से एक मछली अफ्रीका के पूर्वी तट के कोमोरोस द्वीप समूह और दूसरी प्रजाति इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप के पास पानी में पाई जाती है। यह मछली सतह से 2300 फुट नीचे रहती है। हाल ही में समुद्र के अंदर शार्क का शिकार करने वाले शिकारियों ने हिंद महासागर में बसे मेडागास्कर के तट पर डायनासोर के काल की इस विलुप्त हो गई मछली को जिंदा पकड़ा था। मछली की यह प्रजाति करीब 42 करोड़ साल पुरानी है।
मछलियों के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा
इस मछली के विशाल शरीर पर विशेष धारियां भी बनी हुई हैं। दक्षिण अफ्रीका जर्नल ऑफ साइंस के एक शोध में कहा गया है कि शार्क के शिकार की वजह से Coelacanth मछलियों के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है। शार्क मछलियों का शिकार वर्ष 1980 के दशक से तेज हो गया है। शोधकर्ताओं ने कहा कि शार्क को पकड़ने के लिए शिकारियों के जिलनेट बहुत खतरनाक खोज है। ये इतने विशाल हैं कि गहरे समुद्र में भी शार्क को फंसा लेते हैं।
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