ईश्वर की आराधना करते वक़्त आँखों से आँसू आने का क्या तात्पर्य है?

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भारत को श्रद्धा का देश मन जाता है। मान्यता है की भारत के मंदिरों में स्वयं ईश्वर वास करते है। अगर ईश्वर की उपासना सच्चे और शुद्ध मन से करें तो भगवान अपने भक्तों की सुरक्षा के लिए और उनकी मनोकामना पूर्ण करने के लिए खुद उपस्थित होते है। क्या अपने कभी सोचा है की ईश्वर की पूजा -अर्चना करते वक़्त आँखे नम क्यों हो जाती है?

जब कभी हम ईश्वर की अराधना करते है , और उनकी भक्ति में लीन हो जाते है तो आंखे भर आती है लेकिन क्या आप इसका मतलब जानते है या इसके पीछे छिपे रहस्य से प्रचित है। तो चलिए हम आपको इस रहस्य से और इसके कारण से अवगत कराते है। ध्यान या पूजा पाठ करते समय हमारे मन को सुकून मिलता है, हमें एक अजीब सी शांति को अनुभव करते है। पूजा पाठ कर हम अपने मन को शांत करते है और ईश्वर के काफी करीब महसूस करते है। यदि पूजा पाठ करते समय आपकी आंखों से आंसू निकल आए तो इसका मतलब है की आपको ईश्वर की और से कोई विशेष संकेत मिल रहे हैं।

यदि ईश्वर की उपसना करते वक़्त आप की आंखों से आंसू आ जाए तो इसका मतलब है कि आप की पूजा सफल हो चुकी है, भगवान आपके पूजा से प्रसन्न हुए, अब आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो सकती है। इस तरह भगवान अपने भक्तों को संकेत देते है की वो उनकी पूजा-अर्चना से काफी खुश हुए और उनकी जो भी इच्छा है भगवान जरूर पूरी करेंगे यानि की यह एक तरह का शुभ संकेत होता है। अगर पूजा करते वक़्त आपकी भी आँखे नम हो जाए तो परेशान होने की जरूरत नहीं इसका सीधा तात्पर्य है की भगवान ने आपकी पूजा स्वीकार की और आपके भक्ति -भाव के साथ- साथ ईश्वर के प्रति खुद को समर्पित देख भगवान आपसे खुश हुए और आपकी मनोकामना जल्द पूरी होगी।

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