नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोशल मीडिया को रेगुलाइज करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से बनाई गाइडलाइंस पर आपत्ति जताई है. कोर्ट ने कहा कि इस गाइडलाइंस में गलत विषयवस्तु दिखाने वाले ओटीटी प्लेटफार्म (OTT Platform) के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के प्रावधान नहीं किए गए हैं.
‘तांडव’ मामले पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई
‘तांडव’ वेब सीरीज (Tandava Web Series) मामले की शुक्रवार को सुनवाई करते हुए जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस आर एस रेड्डी की खंडपीठ ने कहा कि सोशल मीडिया पर केन्द्र सरकार के नियम महज दिशानिर्देश हैं. इनमें गलत चीजें दिखाने वाले डिजिटल प्लेटफॉर्म के खिलाफ कार्रवाई के कोई प्रावधान नहीं हैं.
‘केंद्र सरकार अदालत के सुझावों पर विचार करेगी’
केन्द्र सरकार की ओर से कोर्ट में पेश हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार अदालत की ओर से सुझाए गए उचित कदमों पर विचार करेगी. उन्होंने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म (OTT Platform) के लिए किसी भी तरह के नियमों को अदालत के सामने पेश किया जाएगा.
अपर्णा पुरोहित को गिरफ्तारी पर अंतरिम राहत
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ‘तांडव’ (Tandava Web Series) के मामले में अमेजन प्राइम वीडियो की इंडिया हेड अपर्णा पुरोहित को गिरफ्तारी से अंतरिम बेल प्रदान कर दी. कोर्ट ने अपर्णा पुरोहित को कहा कि वे अपनी याचिका में केंद्र सरकार को भी पक्षकार बनाएं. सुप्रीम कोर्ट ने अपर्णा पुरोहित की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को भी नोटिस जारी किया.
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‘तांडव’ पर हिंदू देवी-देवताओं के अपमान का आरोप
बता दें कि ‘तांडव’ (Tandava Web Series) 9 कड़ियों वाली एक वेब सीरीज है. जिसमें बालीवुड अभिनेता सैफ अली खान, डिंपल कपाड़िया और मोहम्मद जीशान अय्यूब ने एक्टिंग की है. आरोप है कि इस सीरीज में उत्तर प्रदेश पुलिस का गलत तरीके से चित्रण किया गया है. साथ ही हिंदू देवी-देवताओं के बारे में अपमानजनक बातें भी कही गई हैं. तांडव सीरीज के निर्माता-निर्देशक समेत एक्टरों पर देश भर में विभिन्न मुकदमे दर्ज करवाए गए हैं.
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