राजस्थान में स्वाइन फ्लू का सितम जारी!

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राजस्थान में स्वाइन फ्लू का सितम जारी!
राजस्थान में स्वाइन फ्लू का सितम जारी!

बारिश के मौसम बीमारियों की भी चौतरफा बरसात होने लगती है, बारिश अच्छी हो या न लकिन बारिश के मौसम में फैलने वाली बीमारियों का आगाज जरूर हो जाता है। आमतौर पर बारिश के दिनों में डेंगू, मलेरिया इत्यादि बीमारियों का प्रकोप देखने को मिलता था, लेकिन पिछले कुछ सालों से स्वाइन फ्लू नामक बिमारी ने देश में कब्जा जमा लिया है। देश भर से स्वाइन फ्लू से ग्रसित मरीजों की खबरें आ रही है। यह एक खतरनाक बिमारी है, जिसकी वजह से देश में पिछले कुछ सालों से कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी, यही सिलसिला इस भी चल रहा है। देश के कुछ राज्यों में स्वाइन फ्लू से ग्रसित मरीजों की खबर आई है। फिर चाहे बात यूपी की जाए या फिर उत्तराखंड की जाए, अधिकांश जगह स्वाइन फ्लू का मामला सामने आया है।

हाल ही में यूपी और उत्तराखंड से स्वाइन फ्लू का मामला सामने आया है, जिसके बाद राजस्थान से भी स्वाइन फ्लू का मामला सामने आया। जी हाँ, राजस्थान के बीकानेर में स्वाईन फ्लू का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है। रविवार को पीबीएम अस्पताल में 12 मरीजों की जांच की गई जिसमे तीन मरीज स्वाईन फ्लू के पाए गए है। वहीं आज 3 अन्य मरीजों के भी सैंपल लिए गए हैं। पीबीएम अस्पताल में 35 मरीज हो गए हैं । इनमे तीन नए मरीज है, जिनमे से दो को ही अस्पताल ने भर्ती किया है। इसके साथ ही प्रदेश में स्वाइन फ्लू से ग्रसित मरीजों की संख्या 7 के पार हो चुकी है। आपको बता दें कि स्वाइन फ्लू के मरीजों में लगातार ईजाफा हो रहा है।

मामलें को गंभीरता से लेते हुए सीएमएचओ के डॉ. देवेन्द्र चौधरी का कहना है कि स्वाइन फ्लू के लिए सभी डॉक्टर्स को अलर्ट कर दिया गया है। वार्ड में राउंड क्लॉक डॉक्टर की मौजूदगी के साथ ही यूनिटवार सीनियर के राउंड भी तय कर दिए गए है। जिससे मरीजों को किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं हो। साथ ही सीएमएचओ का कहना है कि अस्पताल में मरीजों के लिए दवाएं पूरी हैं, स्वाईन फ्लू के बारे में लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। इतना ही नहीं उन्होंने लोगों को हिदायत भी देते हुए कहा कि इससे किसी को भी घबराने की जरुरत नहीं है।

बहरहाल, राजस्थान में फैल रहें स्वाइन फ्लू के वायरस को जल्द ही रोकना पड़ेगा, वरना यूपी और उत्तराखंड जैसें हालात यहां भी हो जाएंगे। प्रदेश की सरकार को चाहिए की जनता को जागरूक करने के लिए अभियान चलाएं ताकि मरीजों की बढ़ती संख्या को रोका जा सके।