Sushil Modi: ‘देवगौड़ा जैसी कमजोर सरकार चाहते हैं Nitish, विपक्षी एकता सत्ता के प्यासे छोटे-बड़े दलों की मृग-मरीचिका’
‘जनाधार विहीन नीतीश कुमार चाहते हैं कमजोर पीएम’
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जनाधार विहीन करार दिया है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार परस्पर-विरोधी ताकतों का कुनबा जोड़ कर देश को कमजोर सरकारों के दौर में लौटाना चाहते हैं। जबकि आज की तारीख में देश को विश्व के पटल पर ताकतवर बनाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही चीन और पाकिस्तान को करारा जवाब दे सकते हैं।
‘देवगौड़ा और चंद्रशेखर के दौर में नहीं लौटना चाहता देश’
सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि देश अब देवगौड़ा और चंद्रशेखर के उस दौर में नहीं लौटना चाहता, जब रिजर्व बैंक को सोना गिरवी रखना पड़ा था। सुशील मोदी ने नीतीश कुमार की ओर से विपक्षी एकजुटता के लिए की जा रही कवायद पर भी चुटकी ली। उनके मुताबिक ‘विपक्षी एकता’ केवल ‘मृग-मरीचिका’ है। ये एक झूठे-नकारात्मक लक्ष्य के लिए सत्ता के प्यासे हिरणों की दौड़ के सिवा कुछ नहीं है।
‘नीतीश को कांग्रेस पूछती नहीं और खुर्शीद की हैसियत नहीं’
भाकपा माले के अधिवेशन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों की एकजुटता के लिए कांग्रेस को जल्द से जल्द पहल करने की बात कही थी। नीतीश ने सलमान खुर्शीद की ओर इशारा करते हुए कहा था कि अगर कांग्रेस उनके कहे पर काम शुरू करती है तो 2024 में बीजेपी को 100 सीट से कम पर रोका जा सकता है। नीतीश कुमार के इस बयान पर राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नीतीश कुमार को पूछती नहीं। वे सीधे सोनिया गांधी, राहुल गांधी या खरगे से बात करने के बजाय सलमान खुर्शीद जैसे व्यक्ति के जरिए संदेश दे रहे हैं, जिसकी कांग्रेस में कोई हैसियत नहीं। सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार अब इतने कमजोर मुख्यमंत्री हो चुके हैं कि उन्हें केसीआर जैसे नेता भी भाव नहीं दे रहे।
‘सिर्फ एक बार बीजेपी के नेतृत्व में ही एकजुट हुआ था विपक्ष’
सुशील मोदी ने कहा कि 1977 को छोड़ कर कभी पूरा विपक्ष एकजुट नहीं हुआ। ये तब संभव हुआ, जब उसका नेतृत्व जेपी जैसे महान राजनेता के हाथ में था। आज विपक्ष का हर नेता खुद को पीएम-इन-वेटिंग मानता है। महज तीन राज्यों तक सिमटी कांग्रेस काफी कमजोर हो चुकी है। वो न विपक्षी एकता की धुरी बन सकती है, न कोई राहुल गांधी का नेतृत्व स्वीकार करेगा। केरल में एक-दूसरे के विरुद्ध लड़ने वाली कांग्रेस और माकपा एकसाथ नहीं आ सकती। इसी प्रकार पंजाब-दिल्ली- हरियाणा में कांग्रेस और केजरीवाल साथ नहीं आ सके। ममता बनर्जी और केसीआर में कोई भी किसी को नेता नहीं मानता।
‘देश में कमजोर प्रधानमंत्री क्यों चाहता है विपक्ष?’
बीजेपी के सीनियर नेता सुशील मोदी की मानें तो देश मे केवल प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ही ऐसी मजबूत सरकार दे सकती है, जो सबका विकास करने वाली होगी। साथ ही अर्थव्यवथा की तेजी बरकरार रख सके। दिल्ली में विपक्ष ऐसी सरकार चाहता है, जिसे हर छोटी-बड़ी पार्टी ब्लैकमेल कर सके। इसके अलावा केंद्र की कमजोर सरकार जीएसटी या सर्जिकल स्ट्राइक जैसे बड़े फैसले न कर सके। केंद्र में जब से बीजेपी की सरकार बनी है, तब से विपक्ष उनके खिलाफ तरह-तरह के साजिश रच रही है। विपक्ष कितनी भी ताकत लगा ले, देश की जनता नरेंद्र मोदी के साथ है।