सुप्रीम कोर्ट ने आज SC/ST कर्मचारियों के प्रमोशन को दिखाई हरी झंडी

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नई दिल्ली: सरकारी नौकरी में अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के प्रमोशन को लेकर आज सुप्रीमकोर्ट ने एक अहम फैसला लिया है. इस मामले पर सुप्रीमकोर्ट ने केंद्र सरकार को SC/ST कर्मचारियों के प्रमोशन देने की मांग को इजाजत दे दी है.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस फैसले पर कहा कि जब तक संविधान पीठ इस पर अंतिम फैसला नहीं ले लेता है. तब तक सरकार प्रमोशन में रिजर्वेशन कर सकती है. इस फैसले के बाद से मोदी सरकार को एक बड़ी राहत मिली है. इस मामले पर मोदी की अगुआई मार्च 2016 में बैठक हुई थी. इस बैठक में डीओपीटी से एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए बोला गया था. इस रिपोर्ट में यह बताया गया था कि कोटा पॉलिसी के तहत एसी का 15 प्रतिशत और एसटी का 7.5 प्रतिशत प्रतिनिधित्व का अवसर किसी सरकारी विभागों में नहीं मिल पाया था.

इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में ASG मनिंदर सिंह ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि SC/ST कर्मचारियों को प्रमोशन देने की जिम्मेदारी सरकार की है. अलग-अलग हाईकोर्ट के फैसलों के चलने की वजह से प्रमोशन रुके हुए थे. बहरहाल सुप्रीमकोर्ट ने सभी मुकदमों को एक साथ कर एक बड़ा फैसला लिया है, अब इनकी सुनवाई संविधान पीठ करेगी. बता दें कि प्रमोशन में आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट के अपने-अपने आदेश के वजह से कार्मिक विभाग ने 30 सितंबर 2016 को एक आदेश निकालकर सभी तरह की प्रमोशन पर रोक लगा दी थी. इसी दौरान प्रमोशन को लेकर परेशान कर्मचारी इधर से उधर फिर रहे हैं.

कुछ समय पहले ही केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने अपने बेटे चिराग के साथ मिलकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात के दौरान एससी/एसटी के लोगों के प्रमोशन को लेकर चर्चा की थी. एससी/एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बदलाव के बाद से मोदी सरकार इस मसले में घिरी हुई थी. जिसके स्वरूप देश में दलितों का आक्रोश देखने को मिला था. आपको बता दें कि इस फैसले को मोदी सरकार की तरफ से सुप्रीमकोर्ट द्वारा निपटने की दिशा में उठाए गए पहल के रूप में देखा जा रहा है.