Success Story: साथ-साथ की पढ़ाई व नौकरी, फिर की शादी और जॉब छोड़ शुरू किया अलग-अलग स्टार्टअप, आज बने यूनिकॉर्न h3>
नई दिल्ली: हर एक एंटरप्रेन्योर (Entrepreneur) का सपना होता है कि उसका स्टार्टअप (Startups) कभी ना कभी एक यूनिकॉर्न (Unicorn) बने। यूनिकॉर्न से मतलब है कि उस स्टार्टअप की वैल्यूएशन (Valuation) एक अरब डॉलर हो जाए। हालांकि, स्टार्टअप को सफल बनाना ही अपने आप में काफी चुनौतियों भरा होता है। कई बार हारने के बाद, घाटा खाने के बाद और बेहद संघर्षपूर्ण समय से गुजरकर कोई स्टार्टअप सफल बनता है। ऐसे में एक स्टार्टअप को यूनिकॉर्न बना देना बिल्कुल भी आसान नहीं होता। लेकिन कहते हैं ना कि पृथ्वी वीरों से खाली नहीं है। भारत में पहला एक ऐसा कपल (Couple) सामने आया है, जिसमें पति और पत्नी दोनों ही अलग-अलग यूनिकॉर्न के मालिक हैं। यानी इन दोनों में से प्रत्येक के पास एक अरब डॉलर की वैल्यूएशन वाली कंपनी है। यह कपल है रुचि कालरा (Ruchi Kalra) और आशीष माहापात्रा (Asish Mohapatra)। रुचि कालरा ने जिस स्टार्टअप को यूनिकॉर्न का दर्ज दिलाया है उसका नाम ऑक्सीजो फाइनेंशियल सर्विसेज (Oxyzo Financial Services) है। वहीं, आशीष ने ऑफबिजनस (OfBusiness) को एक अरब डॉलर के वैल्यूएशन तक पहुंचाया है। आइए इन दोनों की स्टार्टअप जर्नी के बारे में जानते हैं।
यहां हुई दोनों की मुलाकात
कालरा जहां 38 साल की हैं, तो आशीष 41 साल के हैं। इन दोनों ने ही अपनी पढ़ाई आईआईटी (IIT) से की है। ये दोनों ही मैकिन्से एंड कंपनी (McKinsey & Co.) में साथ काम करते थे। यहीं दोनों की मुलाकात हुई। यहीं से दोनों की दोस्ती गहरी होती चली गई। दोनों का ही एंटरप्रेन्योरशिप में जाने का मन था, तो कर दी शुरुआत। हालांकि, इनके लिए नौकरी छोड़ना इतना आसाना नहीं रहा। कालरा बताती हैं कि वे दोनों अपना खुद का बिजनस करना चाहते थे और लीक से हटकर कुछ नया करना चाहते थे। वे दोनों काफी समय तक यह सोचते रहे कि कब नौकरी (Job) छोड़ें और अपना बिजनस शुरु करें। आज कालरा ऑक्सीजो की सीईओ (CEO) हैं, तो महापात्रा ऑफबिजनेस के सीईओ हैं। दोनों ही स्टार्टअप प्रोफिटेबल हैं और यूनिकॉर्न बन गए हैं।
पहले फंडिंग राउंड में ही जुटा लिया बढ़िया पैसा
ऑक्सीजो फाइनेंशियल सर्विसेज एक डिजिटल लेंडिंग स्टार्टअप (Digital Lending Startup) है। रुचि कालरा इसकी को-फाउंडर है। किसी भी स्टार्टअप के लिए फंडिंग बड़ी मायने रखती है। कालरा इसमें सफल रही हैं। कालरा ने पहले फंडिंग राउंड में ही अपने स्टार्टअप के लिए अच्छा पैसा जुटाया है। कालरा ने बुधवार को बताया कि उन्होंने पहले फंडिंग राउंड में ही 200 मिलियन (20 करोड़) डॉलर जुटाए हैं। यह फंडिंग राउंड अल्फा वेव ग्लोबल, टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट, नॉरवेस्ट वेंचर पार्टनर्स और अन्य कंपनियों नेतृत्व में हुआ है। मैट्रिक्स पार्टनर्स और क्रिएशन इन्वेस्टमेंट्स ने भी ऑक्सीजो में निवेश किया है।
ऑक्सीजन और ओजोन से बना ऑक्सीजो
ऑक्सीजो नाम अपने आप में बड़ा रोचक है। यह ऑक्सीजन और ओजोन से मिलकर बना है। ऑक्सीजो को बनाने में सिर्फ कालरा ही नहीं, बल्कि उनके पति महापात्रा का भी योगदान है। साल 2017 में रुचि कालरा, महापात्रा और अन्य तीन लोगों ने मिलकर इस स्टार्टअप की स्थापना की थी। ऑक्सीजो की स्थापना ऑफबिजनस की एक ब्रांच के रूप में हुई थी। ऑक्सीजो से एक साल पहले साल 2016 में ही ऑफबिजनस की शुरुआत हुई थी। कारला का स्टार्टअप ऑक्सीजो कारोबारों को परचेज फाइनेंसिंग की सर्विस देता है। यह कैश फ्लो बेस्ड लोन उपलब्ध कराता है।
करीब एक साल पहले यूनिकॉर्न बना था ऑफबिजनस
कालरा के पति आशीष महापात्रा की बात करें, तो उनका स्टार्टअप एक साल से भी कम समय पहले यूनिकॉर्न बन चुका है। सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्पोरेशन और अन्य कंपनियों से मिली फंडिंग ने ऑफबिजनसेज को यूनिकॉर्न बनने में मदद की है। ये दोनों ही स्टार्टअप देश के स्टार्टअप्स के लिए एक मिसाल हैं। ऑफबिजनस लघु और मध्यम आकार के कारोबारों को स्टील, डीजल, खाद्यान्न और औद्योगिक रसायनों जैसे थोक कच्चे माल की आपूर्ति करता है। महापात्रा के अनुसार, दिसंबर महीने में उनके स्टार्टअप का मूल्यांकन करीब 5 अरब डॉलर तक पहुंच गया था।
गुड़गांव बेस्ड हैं दोनों कंपनियां
पती और पत्नी के ये दोनों स्टार्टअप गुड़गांव बेस्ड हैं। ऑक्सीजो को ऑफबिजनस की ब्रांच के रूप में शुरू किया था, लेकिन इन दोनों स्टार्टअप्स के अलग-अलग ऑफिस हैं और अलग-अलग ही टीम हैं। हालांकि, ये दोनों स्टार्टअप्स मैन्युफैक्चरर और सब कॉन्ट्रैक्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े उद्योगों पर फोकस करते हैं।
कारोबार जगत के 20 से अधिक सेक्टर से जुड़े बेहतरीन आर्टिकल और उद्योग से जुड़ी गहन जानकारी के लिए आप इकनॉमिक टाइम्स की स्टोरीज पढ़ सकते हैं। इकनॉमिक टाइम्स की ज्ञानवर्धक जानकारी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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कालरा जहां 38 साल की हैं, तो आशीष 41 साल के हैं। इन दोनों ने ही अपनी पढ़ाई आईआईटी (IIT) से की है। ये दोनों ही मैकिन्से एंड कंपनी (McKinsey & Co.) में साथ काम करते थे। यहीं दोनों की मुलाकात हुई। यहीं से दोनों की दोस्ती गहरी होती चली गई। दोनों का ही एंटरप्रेन्योरशिप में जाने का मन था, तो कर दी शुरुआत। हालांकि, इनके लिए नौकरी छोड़ना इतना आसाना नहीं रहा। कालरा बताती हैं कि वे दोनों अपना खुद का बिजनस करना चाहते थे और लीक से हटकर कुछ नया करना चाहते थे। वे दोनों काफी समय तक यह सोचते रहे कि कब नौकरी (Job) छोड़ें और अपना बिजनस शुरु करें। आज कालरा ऑक्सीजो की सीईओ (CEO) हैं, तो महापात्रा ऑफबिजनेस के सीईओ हैं। दोनों ही स्टार्टअप प्रोफिटेबल हैं और यूनिकॉर्न बन गए हैं।
पहले फंडिंग राउंड में ही जुटा लिया बढ़िया पैसा
ऑक्सीजो फाइनेंशियल सर्विसेज एक डिजिटल लेंडिंग स्टार्टअप (Digital Lending Startup) है। रुचि कालरा इसकी को-फाउंडर है। किसी भी स्टार्टअप के लिए फंडिंग बड़ी मायने रखती है। कालरा इसमें सफल रही हैं। कालरा ने पहले फंडिंग राउंड में ही अपने स्टार्टअप के लिए अच्छा पैसा जुटाया है। कालरा ने बुधवार को बताया कि उन्होंने पहले फंडिंग राउंड में ही 200 मिलियन (20 करोड़) डॉलर जुटाए हैं। यह फंडिंग राउंड अल्फा वेव ग्लोबल, टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट, नॉरवेस्ट वेंचर पार्टनर्स और अन्य कंपनियों नेतृत्व में हुआ है। मैट्रिक्स पार्टनर्स और क्रिएशन इन्वेस्टमेंट्स ने भी ऑक्सीजो में निवेश किया है।
ऑक्सीजन और ओजोन से बना ऑक्सीजो
ऑक्सीजो नाम अपने आप में बड़ा रोचक है। यह ऑक्सीजन और ओजोन से मिलकर बना है। ऑक्सीजो को बनाने में सिर्फ कालरा ही नहीं, बल्कि उनके पति महापात्रा का भी योगदान है। साल 2017 में रुचि कालरा, महापात्रा और अन्य तीन लोगों ने मिलकर इस स्टार्टअप की स्थापना की थी। ऑक्सीजो की स्थापना ऑफबिजनस की एक ब्रांच के रूप में हुई थी। ऑक्सीजो से एक साल पहले साल 2016 में ही ऑफबिजनस की शुरुआत हुई थी। कारला का स्टार्टअप ऑक्सीजो कारोबारों को परचेज फाइनेंसिंग की सर्विस देता है। यह कैश फ्लो बेस्ड लोन उपलब्ध कराता है।
करीब एक साल पहले यूनिकॉर्न बना था ऑफबिजनस
कालरा के पति आशीष महापात्रा की बात करें, तो उनका स्टार्टअप एक साल से भी कम समय पहले यूनिकॉर्न बन चुका है। सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्पोरेशन और अन्य कंपनियों से मिली फंडिंग ने ऑफबिजनसेज को यूनिकॉर्न बनने में मदद की है। ये दोनों ही स्टार्टअप देश के स्टार्टअप्स के लिए एक मिसाल हैं। ऑफबिजनस लघु और मध्यम आकार के कारोबारों को स्टील, डीजल, खाद्यान्न और औद्योगिक रसायनों जैसे थोक कच्चे माल की आपूर्ति करता है। महापात्रा के अनुसार, दिसंबर महीने में उनके स्टार्टअप का मूल्यांकन करीब 5 अरब डॉलर तक पहुंच गया था।
गुड़गांव बेस्ड हैं दोनों कंपनियां
पती और पत्नी के ये दोनों स्टार्टअप गुड़गांव बेस्ड हैं। ऑक्सीजो को ऑफबिजनस की ब्रांच के रूप में शुरू किया था, लेकिन इन दोनों स्टार्टअप्स के अलग-अलग ऑफिस हैं और अलग-अलग ही टीम हैं। हालांकि, ये दोनों स्टार्टअप्स मैन्युफैक्चरर और सब कॉन्ट्रैक्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े उद्योगों पर फोकस करते हैं।
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