Success story: पढाई के लिए बेचना पड़ा घर, चार करोड़ की नौकरी ठुकराई और फिर खड़ी कर दी 1.1 अरब डॉलर की कंपनी

110
Success story: पढाई के लिए बेचना पड़ा घर, चार करोड़ की नौकरी ठुकराई और फिर खड़ी कर दी 1.1 अरब डॉलर की कंपनी

Success story: पढाई के लिए बेचना पड़ा घर, चार करोड़ की नौकरी ठुकराई और फिर खड़ी कर दी 1.1 अरब डॉलर की कंपनी

नई दिल्ली: एडुटेक कंपनी फिजिक्सवाला (PhysicsWallah) भारत की 101वीं यूनिकॉर्न कंपनी बनी है। यह स्टार्टअप कंपनी सीरीज ए फंडिंग (series A funding) में यह मुकाम हासिल करने वाली देश की पहली एडुटेक कंपनी है। फिजिक्सवाला की स्थापना उत्तर प्रदेश में प्रयागराज के एक ट्यूशन टीचर अलख पांडेय (Alakh Pandey) ने छह साल पहले 2017 में एक छोटे से कमरे की थी। आज इसका वैल्यूएशन करीब 777 करोड़ रुपये है। अलख पांडेय बचपन में एक्टर बनना चाहते थे लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। आज उनकी कंपनी में 1,900 लोग काम करते हैं जिनमें 500 टीचर और 90-100 टेक प्रोफेशनल्स शामिल हैं।

अलख पांडेय एक्टर बनना चाहते थे। स्कूल-कॉलेजों में नुक्कड़ नाटक करने वाले अलख ने आठवीं कक्षा से ही ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया। तब वे चौथी कक्षा के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते थे। 11वीं में पढ़ाई करने के दौरान नौवीं कक्षा के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया। अलख ने हाईस्कूल में 91 और इंटरमीडिएट में 93.5 फीसदी अंक हासिल किए। घर में आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई के साथ तीन हजार रुपये प्रतिमाह पर कोचिंग में पढ़ाना शुरू कर दिया था। परिस्थितियां ऐसी बनी कि पिता सतीश पांडेय और मां रजत पांडेय ने बेटे अलख और बेटी अदिति को पढ़ाने के लिए घर तक बेच दिया था। लेकिन होनहार अलख ने आज 1.1 अरब डॉलर की कंपनी खड़ी करके अपने माता-पिता का नाम दुनिया में ऊंचा कर दिया।

Success Story: IIM से पढ़ाई और लाखों रुपये महीने की नौकरी छोड़ बेचना शुरू किया आटा-चावल, दो साल में 1500 करोड़ रुपये का टर्नओवर
2017 में शुरुआत
साल 2010 में बिशप जॉनसन स्कूल एंड कॉलेज से 12वीं करने के बाद उनका एडमिशन एचबीटीआई कानपुर में बीटेक में हुआ। पांडेय ने एचबीटीआई कानपुर से वर्ष 2015 में बीटेक की पढ़ाई पूरी की और उसी संस्थान में पढ़ाना शुरू किया। अपने लेक्चर के वीडियो बनाकर वे यूट्यूब पर अपलोड करने लगे। इस तरह ‘फिजिक्सवाला’ की शुरुआत 2017 में एक यूट्यूब चैनल के रूप में हुई। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वालों को यह खूब पसंद आया। यूट्यूब पर व्यूज और सब्सक्राइबर बढ़ने लगे तो उन्होंने पूरा ध्यान लेक्चर वीडियो बनाकर अपलोड करने पर लगाना शुरू कर दिया।

तीन साल तक वे यू-ट्यूब पर फ्री वीडियो अपलोड करते रहे। कोरोना काल में उन्होंने जेईई-नीट (JEE-NEET) की तैयारी करने वाले बच्चों की परेशानी को देखते हुए ऐप तैयार कराया। काफी कम फीस पर उन्हें ऑनलाइन कोचिंग देनी शुरू की। प्रतियोगी परीक्षाओं, खासकर नीट की तैयारी करने वालों को उनका फिजिक्स पढ़ाने का अंदाज खासा पसंद है। वे बच्चों को फिजिक्स इस अंदाज में पढ़ाते हैं कि उन्हें विषय की समझ हो जाती है। कई बार कॉलेजों में भी उनके वीडियो देखने की सलाह देते शिक्षक दिखते हैं।

Success Story: 74 बार नकारे जाने के बाद भी नहीं मानी हार, देश के इस पहले यूनिकॉर्न कपल की कहानी जानिए
कैसे बने लोकप्रिय
फिजिक्स और केमिस्ट्री के कठिन सवालों को आसानी से हल करने और उसे तैयारी करने वालों को समझाने की काबिलियत ने उन्हें खासा लोकप्रिय बनाया। अलख की लोकप्रियता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि फिजिक्सवाला यूट्यूब चैनल को अब तक 69 लाख लोगों ने सब्सक्राइब किया है और 50 लाख ऐप डाउनलोड हो चुके हैं। हर रोज छह लाख लोग उनके ऐप का इस्तेमाल करते हैं। अलख को अनएकेडमी ने चार करोड़ रुपये सालाना पैकेज का ऑफर दिया था, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया।

वर्ष 2020 में फिजिक्सवाला को अलख पांडेय ने कंपनी एक्ट में रजिस्टर्ड कराया। उनका चैनल अब एक कंपनी बन गया। उनके साथ आईआईटी बीएचयू से इंजीनियरिंग करने वाले प्रतीक महेश्वरी जुड़े। प्रतीक ने बिजनेस संभाला तो अलख पूरी तरह से एकेडमिक्स में जम गए। इसके बाद कंपनी की लोकप्रियता बढ़ती गई और आज यह कंपनी 1.1 अरब डॉलर नेटवर्थ वाली कंपनी बन गई है। इसी के साथ कंपनी देश की यूनिकॉर्न कंपनियों में शामिल होने के मामले में 101वें नंबर पर पहुंच गई है। ऐसी स्टार्टअप कंपनियों को यूनिकॉर्न कहा जाता है जिनका मूल्यांकन एक अरब डॉलर पहुंच गया हो।

Radhika Gupta Success Story: गर्दन टेढ़ी, भारतीय थीं तो मजाक बनाया गया, सुसाइड करने जा रहीं थीं…33 साल की CEO राधिका गुप्ता की कहानी जानकर आप भी कहेंगे वाह !
10 हजार छात्रों को सफल बनाने का दावा
कंपनी का दावा है कि शैक्षणिक सत्र 2020 और 2021 में फिजिक्सवाला से कोचिंग लेने वाले 10 हजार छात्र-छात्राओं ने मेडिकल और इंजीनियरिंग की परीक्षाओं में सफलता हासिल की है। कंपनी के दावों के अनुसार, देश में मेडिकल के छह में से एक और इंजीनियरिंग के 10 में से एक छात्र उनसे जुड़े हैं। कंपनी की स्थापना 2020 में होने के बाद से ही यह फायदे में है। वर्ष 2020-21 में कंपनी का कारोबार 24.52 करोड़ था, जिसमें 6.93 करोड़ का मुनाफा हुआ। वर्ष 2021-22 में 2 करोड़ का ट्रांजैक्शन होने के बाद इस वित्तीय वर्ष के लिए कंपनी ने 5 करोड़ का टारगेट रखा है।

राजनीति की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – राजनीति
News