Sri Lanka Crisis: 290 रुपये किलो चावल और 100 रुपये की एक प्याली चाय, जानिए भारत से कितनी ज्यादा महंगाई है श्रीलंका में h3>
नई दिल्ली: श्रीलंका (Sri Lanka) में हालात दिन ब दिन बदतर होते जा रहे हैं। देश आजादी के बाद सबसे खराब आर्थिक स्थिति से गुजर रहा है। आवश्यक वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं और देश के 2.2 करोड़ लोगों का जीना मुहाल हो गया है। हालत यह है कि दुनियाभर में अपनी बेमिसाल चाय के लिए मशहूर श्रीलंका के लोगों को चाय की एक चुश्की मयस्सर नहीं हो रही है। देश में दूध वाली चाय की एक प्याली की कीमत 100 रुपये पहुंच गई। अगर भारतीय रुपये के हिसाब से देखें तो कीमत करीब 25 रुपये बैठती है। भारत का एक रुपया श्रीलंका के लगभग चार रुपये (3.95 रुपये) के बराबर है।
अगर भारत और श्रीलंका में आवश्यक वस्तुओं की तुलना करें तो श्रीलंका में आवश्यक वस्तुओं की कीमत कहीं ज्यादा है। उदाहरण के लिए श्रीलंका में एक किलो चावल (Rice) की कीमत वहां की मुद्रा के हिसाब से 290 रुपये किलो है जो भारतीय मुद्रा के हिसाब से करीब 73 रुपये बैठती है। अगर भारत की बात करें तो यहां औसत चावल की करीब 30 रुपये किलो है। इस हिसाब से देखें तो श्रीलंका में चावल की कीमत भारत की तुलना में ढाई गुना ज्यादा है। माना जा रहा है आने वाले दिनों में देश में चावल की कीमत 125 रुपये किलो तक पहुंच सकती है।
भारत
श्रीलंका
चावल
30
73
गेहूं
25
50
चीनी
38
75
नारियल तेल
215
200
मिल्क पाउडर
300
480
चाय
10
25
अंडा
6
7.5
गेहूं की कीमत दोगुना
इसी तरह श्रीलंका में एक किलो गेहूं (wheat) की कीमत भारतीय मुद्रा के हिसाब से करीब 50 रुपये है जबकि भारत में इसकी कीमत करीब 25 रुपये है। यानी भारत की तुलना में श्रीलंका में इसकी कीमत दोगुनी है। चीनी की बात करें तो श्रीलंका में भारतीय रुपये के हिसाब से इसकी कीमत करीब 75 रुपये किलो है। इसकी तुलना में भारत में चीनी करीब 38 रुपये किलो है। यानी चीनी की कीमत भी श्रीलंका में भारत से दोगुनी है।
श्रीलंका में एक किलो मिल्क पाउडर 1,900 रुपये में मिल रहा है जो भारतीय मुद्रा के हिसाब से करीब 480 रुपये बैठता है। भारत में सामान्य मिल्क पाउडर 300 रुपये किलो है जबकि ब्रांडेड मिल्क पाउडर 400 से 450 रुपये किलो बैठता है। अंडे की बात करें तो श्रीलंका में एक अंडा 30 रुपये में मिल रहा है। भारतीय करेंसी के हिसाब से यह कीमत 7.50 रुपये बैठती है। भारत में अभी एक अंडा छह रुपये में मिल रहा है।
श्रीलंका के सेंट्रल बैंक के मुताबिक पिछले साल की तुलना कई चीजों की कीमत दोगुनी से ज्यादा बढ़ गई है। उदाहरण के लिए टमाटर की कीमत पिछले साल स्थानीय करेंसी के हिसाब से 120 रुपये किलो थी जो अब 320 रुपये पहुंच गई है। इसी तरह दाल 180 से 420 रुपये, आलू की कीमत 160 से बढ़कर 280 रुपये, बैंगन की कीमत 140 से बढ़कर 240 रुपये, गाजर की कीमत 160 से 240 रुपये और प्याज की कीमत 120 से बढ़कर 170 रुपये पहुंच गई है।
बिजली की कटौती
बढ़ती महंगाई और करेंसी के कमजोर होने से श्रीलंका में जरूरी चीजों की कीमत में काफी तेजी आई है। लोगों को पेट्रोल-डीजल, गैस, खाने पीने की चीजों और दवाओं के लिए घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ रहा है। इसके बावजूद भी कई बार लोगों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। इसकी वजह यह है कि या तो दुकान पर सामान खत्म हो जाता है या फिर पैसे खत्म हो जाते हैं। हाल के महीनों में सब्जियों की कीमत में दोगुनी हो गई है।
श्रीलंका में फरवरी में खुदरा महंगाई 17.5 फीसदी और खाद्य महंगाई 25 फीसदी से ऊपर पहुंच गई। खाने पीने की चीजों और दालों की कीमत बेकाबू हो गई है। साथ ही दवाओं और मिल्क पाउडर की भी भारी कमी हो गई है। इन चीजों को खरीदने के लिए देश के पास विदेशी मुद्रा नहीं है। देश में 13-13 घंटे बिजली की कटौती हो रही है। इससे देश में असंतोष व्याप्त है और वे सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार विरोधी प्रदर्शनों को दबाने के लिए हाल में कर्फ्यू लगाना पड़ा था।
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अगर भारत और श्रीलंका में आवश्यक वस्तुओं की तुलना करें तो श्रीलंका में आवश्यक वस्तुओं की कीमत कहीं ज्यादा है। उदाहरण के लिए श्रीलंका में एक किलो चावल (Rice) की कीमत वहां की मुद्रा के हिसाब से 290 रुपये किलो है जो भारतीय मुद्रा के हिसाब से करीब 73 रुपये बैठती है। अगर भारत की बात करें तो यहां औसत चावल की करीब 30 रुपये किलो है। इस हिसाब से देखें तो श्रीलंका में चावल की कीमत भारत की तुलना में ढाई गुना ज्यादा है। माना जा रहा है आने वाले दिनों में देश में चावल की कीमत 125 रुपये किलो तक पहुंच सकती है।
भारत | श्रीलंका | |
चावल | 30 | 73 |
गेहूं | 25 | 50 |
चीनी | 38 | 75 |
नारियल तेल | 215 | 200 |
मिल्क पाउडर | 300 | 480 |
चाय | 10 | 25 |
अंडा | 6 | 7.5 |
गेहूं की कीमत दोगुना
इसी तरह श्रीलंका में एक किलो गेहूं (wheat) की कीमत भारतीय मुद्रा के हिसाब से करीब 50 रुपये है जबकि भारत में इसकी कीमत करीब 25 रुपये है। यानी भारत की तुलना में श्रीलंका में इसकी कीमत दोगुनी है। चीनी की बात करें तो श्रीलंका में भारतीय रुपये के हिसाब से इसकी कीमत करीब 75 रुपये किलो है। इसकी तुलना में भारत में चीनी करीब 38 रुपये किलो है। यानी चीनी की कीमत भी श्रीलंका में भारत से दोगुनी है।
श्रीलंका में एक किलो मिल्क पाउडर 1,900 रुपये में मिल रहा है जो भारतीय मुद्रा के हिसाब से करीब 480 रुपये बैठता है। भारत में सामान्य मिल्क पाउडर 300 रुपये किलो है जबकि ब्रांडेड मिल्क पाउडर 400 से 450 रुपये किलो बैठता है। अंडे की बात करें तो श्रीलंका में एक अंडा 30 रुपये में मिल रहा है। भारतीय करेंसी के हिसाब से यह कीमत 7.50 रुपये बैठती है। भारत में अभी एक अंडा छह रुपये में मिल रहा है।
श्रीलंका के सेंट्रल बैंक के मुताबिक पिछले साल की तुलना कई चीजों की कीमत दोगुनी से ज्यादा बढ़ गई है। उदाहरण के लिए टमाटर की कीमत पिछले साल स्थानीय करेंसी के हिसाब से 120 रुपये किलो थी जो अब 320 रुपये पहुंच गई है। इसी तरह दाल 180 से 420 रुपये, आलू की कीमत 160 से बढ़कर 280 रुपये, बैंगन की कीमत 140 से बढ़कर 240 रुपये, गाजर की कीमत 160 से 240 रुपये और प्याज की कीमत 120 से बढ़कर 170 रुपये पहुंच गई है।
बिजली की कटौती
बढ़ती महंगाई और करेंसी के कमजोर होने से श्रीलंका में जरूरी चीजों की कीमत में काफी तेजी आई है। लोगों को पेट्रोल-डीजल, गैस, खाने पीने की चीजों और दवाओं के लिए घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ रहा है। इसके बावजूद भी कई बार लोगों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। इसकी वजह यह है कि या तो दुकान पर सामान खत्म हो जाता है या फिर पैसे खत्म हो जाते हैं। हाल के महीनों में सब्जियों की कीमत में दोगुनी हो गई है।
श्रीलंका में फरवरी में खुदरा महंगाई 17.5 फीसदी और खाद्य महंगाई 25 फीसदी से ऊपर पहुंच गई। खाने पीने की चीजों और दालों की कीमत बेकाबू हो गई है। साथ ही दवाओं और मिल्क पाउडर की भी भारी कमी हो गई है। इन चीजों को खरीदने के लिए देश के पास विदेशी मुद्रा नहीं है। देश में 13-13 घंटे बिजली की कटौती हो रही है। इससे देश में असंतोष व्याप्त है और वे सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार विरोधी प्रदर्शनों को दबाने के लिए हाल में कर्फ्यू लगाना पड़ा था।
कारोबार जगत के 20 से अधिक सेक्टर से जुड़े बेहतरीन आर्टिकल और उद्योग से जुड़ी गहन जानकारी के लिए आप इकनॉमिक टाइम्स की स्टोरीज पढ़ सकते हैं। इकनॉमिक टाइम्स की ज्ञानवर्धक जानकारी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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