कहावत है, पुरूष बली नहीं होत है, समय होत बलवान!! समय के साथ इंसान की फितरत और किस्मत बदल जाती है। लगता है ये कहावत आजकल राहुल गांधी के साथ सटिक बैठ रही है। अमेरिकी दौरे से लौटने के बाद राहुल गांधी धीरे-धीरे पप्पु इमेज से बाहर आ रहे हैं। सोशल मीडिया समेत अन्य मंचों पर वो आक्रामकता ही नहीं दिखा रहे बल्कि मुद्दों पर राय और कटाक्ष करने में भी पीछे नहीं हट रहे हैं। सटीक भाषण और गुजरात के युवा नेताओं से बातचीत के बदौलत वो इन दिनों उभरकर आए हैं। इसी कड़ी में आज शुक्रवार को राहुल ने तेजस्वी यादव के साथ लंच किया।
लंच के बाद तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर राहुल को लंच के लिए शुक्रिया कहा। तेजस्वी ने ट्वीट किया, लंच के लिए शुक्रिया राहुल। आपने अपने वयस्त समय के बीच भी लंच के लिए वक्त निकाला इसके लिए शुक्रिया।
Thank you @OfficeOfRG for taking me out for wonderful lunch. Feel appreciated and grateful. Again thanks for taking out time out of ur tight schedule. pic.twitter.com/wqIg8Ss3xm
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 17, 2017
पुरानी है कांग्रेस-राजद की दोस्ती
राजद और कांग्रेस का साथ कोई नया नहीं है। पहले भी 2004 में लोकसभा चुनाव के बाद लालू ने यूपीए-1 को समर्थन दिया था, जिसके बाद लालू को रेलमंत्री बनाया गया था। 2015 बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस-राजद-जदयू ने गठबंधन किया था। इस दौरान तेजस्वी-राहुल की जोड़ी भी साथ में दिखी थी। जदयू ने जब महागठबंधन तोड़कर बीजेपी से हाथ मिलाया, उसके बाद भी कांग्रेस-राजद साथ ही रहे।
राहुल के कारण लालू नहीं लड़ पा रहे चुनाव
गौरतलब है कि 2013 में राहुल गांधी ने तत्कालीन मनमोहन सरकार के उस अध्यादेश को फाड़ दिया था जिसमें दागी नेताओं को चुनाव लड़ने से छूट का प्रावधान था। यूपीए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को अध्यादेश के जरिये बदलने की कोशिश की थी जिसमें उच्च न्यायालय ने संविधान के अनुच्छेद 14 को रद्द करते हुए दागी राजनेताओं को चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया था। अध्यादेश को फाड़ते हुए राहुल ने कहा था कि ‘सभी पार्टियां दागियों को टिकट देती हैं और यह इसे रोकने का समय है। उन्होंने कहा था, ‘मैं सभी राजनीतिक दलों से कहना चाहता हूं कि इस तरह के समझौते करने से बाज आएं।’ राहुल के अध्यादेश फाड़ने के कारण ही लालू पर 6 साल चुनाव ना लड़ने की रोक लागू हुई थी। लालू चारा घोटाले में आरोपी हैं।
मिशन 2019 पर नजर!
संभवत: राहुल गांधी जल्द ही कांग्रेस के अध्यक्ष बनने वाले हैं। यही कारण है कि राहुल खुलकर सामने आ रहे हैं। वह विपक्षी नेताओं से ना केवल तालमेल बढ़ा रहे हैं, बल्कि उनके साथ अपने संबंध भी मजबूत कर रहे हैं। संदेश साफ है राहुल अभी से 2019 की तैयारी में जुड़ गए हैं।