शंकर या महादेव आरण्य संस्कृति जो आगे चलकर शैव धर्म के नाम से जानी जाती है. उसमें एक बहुत ही महत्वपूर्ण देवता हैं. वह त्रिदेव में से एक देव हैं. भगवान शिव को देवों के देव महादेव के नाम से भी जाना जाता हैं. भारत के प्राचीन साहित्य वेदों में भी भगवान शिव का नाम मिलता है. वेदों में भगवान शिव का वर्णन रूद्र देव के नाम से किया गया है. इनको संहार का देवता भी कहा जाता है.
आज कलयुग के समय भी भगवान शिव के चमत्कार की खबरें आती रहती हैं. आज ऐसे ही कुछ चमत्कार की बात करते हैं. जिसके बारे में सुनकर आप भगवान शिव की भक्ति किए बिना नहीं रह पाएंगें.
स्तंभेश्वर महादेव का मंदिर इस मंदिर का निर्माण भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय ने किया था. ऐसी मान्यता है कि इसमें भगवान शिव विराजमान है इसलिए समुद्र देव भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं. यह मंदिर दिन में 2 बार पानी में डूब जाता है. इसके अलावा नर्मदेश्वर महादेव मंदिर के बारे में बताया जाता है कि यहां मांगी हुई मुराद जरूर पूरी होती है. इसके साथ ही यह भी मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान शिव की प्रतिमा तीन बार रंग बदलती है.
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विंघ्याचल पर्वत श्रेणी पर स्थित नीलकंठेश्वर मंदिर बहुत ही अद्भुत और अद्वितीय है. ऐसी मान्यता है कि यह मंदिर बहुत ही चमत्कारिक है. औरंगजेब के सैनिकों ने नीलकंठेश्वर मंदिर में भगवान शिव की मूर्ति को खंडित करने के लिए तलवार से प्रहार कर दिया था. उसके बाद जहां तलवार से प्रहार किया गया वहां पर दूध की धारा निकलने लगी. यह चमत्कार देखकर मुगल सेना भोले नाथ की मूर्ति को बिना कुछ नुकसान पहुँचाएँ वापिस लौट आए. ऐसे ही भगवान शिव के अनेंक चमत्कारों की घटनाएं समय समय पर सामने आती रहती है.