जानिए, उत्तर प्रदेश के इतिहास से जुडी कुछ ख़ास बातें ।

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जानिए, उत्तर प्रदेश के इतिहास से जुडी कुछ ख़ास बातें ।

भारत का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश के बारे में आप बहुत कुछ जानते होंगे मगर सब कुछ नहीं । ताजमहल, लखनऊ की नज़ाकत, बनारस के घाट, कनपुरिया मिज़ाज, इलाहबाद के संगम के कारण उत्तर प्रदेश पूरी दुनिया में मशहूर है मगर उत्तरप्रदेश राज्य की जब बात करते है तो जहन में क़ानून व्यवस्था, क्षेत्रवाद, जातिवाद और राजनीतिक मसलो वाली बातें ही आती होंगी। ये सब तो आम बातें है मगर उत्तर प्रदेश के इतिहास की बात करे तो ऐसे बहुत से तथ्य आप को जानने को मिलेंगे जो शायद ही आप को मालूम हो, तो आईये बढ़ते है कुछ ऐसे खास तथ्यों के बारे जो काफी रोमांचक और आश्चर्य कर देने वाले है ।

1. भारत के सविंधान लागू होने से पहले उत्तर प्रदेश अस्तित्व में ही नहीं था। सन 1950 में इस राज्य का नाम उत्तर प्रदेश पड़ा। उससे पहले उत्तर प्रदेश युनाइटेड प्रॉविंस के नाम से जाना जाता था।

2. विभिन्न उत्तर भारतीय वंशों 1775, 1798 और 1801 में नवाबों, 1803 में सिंधिया और 1816 में गोरखों से छीने गए प्रदेशों को पहले बंगाल प्रेज़िडेन्सी के अन्तर्गत रखा गया, लेकिन 1833 में इन्हें अलग करके पश्चिमोत्तर प्रान्त (आरम्भ में आगरा प्रेज़िडेन्सी कहलाता था) गठित किया गया। 1856 ई. में कम्पनी ने अवध पर अधिकार कर लिया और आगरा एवं अवध संयुक्त प्रान्त (वर्तमान उत्तर प्रदेश की सीमा के समरूप) के नाम से इसे 1877 ई. में पश्चिमोत्तर प्रान्त में मिला लिया गया। 1902 ई. में इसका नाम बदलकर संयुक्त प्रान्त कर दिया गया।

3. सन 1902में नार्थ वेस्ट प्रॉविन्स का नाम बदल कर यूनाइटेड प्रोविन्स ऑफ आगरा एण्ड अवध कर दिया गया। साधारण बोलचाल की भाषा में इसे यूपी कहा गया। सन् 1920में प्रदेश की राजधानी को इलाहाबाद से लखनऊ कर दिया गया। प्रदेश का उच्च न्यायालय इलाहाबाद ही बना रहा और लखनऊ में उच्च न्यायालय की एक न्यायपीठ स्थापित की गई।

4. भारत का संविधान के लागू होने के साथ ही उत्तर प्रदेश भारतीय संघ का राज्य बना। उत्तर प्रदेश का अधिकतम हिस्सा अवध राज्य के अधीन था। अवध यानि आज का मध्य उत्तर प्रदेश का हिस्सा। इस हिस्से में लखनऊ से फैजाबाद तक का भूभाग आता था।

5. उत्तर प्रदेश की आबादी भारत के सभी राज्यों में सबसे अधिक है जो कि 20 करोड़ से भी अधिक है। उत्तर प्रदेश की जितनी आबादी है, उतनी आबादी में समूचे ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप में भी नहीं है। साथ ही उत्तर प्रदेश सर्वाधिक जैव विविधता वाला राज्य भी रहा।

6. उत्तर प्रदेश की जमीन पर इंसानों का इतिहास 4000 साल से भी पुराना है। कहा जाता है कि आर्यों को उन्हें गंगा का पानी इतना भा गया और उत्तर प्रदेश की मिट्टी से बेहतर मिट्टी कहीं नहीं मिली और वो यहीं बस गए।

7. भारत के इतिहास में उत्तर प्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, प्राचीन समय में भारत देश 16 महाजनपदों में बंटा था। इनमें से 7 महाजनपद उत्तर प्रदेश की जमीं पर थे।

8. धर्म से जुड़े मसलो में उत्तर प्रदेश राज्य सबसे आगे रहा है, उत्तर प्रदेश की धरती से ही बौद्ध और जैन धर्म समूची दुनिया में फैले। कुशीनगर में बुद्ध को महानिर्वाण प्राप्त हुआ और तो और आखिरी बड़े सम्राट हर्षवर्धन की नगरी कन्नौज भी उत्तर प्रदेश में है।

9. मुगलों की बात करें तो बाबर और हुमाऊं ज्यादा समय तक शासन नहीं कर सके। पर अकबर ने उत्तर प्रदेश की माटी को ही अपना सबकुछ मान लिया। अकबर ने इलाहाबाद, फतेहपुर सीकरी में किले बनवाए तो उसकी नींव पर मुगल वंश सैकड़ों सालों तक मजबूत बना रहा।

10. उत्तर प्रदेश की धरती हमेशा से सोना उगलने वाली रही। अंग्रेजों को इन सोने की खान की जानकारी थी, तभी तो उन्होंने बंगाल हाथ में आने के बाद उत्तर प्रदेश पर कब्जे के लिए अपना सबकुछ झोंक दिया।

11. राजनीति की बात करे या भारत की सरकार की तो उत्तर प्रदेश ने देश को सर्वाधिक प्रधानमंत्री दिए हैं। कहा जाता है कि दिल्ली के सत्ता की राह उत्तर प्रदेश से ही होकर गुजरती है।

12. जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, चौधरी चरण सिंह, राजीव गांधी, वी पी सिंह, चंद्रशेखर, अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी.. कुल 14 में से 9 प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश की धरती से आए।

13. उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें(80) और सर्वाधिक राज्यसभा सीटें(31) हैं। जो देश की राजनीति की दिशा और दशा तय करते हैं। साथ ही उत्तर प्रदेश की विधानसभा सदस्यों के लिहाज से देश की सबसे बड़ी विधानसभा है।

14. उत्तर प्रदेश की विधानसभा और विधानपरिषद में भारत देश के संसद की तरह ही एंग्लो-इंडियन के लिए सीटें आरक्षित हैं। विधानसभा और विधानपरिषद में एक एक सीटें आंग्ल-भारतीयों के लिए सुरक्षित हैं। आप को बता दे उत्तर प्रदेश की विधानपरिषद में पूरे 100 सदस्य हैं।

15. उत्तर प्रदेश ही तमाम बोलियों की शुरुआत की जमीन है। ब्रज और अवधी के साथ ही 40 अन्य बोलियां उत्तर प्रदेश में बोली जाती हैं। और उत्तर प्रदेश से ही निकला कथक नृत्य समूची दुनिया मे्ं अपनी पहचान रखता है।

 

Source of information: Gyanpanti