ब्लड में इन्फेक्शन अमूमन फंगल की वजह से होती है। अगर आपको सहवास के समय खुजली होती है और कुछ उजला-गाढ़ा तरल पदार्थ भी प्राइवेट पार्ट से निकलता है तो यह फंगल इंफेक्शन है। इसका इलाज आसानी से हो सकता है।
इसके लिए प्राइवेट पार्ट में रखने वाली एंटी-फंगल दवइयां (गोलियां) आती हैं, जिन्हें आप रात में सोते वक्त अपने प्राइवेट पार्ट में रख सकती हैं। इस दवाई का 6 दिन लगातार उपयोग करने से ऐसे इंफेक्शन अमूमन दूर हो जाते हैं।
ध्यान रहे कि इन 6 दिनों के दौरान सहवास न करें। नहीं तो इंफेक्शन पार्टनर को भी हो सकता है। हकीकत यह है कि फंगल इंफेक्शन की वजह से उत्तेजना के वक्त प्राइवेट पार्ट में जितना गीलापन होना चाहिए, उतना नहीं होता। एक बार फंगल इंफेक्शन ठीक हो जाएगा तो गीलापन पहले की तरह होगा। फिर दर्द भी नहीं होगा और सहवास की इच्छा भी बनी रहेगी।बैक्टीरियल वेजिनोसिस, सेक्स के जरिए योनि में होने वाले इंफेक्शन का सबसे आम कारण हो सकता है।
इसे योनि बैक्टीरियोसिस के रूप में भी जाना जाता है। ऐसी महिलाएं, जो प्रसव की उम्र यानी 15 साल से 44 साल की उम्र में होती हैं, उनमें इसके खतरे की संभावना सबसे अधिक होती है। इसके अलावा, सेक्स पार्टनर बदलने से भी इसका खतरा काफी हद तक बढ़ा जाता है।
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हालांकि, ऐसी महिलाएं, जिन्होंने अभी तक संभोग नहीं किया है, उनमें भी इसके लक्षण देखें जा सकते हैं। लेकिन, यह बहुत ही कम पाया जाता है। इसके अलावा बैक्टीरियल वेजिनोसिस (बीवी) भी यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) के विकास के जोखिम को बढ़ाता है।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. News4social इनकी पुष्टि नहीं करता है. यह खबर इंटरनेट से ली गयी है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।
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