सूर्य को वेदों में जगत की आत्मा कहा गया है. सूर्य के द्वारा ही पृथ्वी पर जीवन संभव हुआ है. आज इस तथ्य को सभी मानते हैं. अगर हम प्राचीन इतिहास की बात करें तो वैदिक साहित्य ऋग्वेद में भी सूर्य देवता का विशेष महत्व था. प्रसिद्ध गायत्री मंत्र भी सूर्य परक ही है. सर्य देवता हमारे जीवन में समृद्धि, खुशहाली और उन्नति का देवता होता है. प्रत्येक देवता की पूजा की अपनी अलग-अलग विधि होती है तथा उसके लिए कुछ विशेष नियम बनाए जाते हैं. यदि उनकी पूजा के समय उन नियमों का पालन किया जाए तो उनकी पूजा का हम पूरा लाभ मिलता है.
सूर्य देव की पूजा क्या कुंवारी लड़कियां कर सकती हैं ? अगर कुंवारी लड़कियां सूर्य देव को जल अर्पित करती है, तो उनको क्या फायदा मिलता है ? ये कुछ ऐसे सवाल है, जिनको जानने की जिज्ञासा हमारे मन में होती है.
अगर हम कुंवारे लड़के या लड़कियों के सूर्य भगवान को जल देने के सवाल की बात करें तो इसका जवाब होगा हाँ. कंवारे लड़के या लड़कियां सूर्य भगवान को जल दे सकते हैं. इसका उनकों लाभ भी मिलता है. अगर किसी भी लड़के या लड़की की कुंडली में सूर्य ग्रह के कारण शादी में परेशानी उत्पन्न हो रही है, तो उनके लिए सूर्य भगवान को जल देना विशेष लाभ प्रदान करता है.
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सूर्य ग्रह के कारण शादी से संबंधित कोई समस्या या कुंडली दोष दिखाई देता है, तो ऐसे में कुंवारे लड़के और कुंवारी लड़कियों को ब्रह्ममुहूर्त में सूर्य को जल चढ़ाना चाहिएं. इसके साथ ही जब वो सूर्य को जल अर्पित करते हैं, तो उनकों ऊँ सूर्याय: नम: इस मंत्र का भी जाप करना चाहिए. जो उनके लिए विशेष फलदायी होगा.