Sharda Sinha: पद्म विभूषण शारदा सिन्हा के छठ गीत सबसे ज्यादा मशहूर, लोक आस्था के महापर्व पर ली थी अंतिम सांस

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Sharda Sinha: पद्म विभूषण शारदा सिन्हा के छठ गीत सबसे ज्यादा मशहूर, लोक आस्था के महापर्व पर ली थी अंतिम सांस

Sharda Sinha: पद्म विभूषण शारदा सिन्हा के छठ गीत सबसे ज्यादा मशहूर, लोक आस्था के महापर्व पर ली थी अंतिम सांस

देश की सबसे मशहूर लोकगायिक शारदा सिन्हा को मरणोपरांत पद्म विभूषण पुरस्कार मिला है। केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 2025 के लिए पद्म पुरस्कारों की घोषणा की है। इनमें एक नाम बिहार कोकिला शारदा सिन्हा का भी है। आज वह अब हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन, उनकी आवाज और उनकी यादें हमेशा जिंदा रहेंगी। महज 72 साल की उम्र में उन्होंने पांच नवंबर 2024 को दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली। बिहार कोकिला मल्टीपल मायलोमा जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित थीं। यह कैंसर का एक प्रकार हैं। 2017 से ही वह इस बीमारी से जूझ रही थीं। लेकिन, अपनी बीमारी को सार्वजनिक नहीं किया। हमेशा लोगों के बीच हंसते हुए अपनी आवाज देती रहीं। 

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भोजपुरी, मैथिली, वज्जिका और अंगिका जैसी भाषाओं/ बोलियों में कई क्लासिक गीतों को बिहार कोकिला ने अपनी आवाज देकर अमर कर दिया। छठ पर्व पर उनके गाने न बजाए जाएं ऐसा हो ही नहीं सकता।  बात चाहे प्रेम का हो या बेटी की बिदाई का, लोकसंगीत हो या छठ जैसे लोकप्रिय उत्सव, इन सभी अवसरों पर शारदा सिन्हा ने जिन गीतों को अपनी आवाज दी, वो सभी गीत आज भी लोगों की जबान पर हैं।अपने गायन करियर के अलावा, वह विभिन्न सांस्कृतिक पहलों में सक्रिय रूप से शामिल रही हैं और संगीत में उनके योगदान के लिए उन्हें कई पुरस्कार मिले हैं, जिनमें बिहार सरकार से सम्मान भी शामिल है। कहा जाता है कि शारदा सिन्हा के गानों के बिना छठ पर्व की रौनक नहीं है।

भोजपुरी के साथ-साथ कई भाषाओं में गाए गीत

शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावे भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार गौरव, बिहार रत्न, मिथिला विभूति सहित कई अन्य सम्मानों के साथ पद्मश्री, पद्मभूषण और मरणोपरांत पद्म विभूषण जैसे सम्मान प्राप्त किए।शारदा सिन्हा समस्तीपुर महिला कॉलेज में संगीत विभाग की विभागाध्यक्ष के पद पर थीं। उन्होंने मैथिली लोक गीत गाकर अपने करियर की शुरुआत की थी। शारदा सिन्हा अब तक भोजपुरी, बज्जिका, मगही और मैथिली भाषा में विवाह औऱ छठ के सैकड़ों पारम्परिक गीत गाये। उन्होंने छठ, विवाह मुंडन, जनेऊ और विदाई के कई गीत गाये।

‘मैंने प्यार किया’ से बॉलीवुड में किया था डेब्यू

बिहार के सुपौल जिले के हुलास गांव में जन्मीं शारदा सिन्हा ने अपने मधुर गीतों से भारतीय लोक संगीत को नया आयाम और अद्वितीय पहचान दिलाई। उनकी गायिकी में न सिर्फ बिहार की, बल्कि पूरे भारत की लोक संस्कृति की महक बसी थी।  शारदा सिन्हा ने सलमान खान की फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ और ‘हम आपके हैं कौन’ में गाने गाए थे। सिन्हा ने मैंने प्यार किया के गाने ‘कहे तोसे सजना’ से उन्होंने बॉलीवुड में डेब्यू किया था। यह फिल्म सुपरहिट थी। इसके अलावे शारदा सिन्हा ने बॉलीवुड फिल्मों जैसे ‘हम आपके हैं कौन’ अनुराग कश्यप की फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ में ‘तार बिजली के’ जैसे गीत भी गाए।। शारदा सिन्हा के गाए हुए गीत भारतीय त्योहारों और पर्वों का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। 

 

बिहार कोकिला की लोकप्रिय छठ गीत

  • कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए
  • केलवा के पात पर उगेलन सुरुजमल झांके झुके 
  • उग हो सूरज देव  
  • उगिहें सूरज गोसईयां हो 
  • पहिले पहिल हम कईनी.. छठी मईया बरत तोहार 
  • रुनकी झुनकी बेटी मांगीला, पढ़ल पंडितवा दामाद

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