SDM Nisha Bangre: संविधान को साक्षी मानकर शादी… अब राजनीति में एंट्री की तैयारी, जानिए कौन हैं निशा बांगरे? h3>
सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाली लवकुशनगर एसडीएम निशा बांगरे राजनीति में एंट्री की तैयारी कर रही हैं। निशा बांगरे सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। साथ ही समाज को जागरूक करने का भी काम रही हैं। नवभारत टाइम्स ऑनलाइन से बात करते हुए उन्होंने राजनीति में कदम रखने की इच्छा की पुष्टि की है। वह बैतूल के आमला विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी हैं। निशा बांगरे ने कहा है कि कुछ सर्वे रिपोर्ट में उस जगह से मेरा नाम आगे हैं। अभी मैं सरकारी नौकरी में हूं।
मल्टीनेशनल कंपनी में करती थी नौकरी
निशा बांगरे एमपी की चर्चित अधिकारी हैं। उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी होने के बाद निशा बांगरे ने गुरुग्राम स्थित एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी की। नौकरी में बहुत ज्यादा दिनों तक मन नहीं लगा तो सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी। इसके बाद निशा बांगरे का चयन एमपी में डीएसपी के पद पर हो गया है। निशा बांगरे 2016 में डीएसपी बनी थीं।
डीएसपी के बाद बनीं डेप्युटी कलेक्टर
वहीं, 2017 में निशा बंगारे का चयन एमपी में डेप्युटी कलेक्टर के पद पर हो गया। इसके बाद उन्होंने डीएसपी की नौकरी से इस्तीफा दे दिया। निशा बांगरे अभी छतरपुर जिले के लवकुश नगर में एसडीएम हैं। काम की वजह से हमेशा चर्चा में रहती हैं। साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को भी निशा बांगरे जागरूक करती हैं।
संविधान को साक्षी मानकर की शादी
निशा बांगरे की चर्चा डेप्युटी कलेक्टर बनने के बाद उनकी शादी को लेकर हुई थी। उन्होंने संविधान को साक्षी मानकर अपनी शादी की थी। निशा के पति भी एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते हैं। दोनों का एक तीन साल का बेटा है। डेप्युटी कलेक्टर बनने के बाद निशा बांगरे की पहली पोस्टिंग बैतूल जिले में हुई थी। अब उसी जिले एक विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का मन बना रही हैं।
राजनीति में करने जा रही हैं एंट्री
नवभारत टाइम्स ऑनलाइन से फोन पर बात करते हुए निशा बांगरे ने कहा कि कई पार्टियों की सर्वे रिपोर्ट में मेरा नाम निकलकर आया है। इसी वजह से सभी लोग मुझसे पूछ रहे हैं। अगर मौका मिलता है तो मैं लोगों से पूछूंगी। मेरा उदेश्य देश की सेवा करना है। इस देश में अंतिम व्यक्ति तक शासकीय योजनाओं को पहुंचाना है। मैं अभी भी कर रही हूं और आगे इससे अच्छा मौका मिलेगा तो करूंगी।
आमला विधानसभा सीट से लड़ सकती हैं चुनाव
निशा बांगरे ने कहा कि नाम की चर्चा लोग कर रहे हैं। अभी मैं शासकीय सेवा में हूं। चुनाव लड़ने की बात पर कोई कमेंट नहीं कर सकती हूं। मौका के हिसाब से आगे सारी चीजें बताऊंगी। वहीं, परिवार की सहमति पर निशा बांगरे ने कहा कि मेरे घर के लोग हमेशा मेरे साथ रहे हैं। आगे भी मेरे फैसले पर साथ रहेंगे। हम सभी लोग भारत देश की सेवा करने के लिए सोचते हैं। उन्होंने कहा कि हम देश के लिए समर्पित हैं।
पिता भी हैं शिक्षा विभाग में अधिकारी
वहीं, निशा बांगरे के परिवार की बात करें तो उनके पिता शिक्षा विभाग में सहायक निदेशक हैं। मां गृहणी हैं और पति मल्टीनेशनल कंपनी में इंजीनियर हैं। साथ ही सास-ससुर है। बैतूल से लगाव पर निशा बांगरे ने कहा कि मैं साढ़े तीन साल तक वहां कार्यरत रही हूं। वहां के लोग मुझे बहन-बेटी जैसा प्यार देते हैं। वे लोग चाहते हैं कि मैं उनसे जुड़ी रहूं।
छतरपुर से जयप्रकाश की रिपोर्ट
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मल्टीनेशनल कंपनी में करती थी नौकरी
निशा बांगरे एमपी की चर्चित अधिकारी हैं। उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी होने के बाद निशा बांगरे ने गुरुग्राम स्थित एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी की। नौकरी में बहुत ज्यादा दिनों तक मन नहीं लगा तो सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी। इसके बाद निशा बांगरे का चयन एमपी में डीएसपी के पद पर हो गया है। निशा बांगरे 2016 में डीएसपी बनी थीं।
डीएसपी के बाद बनीं डेप्युटी कलेक्टर
वहीं, 2017 में निशा बंगारे का चयन एमपी में डेप्युटी कलेक्टर के पद पर हो गया। इसके बाद उन्होंने डीएसपी की नौकरी से इस्तीफा दे दिया। निशा बांगरे अभी छतरपुर जिले के लवकुश नगर में एसडीएम हैं। काम की वजह से हमेशा चर्चा में रहती हैं। साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को भी निशा बांगरे जागरूक करती हैं।
संविधान को साक्षी मानकर की शादी
निशा बांगरे की चर्चा डेप्युटी कलेक्टर बनने के बाद उनकी शादी को लेकर हुई थी। उन्होंने संविधान को साक्षी मानकर अपनी शादी की थी। निशा के पति भी एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते हैं। दोनों का एक तीन साल का बेटा है। डेप्युटी कलेक्टर बनने के बाद निशा बांगरे की पहली पोस्टिंग बैतूल जिले में हुई थी। अब उसी जिले एक विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का मन बना रही हैं।
राजनीति में करने जा रही हैं एंट्री
नवभारत टाइम्स ऑनलाइन से फोन पर बात करते हुए निशा बांगरे ने कहा कि कई पार्टियों की सर्वे रिपोर्ट में मेरा नाम निकलकर आया है। इसी वजह से सभी लोग मुझसे पूछ रहे हैं। अगर मौका मिलता है तो मैं लोगों से पूछूंगी। मेरा उदेश्य देश की सेवा करना है। इस देश में अंतिम व्यक्ति तक शासकीय योजनाओं को पहुंचाना है। मैं अभी भी कर रही हूं और आगे इससे अच्छा मौका मिलेगा तो करूंगी।
आमला विधानसभा सीट से लड़ सकती हैं चुनाव
निशा बांगरे ने कहा कि नाम की चर्चा लोग कर रहे हैं। अभी मैं शासकीय सेवा में हूं। चुनाव लड़ने की बात पर कोई कमेंट नहीं कर सकती हूं। मौका के हिसाब से आगे सारी चीजें बताऊंगी। वहीं, परिवार की सहमति पर निशा बांगरे ने कहा कि मेरे घर के लोग हमेशा मेरे साथ रहे हैं। आगे भी मेरे फैसले पर साथ रहेंगे। हम सभी लोग भारत देश की सेवा करने के लिए सोचते हैं। उन्होंने कहा कि हम देश के लिए समर्पित हैं।
पिता भी हैं शिक्षा विभाग में अधिकारी
वहीं, निशा बांगरे के परिवार की बात करें तो उनके पिता शिक्षा विभाग में सहायक निदेशक हैं। मां गृहणी हैं और पति मल्टीनेशनल कंपनी में इंजीनियर हैं। साथ ही सास-ससुर है। बैतूल से लगाव पर निशा बांगरे ने कहा कि मैं साढ़े तीन साल तक वहां कार्यरत रही हूं। वहां के लोग मुझे बहन-बेटी जैसा प्यार देते हैं। वे लोग चाहते हैं कि मैं उनसे जुड़ी रहूं।
छतरपुर से जयप्रकाश की रिपोर्ट