Scindia Vs Tomar: तोमर के चलते बीजेपी के कार्यक्रम से दूर रहे सिंधिया! दोनों एक मंच पर विरले ही आते हैं नजर h3>
हाइलाइट्स
- बीजेपी के जिला प्रशिक्षण शिविर से नदारद रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया
- नरेंद्र सिंह तोमर सहित सभी वरिष्ठ पार्टी नेता रहे मौजूद
- सिंधिया-तोमर के मंच साझा नहीं करने को लेकर लग रहे कयास
- कांग्रेस ने बताया महल बनान बीजेपी की अंदरूनी कलह
ग्वालियर
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में बीजेपी के तीन दिवसीय जिला प्रशिक्षण शिविर खत्म हुए 24 घंटे बीतने के बाद भी राजनीतिक चर्चाएं तेज हैं। प्रशिक्षण शिविर के समापन पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे, लेकिन नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) इससे नदारद रहे। इसे ग्वालियर में महल बनाम पार्टी के संघर्ष के रूप में देखा जा रहा है। इसकी चर्चा बीजेपी के कार्यकर्ता तो कर ही रहे हैं, कांग्रेस भी इसको लेकर तंज कस रही है।
ग्वालियर में तीन दिवसीय जिला प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया था। गुरुवार को इसका समापन सत्र आयोजित हुआ, जिसका विषय रखा गया था “बदली हुई परिस्थिति में भाजपा का दायित्व”। अब इसी विषय पर सियासत सामने नजर आ रही है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, बीजेपी सांसद विवेक नारायण शेजवलकर सहित संगठन और बीजेपी के पूर्व विधायक तथा मंत्री मौजूद रहे, लेकिन केंद्रीय मंत्री सिंधिया की दूरी सवालों में आ गई है।
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इससे पहले आयोजित हुए संगठन और प्रशासनिक कार्यक्रमों में भी कई बार देखा गया है कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया एक साथ मंच साझा नहीं कर रहे हैं। वहीं, इस कार्यक्रम से सिंधिया की दूरी पर जब तोमर से सवाल किया गया तो वह जवाब देने से कन्नी काटते हुए नजर आए। उन्होंने उल्टा मीडिया से ही सवाल कर दिया कि वे इस तरह के सवाल क्यों पूछ रहे हैं।
इससे कांग्रेस को भी बैठे-बिठाए मुद्दा मिल गया है। सिंधिया की कार्यक्रम से दूरी को कांग्रेस ने महल वर्सेस बीजेपी की अंदरूनी कलह बताया है। पार्टी पहले ही आरोप लगा चुकी है कि बीजेपी जनता के पैसों का अपने लिए उपयोग कर रही है। बीजेपी इन आरोपों को तवज्जो नहीं दे रही लेकिन सिंधिया vs नरेंद्र तोमर (Scindia Vs Tomar) के बीच क्या वाकई में कोल्ड वॉर शुरू हो गया है, यह लगातार चर्चाओ में बना हुआ है।
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हाइलाइट्स
- बीजेपी के जिला प्रशिक्षण शिविर से नदारद रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया
- नरेंद्र सिंह तोमर सहित सभी वरिष्ठ पार्टी नेता रहे मौजूद
- सिंधिया-तोमर के मंच साझा नहीं करने को लेकर लग रहे कयास
- कांग्रेस ने बताया महल बनान बीजेपी की अंदरूनी कलह
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में बीजेपी के तीन दिवसीय जिला प्रशिक्षण शिविर खत्म हुए 24 घंटे बीतने के बाद भी राजनीतिक चर्चाएं तेज हैं। प्रशिक्षण शिविर के समापन पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे, लेकिन नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) इससे नदारद रहे। इसे ग्वालियर में महल बनाम पार्टी के संघर्ष के रूप में देखा जा रहा है। इसकी चर्चा बीजेपी के कार्यकर्ता तो कर ही रहे हैं, कांग्रेस भी इसको लेकर तंज कस रही है।
ग्वालियर में तीन दिवसीय जिला प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया था। गुरुवार को इसका समापन सत्र आयोजित हुआ, जिसका विषय रखा गया था “बदली हुई परिस्थिति में भाजपा का दायित्व”। अब इसी विषय पर सियासत सामने नजर आ रही है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, बीजेपी सांसद विवेक नारायण शेजवलकर सहित संगठन और बीजेपी के पूर्व विधायक तथा मंत्री मौजूद रहे, लेकिन केंद्रीय मंत्री सिंधिया की दूरी सवालों में आ गई है।
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इससे पहले आयोजित हुए संगठन और प्रशासनिक कार्यक्रमों में भी कई बार देखा गया है कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया एक साथ मंच साझा नहीं कर रहे हैं। वहीं, इस कार्यक्रम से सिंधिया की दूरी पर जब तोमर से सवाल किया गया तो वह जवाब देने से कन्नी काटते हुए नजर आए। उन्होंने उल्टा मीडिया से ही सवाल कर दिया कि वे इस तरह के सवाल क्यों पूछ रहे हैं।
इससे कांग्रेस को भी बैठे-बिठाए मुद्दा मिल गया है। सिंधिया की कार्यक्रम से दूरी को कांग्रेस ने महल वर्सेस बीजेपी की अंदरूनी कलह बताया है। पार्टी पहले ही आरोप लगा चुकी है कि बीजेपी जनता के पैसों का अपने लिए उपयोग कर रही है। बीजेपी इन आरोपों को तवज्जो नहीं दे रही लेकिन सिंधिया vs नरेंद्र तोमर (Scindia Vs Tomar) के बीच क्या वाकई में कोल्ड वॉर शुरू हो गया है, यह लगातार चर्चाओ में बना हुआ है।