Satyendar Jain Arrest: इस बार फिर गद्दार को बचा रहे हैं केजरीवाल… लाइव शो में बीजेपी प्रवक्ता ने सीएम का पुराना बयान सुनाया h3>
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) को गिरफ्तार कर लिया। मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) से जुड़े एक केस में उनकी गिरफ्तारी हुई है। एजेंसी ने पिछले महीने जैन परिवार और उनसे जुड़ी कंपनियों की करोड़ों की संपत्ति कुर्क की थी। इनका मूल्य 4.81 करोड़ रुपये था। उधर जैन की गिरफ्तारी के बाद सियासत गर्म हो गई है। आम आदमी पार्टी ने सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी को हिमाचल प्रदेश के चुनाव से जोड़ते हुए बीजेपी पर केंद्र की एजेंसी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। उधर बीजेपी का कहना है कि केजरीवाल देश के गद्दार को बचा रहे हैं, ऐसा वह पहले भी करते आए हैं।
लाइव टीवी शो डिबेट में बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने अपने मोबाइल पर एक ओडियो चलाया और दावा किया कि इस ओडियो में अरविंद केजरीवाल दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ फर्जी डिग्री विवाद मामले में उनको बेकसूर ठहरा रहे हैं। मगर बाद में कोर्ट ने तोमर को दोषी ठहराया था। इस मामले में साल 2018 में कोर्ट ने तोमर के खिलाफ फर्जी डिग्री विवाद मामले में आरोप तय कर किए। अदालत ने उन्हें एडवोकेट के तौर पर रजिस्ट्रेशन के लिए बार काउंसिल ऑफ दिल्ली (बीसीडी) के साथ धोखाधड़ी (420) और आपराधिक साजिश (120 बी) के अपराधों का आरोपी माना। 14 आरोपियों में से अदालत ने 9 के खिलाफ मामले में आरोप तय किए, जबकि पांच को बरी कर दिया था।
बीजेपी बना रही मनगढ़ंत कहानी: आतिशी
उधर आप प्रवक्ता आतिशी सिंह का कहना है कि ईडी मामले की जांच 8 साल से कर रही है। 8 बार सत्येंद्र जैन को समन भी भेजा गया। मगर कोई सबूत नहीं मिला। फिर अचानक आम आदमी पार्टी की ओर से सत्येंद्र जैन को हिमाचल प्रदेश का प्रभारी बनाए जाने के बाद ईडी को ऐसी क्या पूछताछ करनी पड़ गई कि जैन को गिरफ्तार करना पड़ गया। साल 2018 से 2022 तक ईडी शांत क्यों थी। आतिशी ने कहा सारा मामला राजनीतिक है। बीजेपी मनगढ़ंत कहानी बना रही है।
भ्रष्टाचारी और गद्दार का साथ दे रहे हैं केजरीवाल: पूनावाला
इसके जवाब में पूनावाला ने कहा कि 16 करोड़ की ब्लैक मनी को केजरीवाल स्वीकार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2019 के दस्तावेज में सत्येंद्र जैन की 8 कंपनियों ने खुद 16 करोड़ रुपये एक बड़ी अमाउंट पर टैक्स ना देने की बात की थी साथ ही टैक्स लगाकर कंपनी को मान्य करने की अपील की थी। मगर इनकम टैक्स ने इसे ठुकरा दिया था। बाद में कोर्ट ने भी सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई को सही ठहराया था। पूनावाला ने कहा कि केजरीवाल भ्रष्टाचार के आरोपी को बचाने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा जैन ने हवाला के जरिए काला धन जमा किया गया। 4 शेल कंपनियों के जरिए फंड की हेराफेरी की।
क्या है मामला
दरअसल, आप नेता के खिलाफ सीबीआई ने 2017 में एक एफआईआर दर्ज की थी। जांच एजेंसी ने यह एफआईआर प्रिवेंशन ऑफ करप्शन ऐक्ट के तहत फाइल की थी। ईडी का केस इसी एफआईआर पर आधारित है। सीबीआई ने अपनी एफआईआर में सत्येंद्र जैन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया था। उसका कहना था कि यह मनी लॉन्ड्रिंग चार कंपनियों के जरिये की गई। ये कंपनियां सत्येंद्र जैन से जुड़ी हैं।
बीते महीने ईडी ने की थी सख्त कार्रवाई
पिछले महीने ईडी ने सत्येंद्र जैन के खिलाफ बड़ा कदम उठाया था। उसने अस्थायी तौर पर इन चार कंपनियों के अलावा एक और कंपनी से जुड़ी 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को कुर्क किया था। इन कंपनियों में अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफोसॉल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। इसके अलावा आय से अधिक संपत्ति के मामले में स्वाति जैन, सुशीला जैन, अजीत प्रसाद जैन और इंदु जैन की संपत्तियों को भी कुर्क किया गया था।
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बीजेपी बना रही मनगढ़ंत कहानी: आतिशी
उधर आप प्रवक्ता आतिशी सिंह का कहना है कि ईडी मामले की जांच 8 साल से कर रही है। 8 बार सत्येंद्र जैन को समन भी भेजा गया। मगर कोई सबूत नहीं मिला। फिर अचानक आम आदमी पार्टी की ओर से सत्येंद्र जैन को हिमाचल प्रदेश का प्रभारी बनाए जाने के बाद ईडी को ऐसी क्या पूछताछ करनी पड़ गई कि जैन को गिरफ्तार करना पड़ गया। साल 2018 से 2022 तक ईडी शांत क्यों थी। आतिशी ने कहा सारा मामला राजनीतिक है। बीजेपी मनगढ़ंत कहानी बना रही है।
भ्रष्टाचारी और गद्दार का साथ दे रहे हैं केजरीवाल: पूनावाला
इसके जवाब में पूनावाला ने कहा कि 16 करोड़ की ब्लैक मनी को केजरीवाल स्वीकार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2019 के दस्तावेज में सत्येंद्र जैन की 8 कंपनियों ने खुद 16 करोड़ रुपये एक बड़ी अमाउंट पर टैक्स ना देने की बात की थी साथ ही टैक्स लगाकर कंपनी को मान्य करने की अपील की थी। मगर इनकम टैक्स ने इसे ठुकरा दिया था। बाद में कोर्ट ने भी सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई को सही ठहराया था। पूनावाला ने कहा कि केजरीवाल भ्रष्टाचार के आरोपी को बचाने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा जैन ने हवाला के जरिए काला धन जमा किया गया। 4 शेल कंपनियों के जरिए फंड की हेराफेरी की।
क्या है मामला
दरअसल, आप नेता के खिलाफ सीबीआई ने 2017 में एक एफआईआर दर्ज की थी। जांच एजेंसी ने यह एफआईआर प्रिवेंशन ऑफ करप्शन ऐक्ट के तहत फाइल की थी। ईडी का केस इसी एफआईआर पर आधारित है। सीबीआई ने अपनी एफआईआर में सत्येंद्र जैन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया था। उसका कहना था कि यह मनी लॉन्ड्रिंग चार कंपनियों के जरिये की गई। ये कंपनियां सत्येंद्र जैन से जुड़ी हैं।
बीते महीने ईडी ने की थी सख्त कार्रवाई
पिछले महीने ईडी ने सत्येंद्र जैन के खिलाफ बड़ा कदम उठाया था। उसने अस्थायी तौर पर इन चार कंपनियों के अलावा एक और कंपनी से जुड़ी 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को कुर्क किया था। इन कंपनियों में अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफोसॉल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। इसके अलावा आय से अधिक संपत्ति के मामले में स्वाति जैन, सुशीला जैन, अजीत प्रसाद जैन और इंदु जैन की संपत्तियों को भी कुर्क किया गया था।