satna: मेडिकल कॉलेज के लिए बन रही भ्रष्टाचार की सड़क | satna: road of corruption being built for medical college | Patrika News h3>
निविदा शर्तों के विपरीत काम नेशनल हाइवे से मेडिकल कॉलेज तक जाने वाली सीसी रोड का काम निविदा शर्तों के विपरीत हो रहा है। निविदा शर्तों में स्पष्ट तय किया गया है कि रोड के अर्थ वर्क का जो काम होगा उसे रोलर के द्वारा अलग-अलग लेयर में तैयार किया जाएगा। लेकिन यहां डम्प से सीधे मिट्टी डाल कर बराबर कर दिया जा रहा है। जबकि नियमत: यहां 25 सेमी की एक लेयर मिट्टी की बना कर उसे पहले रोलर से दबाकर बराबर करना था। इसके बाद पानी डाल कर इसे रोलर चला कर काम्पेक्ट करना था। इसके बाद अगली लेयर इसी तरह तैयार कर मिट्टी को काम्पेक्ट करना था। लेकिन यहां रोड का अर्थ वर्क बिना काम्पेक्टर किये सीधे मिट्टी डम्प कर उसे फैला कर रोलर से ऊपर से समतल कर दिया गया। इस तरह निविदाकार ने अर्थ वर्क के काम में 40 फीसदी की बचत कर ली है।
शटरिंग पूरी उंचाई में नहीं इसी तरह से यहां सीसी रोड का जो मेन कांक्रीट का काम किया जा रहा है उसमें भी गुणवत्ता की अनदेखी की जा रही है। इसका नतीजा रोड कमजोर बनने के रूप में सामने आएगा। दरअसर रोड के मेन कांक्रीट की ऊचाई 20 सेन्टी मीटर है। लेकिन यहां निविदाकार द्वारा 15 सेंटी मीटर उचाई की शटरिंग लगाई जा रही है। चूंकि शटरिंग कम ऊचाई की है लिहाजा इसे ऊपर उठाकर पूरी ऊंचाई दी जा रही है। ऐसे में जब इस शटरिंग के अंदर गिट्टी डाली जाती है तो वह नीचे से काफी मात्रा में निकल जाती है। इसे साइट इंजीनियर और पीआईयू के ईई बताते हैं कि ऐसा करके ठेकेदार अपना नुकसान कर रहा है। लेकिन तकनीकि जानकारों का कहना है कि इसका बड़ा नुकसान रोड पर हो रहा है। दरअसल गिट्टी डालकर जब बाइब्रेशन के जरिये कम्पेक्शन किया जाता है तो वह नीचे शटरिंग नहीं होने से नीचे का हिस्सा लूज रह जाता है। जिससे रोड की स्ट्रेन्थ सही नहीं बनती है। नतीजा बाद में रोड के टूटने के रूप में सामने आएगा
बन रहे हनीकोम मेन कांक्रीट में जहां भी शटरिंग हटाई गई है वहां बने हनीकोम घटिया निर्माण कार्य की पोल खोल रहे हैं। दरअसल जब कांक्रीट का सही कम्पैक्शन नहीं होता है तो वहां कांक्रीट मिक्स चिकना नहीं रहता है बल्कि अलग-अलग गिट्टी दिखने लगी है जिसे हनीकोम कहा जाता है। इस रोड में बड़े पैमाने पर हनीकोम बने हुए है जो बता रहे हैं कि यहां सही बाइब्रेशन भी नहीं हुआ है।
- ” काम तो सही हो रहा है। हमने देखा है। लेकिन जिस तरह से बता रहे हैं तो इसका विस्तृत परीक्षण कराया जाएगा ” – बीएल चौरसिया, ईई पीआईयू
- ” मेडिकल कॉलेज की रोड की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा। गुणवत्ताहीन निर्माण की बात पर इसका परीक्षण कराया जाएगा ” – अनुराग वर्मा, कलेक्टर
निविदा शर्तों के विपरीत काम नेशनल हाइवे से मेडिकल कॉलेज तक जाने वाली सीसी रोड का काम निविदा शर्तों के विपरीत हो रहा है। निविदा शर्तों में स्पष्ट तय किया गया है कि रोड के अर्थ वर्क का जो काम होगा उसे रोलर के द्वारा अलग-अलग लेयर में तैयार किया जाएगा। लेकिन यहां डम्प से सीधे मिट्टी डाल कर बराबर कर दिया जा रहा है। जबकि नियमत: यहां 25 सेमी की एक लेयर मिट्टी की बना कर उसे पहले रोलर से दबाकर बराबर करना था। इसके बाद पानी डाल कर इसे रोलर चला कर काम्पेक्ट करना था। इसके बाद अगली लेयर इसी तरह तैयार कर मिट्टी को काम्पेक्ट करना था। लेकिन यहां रोड का अर्थ वर्क बिना काम्पेक्टर किये सीधे मिट्टी डम्प कर उसे फैला कर रोलर से ऊपर से समतल कर दिया गया। इस तरह निविदाकार ने अर्थ वर्क के काम में 40 फीसदी की बचत कर ली है।
शटरिंग पूरी उंचाई में नहीं इसी तरह से यहां सीसी रोड का जो मेन कांक्रीट का काम किया जा रहा है उसमें भी गुणवत्ता की अनदेखी की जा रही है। इसका नतीजा रोड कमजोर बनने के रूप में सामने आएगा। दरअसर रोड के मेन कांक्रीट की ऊचाई 20 सेन्टी मीटर है। लेकिन यहां निविदाकार द्वारा 15 सेंटी मीटर उचाई की शटरिंग लगाई जा रही है। चूंकि शटरिंग कम ऊचाई की है लिहाजा इसे ऊपर उठाकर पूरी ऊंचाई दी जा रही है। ऐसे में जब इस शटरिंग के अंदर गिट्टी डाली जाती है तो वह नीचे से काफी मात्रा में निकल जाती है। इसे साइट इंजीनियर और पीआईयू के ईई बताते हैं कि ऐसा करके ठेकेदार अपना नुकसान कर रहा है। लेकिन तकनीकि जानकारों का कहना है कि इसका बड़ा नुकसान रोड पर हो रहा है। दरअसल गिट्टी डालकर जब बाइब्रेशन के जरिये कम्पेक्शन किया जाता है तो वह नीचे शटरिंग नहीं होने से नीचे का हिस्सा लूज रह जाता है। जिससे रोड की स्ट्रेन्थ सही नहीं बनती है। नतीजा बाद में रोड के टूटने के रूप में सामने आएगा
बन रहे हनीकोम मेन कांक्रीट में जहां भी शटरिंग हटाई गई है वहां बने हनीकोम घटिया निर्माण कार्य की पोल खोल रहे हैं। दरअसल जब कांक्रीट का सही कम्पैक्शन नहीं होता है तो वहां कांक्रीट मिक्स चिकना नहीं रहता है बल्कि अलग-अलग गिट्टी दिखने लगी है जिसे हनीकोम कहा जाता है। इस रोड में बड़े पैमाने पर हनीकोम बने हुए है जो बता रहे हैं कि यहां सही बाइब्रेशन भी नहीं हुआ है।
- ” काम तो सही हो रहा है। हमने देखा है। लेकिन जिस तरह से बता रहे हैं तो इसका विस्तृत परीक्षण कराया जाएगा ” – बीएल चौरसिया, ईई पीआईयू
- ” मेडिकल कॉलेज की रोड की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा। गुणवत्ताहीन निर्माण की बात पर इसका परीक्षण कराया जाएगा ” – अनुराग वर्मा, कलेक्टर