satna: टेक होम राशन की पावती के बिना बिलों का किया भुगतान | verification of bills without acknowledgment in take home ration | Patrika News

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satna: टेक होम राशन की पावती के बिना बिलों का किया भुगतान | verification of bills without acknowledgment in take home ration | Patrika News


satna: टेक होम राशन की पावती के बिना बिलों का किया भुगतान | verification of bills without acknowledgment in take home ration | Patrika News

कोरोना काल में रेडी टू ईट में भी घोटाला कोविड-19 के काल में परिवहन गतिविधियां आसान नहीं थी। न वाहन चल रहे थे न ही लोग आ जा पा रहे थे। ऐसे में संचालनालय ने निर्देश दिये थे कि जहां भी टेक होम राशन नहीं पहुंच पा रहा है वहां स्व सहायता समूह से रेडी टू ईट भोजन हितग्राहियों को वितरित किया जाए। रीवा जिले में पाया गया कि यहां के अधिकारी कोरोना काल में भी भ्रष्टाचार करने से बाज नहीं आए। डीपीओ कार्यालय के दस्तावेजों की पड़ताल में पाया गया है कि यहां नियम विरुद्ध भुगतान किये गए हैं। इसमें स्व सहायता समूह के नाम पर होने वाला 3 लाख का भुगतान व्यक्तिगत खाते में किया गया। हद तो यह थी कि एक ही बैंक खाते का उपयोग अलग अलग नामों के लिये किया गया है। इसे सीएजी ने सीडीपीओ और डीपीओ द्वारा दुर्भावनापूर्ण इरादों के साथ भुगतान में संदिग्ध धोखाधड़ी किया जाना बताया है।

सतना शहर की आंगनबाड़ियों में बंट रहा हानिकारक टीएचआर रिपोर्ट में सतना शहर की आंगनबाड़ियों में गुणवत्ताहीन टेक होम राशन वितरण की जानकारी दी गई है। सीएजी के दल ने सतना शहरी-1 परियोजना के आंगनबाड़ी केन्द्र क्रमांक 147 हरिजन बस्ती के अभिलेखों की जांच की। जांच में पाया गया कि 9 जुलाई 2019 कौ तैयार खिचड़ी के 34 पैकेट आंगनबाड़ी को 16 जुलाई 2019 को दिये गये। लेकिन 33 पैकेट 29 अक्टूबर 2019 और एक पैकेट 26 नवंबर 2019 को लाभार्थियों को दिया गया। जबकि टीएचआर के मापदण्डों के अनुसार ये अपनी समय सीमा पार कर चुके थे। सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तथ्य को जानने के बावजूद कि ऐसे टीएचआर लाभार्थियों के लिए हानिकारक हो सकते हैं,वितरित किए गए थे। यह न केवल योजना के उचित कार्यान्वयन की कमी को इंगित करता है बल्कि सीडीपीओ और डीपीओ द्वारा की जा रही निगरानी पर भी सवाल उठाता है।

बिना पावती के बिल पास कर दिया गया सतना और राम नगर की आंगनबाड़ियों में बांटे गये टेक होम राशन के संबंध में बताया गया है कि यहां परिवहन बिल का मनमानी भुगतान किया गया है। जांच टीम ने परिवहन बिल के साथ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की पावती संलग्न नहीं पाई गई थी। ट्रांसपोर्टरों द्वारा तैयार किए गए चालान न तो बिलों के साथ संलग्न पाए गए और न ही चयनित आंगनवाड़ी केंद्रों और परियोजना कार्यालयों के अभिलेखों में उल्लेखित मिले। यहां के सीडीपीओ ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की पावती और चालान की प्रतियों के बिना बिलों के सत्यापन कर दिया और परिवहन बिलों को भुगतान के लिए डीपीओ को भेज दिया। रिपोर्ट में लिखा गया है कि यह इंगित करता है कि सीडीपीओ बिना किसी डर के धोखाधड़ी कर रहे हैं।

रामनगर में कीड़े युक्त मिला टीएचआर सीएजी की टीम ने परियोजना कार्यालय के अधिकारियों की मौजूदगी में सतना जिले के सोनाड़ी लोनियाटोला आंगनबाड़ी में पाया कि यहां कीड़े युक्त टीएचआर रखा हुआ है। दिसंबर 2021 में किये गये सत्यापन में पाया गया कि आंगनबाड़ी में 11 फरवरी 2021 के ये पैकेट 19 अप्रैल 2021 को भेजे गये। जो कि पहले ही एक्सपायर हो चुके थे। खिचड़ी के ये पैकेट इस हालत में मिले कि उनमें कीड़े बिलबिला रहे थे। इसे डीपीओ, सीडीपीओ और सेक्टर सुपरवाइजर की ओर से कमजोर निगरानी बताया गया जिसके परिणामस्वरूप टीएचआर की बर्बादी हुई।

जिम्मेदार अधिकारी नहीं करते विजिट सीएजी की रिपोर्ट में अधिकारियों की विजिट नहीं करने की आदत को भी उल्लेखित किया गया है। सतना जिले में डीपीओ को 2018-19 में 312 विजिट करनी थी लेकिन इस अवधि का विजिट का कोई रिकार्ड नहीं मिला। 2019-20 में 204 विजिट करनी थी जिसके विरुद्ध सिर्फ 54 विजिट की गई। 2020-21 में 168 विजिट करनी थी जिसके विरुद्ध सिर्फ 28 विजिट की गई। इसी तरह से रीवा डीपीओ 2018-19 में 312 विजिट में एक भी नहीं की। 2019-20 में 204 विजिट करनी थी जिसके विरुद्ध सिर्फ 99 विजिट की गई। 2020-21 में 168 विजिट करनी थी जिसके विरुद्ध सिर्फ 163 विजिट की गई। सतना जिले में सीडीपीओ की विजिट का कोई रिकार्ड ही नहीं रखा गया।





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