Satish mahana: न संजय निषाद, न अनुप्रिया पटेल प्रोटेम स्पीकर बनाने में रहा राजा भैया का बड़ा हाथ, समझिए क्या है संकेत h3>
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ही भारतीय जनता पार्टी और रघुराज प्रताप सिंह (Raghuraj pratap singh) उर्फ राजा भैया के बीच नजदीकियां बढ़ने की चर्चा शुरू हो गई थी। आज राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक ने खुलकर बीजेपी के पक्ष में समर्थन देकर आगे की रणनीति स्पष्ट कर दी है। उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष के रूप में बीजेपी (BJP) के वरिष्ठ विधायक सतीश महाना के नामांकन (up vidhan sabha adhyaksh nomination satish mahana) के दौरान राजा भैया (raja bhaiya) की मौजूदगी चर्चा की विषय बन गई। राजा भैया ने यहां सतीश महाना के नामांकन में प्रस्तावक के साथ ही समर्थक की भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसी के साथ राजा भैया एनडीए (NDA) के साथ गठबंधन में न होकर भी संजय निषाद (Sanjay Nishad) और अनुप्रिया पटेल (Anupriya patel) से कहीं ज्यादा चर्चा में हैं।
राजा भैया के बीजेपी के साथ जाने की चर्चा उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले से शुरू हो गई थी। इसके पीछे समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के बयानों को प्रमुख कारण माना गया। विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव ने मीडिया के सवाल पर कहा था कि कौन है राजा भैया? इसके बाद अखिलेश ने कुंडा में राजा भैया के उन्हीं के करीबी रहे गुलशन यादव को मैदान में उतार दिया था। फिर मुलायम सिंह यादव के समय से चली आ रही नजदीकी पूरी तरह खत्म होती नजर आई। वहीं राजा भैया के बयानों में बीजेपी के लिए सॉफ्ट कॉर्नर देखा जाने लगा। हालांकि उन्होंने खुलकर कभी एनडीए में शामिल होने की बात नहीं कही।
खूब हुई जुबानी जंग
अखिलेश यादव ने कुंडा में कुंडी लगाने से जुड़ा बयान दिया था। इस पर राजा भैया ने जवाब दिया कि अभी कुंडा में कुंडी लगा दे ऐसा कोई माई का लाल पैदा नहीं हुआ। वहीं अखिलेश के लगातार हमले के बाद राजा भैया ने खुले मंच से कहा था कि न सरकार बन रही है और न बनने देंगे। इसके बाद साफ हो गया था कि अब वो आने वाले समय में बीजेपी का साथ दे सकते हैं।
एमएलसी और लोकसभा चुनाव से पहले की तैयारी
निषाद पार्टी और अपना दल एस को अब तक बीजेपी की सबसे अहम सहयोगी पार्टी के रूप में जाना जा रहा है। संजय निषाद को कैबिनेट मंत्री का पद भी मिला है। वहीं अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल को भी योगी मंत्रिमंडल में जगह मिल गई है। लेकिन अब जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया की भूमिका पर भी चर्चा शुरू हो गई है। यूपी विधानसभा अध्यक्ष के लिए बीजेपी वरिष्ठ नेता सतीश महाना का समर्थन करने पर एमएलसी चुनाव में राजा भैया को भी इधर से सहयोग मिल सकता है। उनकी पार्टी भी एमएलसी चुनाव की तैयारी में जुट गई है। वहीं लोकसभा चुनाव से पहले राजा भैया की पार्टी के एनडीएम में शामिल होने के संकेत मिल रहे हैं।
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खूब हुई जुबानी जंग
अखिलेश यादव ने कुंडा में कुंडी लगाने से जुड़ा बयान दिया था। इस पर राजा भैया ने जवाब दिया कि अभी कुंडा में कुंडी लगा दे ऐसा कोई माई का लाल पैदा नहीं हुआ। वहीं अखिलेश के लगातार हमले के बाद राजा भैया ने खुले मंच से कहा था कि न सरकार बन रही है और न बनने देंगे। इसके बाद साफ हो गया था कि अब वो आने वाले समय में बीजेपी का साथ दे सकते हैं।
एमएलसी और लोकसभा चुनाव से पहले की तैयारी
निषाद पार्टी और अपना दल एस को अब तक बीजेपी की सबसे अहम सहयोगी पार्टी के रूप में जाना जा रहा है। संजय निषाद को कैबिनेट मंत्री का पद भी मिला है। वहीं अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल को भी योगी मंत्रिमंडल में जगह मिल गई है। लेकिन अब जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया की भूमिका पर भी चर्चा शुरू हो गई है। यूपी विधानसभा अध्यक्ष के लिए बीजेपी वरिष्ठ नेता सतीश महाना का समर्थन करने पर एमएलसी चुनाव में राजा भैया को भी इधर से सहयोग मिल सकता है। उनकी पार्टी भी एमएलसी चुनाव की तैयारी में जुट गई है। वहीं लोकसभा चुनाव से पहले राजा भैया की पार्टी के एनडीएम में शामिल होने के संकेत मिल रहे हैं।
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