Sahara India: नई मुसीबत में फंसे सुब्रत रॉय, अब किसानों ने खोला मोर्चा, उठाया ये बड़ा कदम
पुलिस के मुताबिक, निवेश का मैच्योरिटी पीरियड साल 2018 और 2021 के बीच का था। हालांकि, जब निवेशक रुपये निकालने गए तो शाखा प्रबंधक ने कुछ बहाना बनाया। निवेशकों को कुछ दिन बाद आने को कहा गया था, लेकिन शाखा कुछ दिनों से बंद पाई गई है। इसके बाद निवेशकों ने सरोली पुलिस से संपर्क किया और लखनऊ निवासी रॉय (Subrata Roy Sahara) के साथ उनकी फर्म के महाप्रबंधक, एरिया मैनेजर और शाखा प्रबंधक के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई है।
कई तरह की योजनाएं चलाती थी सहारा
एक समय देश में सहारा इंडिया (Sahara India) कई तरह की योजनाएं चलाती थी। सहारा का कारोबार रियल एस्टेट, फाइनेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर, मीडिया , एंटरटेनमेंट, हेल्थ केयर, हॉस्पिटैलिटी, रियर एस्टेट, रिटेल, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी तक फैल चुका था। सहारा (Sahara India) ने रीयल एस्टेट कंपनी और हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कार्पोरेशन के जरिये बड़े स्तर पर देश भर में जमीन खरीदी, विकसित की और कई आवासीय योजनाएं शुरू की। सहारा (Sahara India) ने लखनऊ के अलावा कानपुर, गोरखपुर, हैदराबाद, भोपाल, कोच्चि, गुड़गांव और पुणे आदि में सहारा ने आवासीय योजनाएं शुरू कीं थीं। कभी देश की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार रही सहारा इंडिया (Sahara India) में एक समय देश के करोड़ों लोगों ने निवेश किया था।
इस तरह शुरू हुई मुसीबत
सहारा स्कैम (Sahara scam) मुख्य रूप से सहारा ग्रुप की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल ऐस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SHICL) से जुड़ा है। 30 सितंबर 2009 को सहारा प्राइम सिटी ने अपने आईपीओ के लिए सेबी में आवेदन (DRHP) दाखिल किया था। सेबी ने जब इस डीआरएचपी को खंगाला तो इसमें कई गड़बड़ियां मिली। सेबी को 25 दिसंबर 2009 और 4 जनवरी 2010 को सेबी को दो शिकायतें मिलीं। इसमें बताया गया था कि सहारा की कंपनियां गलत तरीके से पैसा जुटा रही हैं। इसके बाद सेबी ने सहारा की इन दोनों कपंनियों की जांच शुरू कर दी।