Sachin Tendulkar Birthday: भगवान कहें या रिकॉर्ड मशीन… 12 वर्ष की उम्र से सचिन तेंदुलकर के नाम हैं कई करिश्माई कीर्तिमान h3>
मुंबई: 24 अप्रैल, वही तारीख जिस दिन जन्म हुआ था वर्ल्ड क्रिकेट पर 24 साल तक राज करने वाले सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar Birthday) का। मुंबई में इसी तारीख को 1973 में रमेश तेंदुलकर के घर बेटे का जन्म हुआ था। उस समय किसे पता था कि यह बच्चा एक दिन के अनगिनत रिकॉर्ड अपने नाम कर लेगा। जिसने बल्ले से ऐसी पटकथा लिखी जो मिसाल बन गई। सचिन (Sachin Tendulkar) करोड़ों भारतीय के लिए एक इमोशन है।
संन्यास के 9 साल बाद आज भी सचिन की फैन फॉलोइंग किसी भी एक्टिव खिलाड़ी से ज्यादा है। एक ऐसी शख्सियत का जिसने इस देश में क्रिकेट को नए मुकाम पर पहुंचाने में मदद की। जिसे देखकर एक पीढ़ी ने प्रेरणा हासिल की। जिसके बारे में कहा गया कि वह क्रिकेट का भगवान है।
सचिन ने छोटी उम्र से ही क्रिकेट के मैदान पर कमाल शुरू कर दिया था। 12 साल की उम्र में उन्होंने अंडर-17 हैरिस शील्ड में अपने स्कूल के लिए शतक लगा दिया। जब वह 14 साल के हुए तो अपने दोस्त और पूर्व भारतीय क्रिकेटर विनोद कांबली के साथ मिलकर 664 रन की रिकॉर्ड साझेदारी बना दी। तभी से मुंबई में सचिन तेंदुलकर की चर्चा शुरू हो गई थी।
15 साल की उम्र में मुंबई के लिए फर्स्ट क्लास डेब्यू किया। उन्होंने रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) के साथ ही दिलीप ट्रॉफी और ईरानी ट्रॉफी के डेब्यू मैच में शतक लगाया। फिर अगले ही साल वह भारतीय टीम का हिस्सा बन गए। 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ कराची में उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच खेला। 17 साल की उम्र में उन्होंने इंग्लैंड के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर अपना पहला टेस्ट शतक लगाया। वह भारत की ओर से टेस्ट क्रिकेट में सबसे युवा शतकवीर बने।
सचिन की कहानी कम उम्र में रिकॉर्ड बनाने या बल्ले से कमाल करने भर की नहीं है। वह सिर्फ उस कहानी का एक अध्याय है। सचिन की कहानी उससे आगे जाने की है। युवावस्था में सचिन ने जो हासिल किया वह उनके लंबे करियर की बानगी भर है। वे कुछ समय बाद ही टीम के प्रमुख बल्लेबाज बन गए। एक समय ऐसा था कि भारतीय टीम की जीत और हार सिर्फ सचिन की पारी से तय होती थी। साल 2000 में वह इंटरनेशनल क्रिकेट में 50 सेंचुरी लगाने वाले पहले क्रिकेटर बने। 2003 में उन्होंने वर्ल्ड कप में 673 रन बनाए। एक वर्ल्ड में यह सबसे ज्यादा रन का रिकॉर्ड है और आज तक बरकरार है।
साल 2008 में उन्होंने ब्रायन लारा को पीछे छोड़ा और टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बने। 36 साल की उम्र में उन्होंने वनडे क्रिकेट में दोहरा शतक लगाया। पुरुष क्रिकेट में वह दोहरा शतक लगाने वाले पहले क्रिकेटर बने।
उनके नाम टेस्ट और वनडे- दोनों में सबसे ज्यादा रन और सेंचुरी बनाने का रिकॉर्ड है। वह इंटरनेशनल क्रिकेट में 100 शतक लगाने वाले इकलौते क्रिकेटर हैं। साल 2012 में उन्होंने वनडे और 2013 में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी।
सचिन ने छोटी उम्र से ही क्रिकेट के मैदान पर कमाल शुरू कर दिया था। 12 साल की उम्र में उन्होंने अंडर-17 हैरिस शील्ड में अपने स्कूल के लिए शतक लगा दिया। जब वह 14 साल के हुए तो अपने दोस्त और पूर्व भारतीय क्रिकेटर विनोद कांबली के साथ मिलकर 664 रन की रिकॉर्ड साझेदारी बना दी। तभी से मुंबई में सचिन तेंदुलकर की चर्चा शुरू हो गई थी।
15 साल की उम्र में मुंबई के लिए फर्स्ट क्लास डेब्यू किया। उन्होंने रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) के साथ ही दिलीप ट्रॉफी और ईरानी ट्रॉफी के डेब्यू मैच में शतक लगाया। फिर अगले ही साल वह भारतीय टीम का हिस्सा बन गए। 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ कराची में उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच खेला। 17 साल की उम्र में उन्होंने इंग्लैंड के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर अपना पहला टेस्ट शतक लगाया। वह भारत की ओर से टेस्ट क्रिकेट में सबसे युवा शतकवीर बने।
सचिन की कहानी कम उम्र में रिकॉर्ड बनाने या बल्ले से कमाल करने भर की नहीं है। वह सिर्फ उस कहानी का एक अध्याय है। सचिन की कहानी उससे आगे जाने की है। युवावस्था में सचिन ने जो हासिल किया वह उनके लंबे करियर की बानगी भर है। वे कुछ समय बाद ही टीम के प्रमुख बल्लेबाज बन गए। एक समय ऐसा था कि भारतीय टीम की जीत और हार सिर्फ सचिन की पारी से तय होती थी। साल 2000 में वह इंटरनेशनल क्रिकेट में 50 सेंचुरी लगाने वाले पहले क्रिकेटर बने। 2003 में उन्होंने वर्ल्ड कप में 673 रन बनाए। एक वर्ल्ड में यह सबसे ज्यादा रन का रिकॉर्ड है और आज तक बरकरार है।
साल 2008 में उन्होंने ब्रायन लारा को पीछे छोड़ा और टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बने। 36 साल की उम्र में उन्होंने वनडे क्रिकेट में दोहरा शतक लगाया। पुरुष क्रिकेट में वह दोहरा शतक लगाने वाले पहले क्रिकेटर बने।
उनके नाम टेस्ट और वनडे- दोनों में सबसे ज्यादा रन और सेंचुरी बनाने का रिकॉर्ड है। वह इंटरनेशनल क्रिकेट में 100 शतक लगाने वाले इकलौते क्रिकेटर हैं। साल 2012 में उन्होंने वनडे और 2013 में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी।