Sachin Pilot की तीन मांग और 15 दिन के अल्टीमेटम पर गहलोत खेमे ने 24 घंटे में दिया जवाब h3>
जयपुर: राजस्थान में कांग्रेस के असंतुष्ट नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) और मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने अशोक गहलोत सरकार पर हमला बोला। सचिन पायलट ने मांग करते हुए सरकार को जवाब देने के लिए 15 दिन का टाइम दिया। अभी 24 घंटे भी बीते नहीं थे कि गहलोत सरकार (Gehlot Government) की ओर से जवाब आ गया। पायलट के तीखे हमले के बाद जलदाय मंत्री महेश जोशी ने गहलोत सरकार का बचाव किया। उन्होंने इस बात पर आश्चर्य और निराशा जताई है कि कुछ जिम्मेदार लोग सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं। इसके साथ ही डीडवाना से कांग्रेस विधायक चेतन डूडी ने भी सचिन पायलट पर निशाना साधा और कहा कि पायलट की ओर से उठाई गई तीन मांगें अव्यावहारिक और पूरी तरह से समझ से परे हैं।
सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने सोमवार को जयपुर में सचिन पायलट की एक सभा में आरोप लगाया था कि ‘इस सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।’ इसके जवाब में जोशी ने कहा, ‘अपनी ही सरकार पर आरोप लगाने से पहले उन्हें ये सोचना चाहिए था कि वे ये आरोप खुद पर भी लगा रहे हैं।’ जोशी ने कल रात एक बयान में कहा कि अत्यंत आश्चर्यजनक और खेदजनक है कि कुछ जिम्मेदार लोग अपनी ही सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘आरोप लगाने वालों को यह अच्छे से पता है कि जब कभी भी भ्रष्टाचार की बात सामने आई है तो मुख्यमंत्री जी ने भ्रष्टाचार पर बिल्कुल न बर्दाश्त करने की नीति अपनाते हुए सशक्त चोट की है। भ्रष्टाचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की कार्रवाईयां इस बात का प्रमाण है कि भ्रष्टाचारी चाहे कितना भी बड़ा शख्स हो, एसीबी की ओर से बेहिचक और बड़ी सख्ती से कार्रवाईयों को अंजाम दिया गया।’
पायलट की ओर से उठाई गई तीन मांगें अव्यावहारिक: डूडी
इसी तरह डीडवाना से विधायक डूडी ने कहा कि पायलट की ओर से उठाई गई तीन मांगें अव्यावहारिक हैं। डूडी को कभी पायलट का करीबी माना जाता था लेकिन 2020 के राजनीतिक संकट के दौरान वह सरकार के साथ खड़े हुए। उन्होंने ट्वीट किया, ‘सचिन पायलट ने जिन तीन मुद्दों को उठाया है, वे अव्यावहारिक और पूरी तरह समझ से परे हैं। क्या आपको पता नहीं कि आरपीएससी स्वतंत्र संवैधानिक संस्था है जो कभी भंग नहीं की जा सकती। आरपीएससी सदस्य का तो इस्तीफा भी राष्ट्रपति की ओर से मंजूर किया जाता है। आप क्यों युवाओं को भ्रमित कर रहे हैं?’
पायलट बताएं, वसुंधरा सरकार के कौन-से मामले अब भी लंबित हैं: डूडी
पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामले में डूडी ने कहा, ‘पायलट साहब बताएं कि वसुंधरा सरकार के कौन-से मामले अब भी लंबित हैं, जिनकी वो जांच करवाना चाह रहे हैं क्योंकि सरकार आते ही सबसे पहले हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से इन मामलों का निस्तारण हो चुका है।’ बता दें, अपनी जनसंघर्ष पदयात्रा के समापन के मौके पर जयपुर में आयोजित सभा में पायलट ने सरकार के सामने तीन मांग रखी हैं, जिनमें राजस्थान लोकसेवा आयोग (आरपीएससी) को बंद कर इसका पुनर्गठन करना, परीक्षा पत्र लीक होने से प्रभावित प्रत्येक नौजवान को उचित आर्थिक मुआवजा देना और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ लगे आरोपों की उच्च स्तरीय जांच कराना शामिल है।
मुआवजा देने की मांग सिर्फ अपनी झूठी वाहवाही के लिए: डूडी
डूडी ने लिखा, ‘परीक्षा पत्र लीक होने पर मुआवजा देने की मांग सिर्फ अपनी झूठी वाहवाही के लिए है क्योंकि ऐसा किसी राज्य में नहीं होता। आज तक इतिहास में किसी नेता ने ऐसी मांग नहीं की। जितनी कड़ी कार्रवाई परीक्षा पत्र लीक होने पर राजस्थान में हुई हैं, वह दूसरे किसी राज्य में नहीं हुई है। यह बात युवा अच्छे से जानते हैं।’
डूडी ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से पायलट की रैली की तस्वीर और वीडियो ट्विटर पर साझा किए जाने पर भी कटाक्ष किया। डूडी ने कहा, ‘राजस्थान में सबसे बड़ा संजीवनी घोटाला है, जिसमें लाखों लोगों के घर लूटे गए लेकिन आज रैली में संजीवनी घोटाले के प्रमुख आरोपी का नाम भी नहीं लिया गया और रैली के बाद प्रमुख आरोपी ने पायलट साहब की तारीफ में ट्वीट किया। यही आज की रैली की सच्चाई है क्योंकि दोस्ती तो मानेसर के समय से ही है।’ उल्लेखनीय है कि जुलाई 2020 में अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगाावत करने वाले पायलट और उनके समर्थक विधायक गुरुग्राम के पास मानेसर के होटलों में रुके थे।
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सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने सोमवार को जयपुर में सचिन पायलट की एक सभा में आरोप लगाया था कि ‘इस सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।’ इसके जवाब में जोशी ने कहा, ‘अपनी ही सरकार पर आरोप लगाने से पहले उन्हें ये सोचना चाहिए था कि वे ये आरोप खुद पर भी लगा रहे हैं।’ जोशी ने कल रात एक बयान में कहा कि अत्यंत आश्चर्यजनक और खेदजनक है कि कुछ जिम्मेदार लोग अपनी ही सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘आरोप लगाने वालों को यह अच्छे से पता है कि जब कभी भी भ्रष्टाचार की बात सामने आई है तो मुख्यमंत्री जी ने भ्रष्टाचार पर बिल्कुल न बर्दाश्त करने की नीति अपनाते हुए सशक्त चोट की है। भ्रष्टाचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की कार्रवाईयां इस बात का प्रमाण है कि भ्रष्टाचारी चाहे कितना भी बड़ा शख्स हो, एसीबी की ओर से बेहिचक और बड़ी सख्ती से कार्रवाईयों को अंजाम दिया गया।’
पायलट की ओर से उठाई गई तीन मांगें अव्यावहारिक: डूडी
इसी तरह डीडवाना से विधायक डूडी ने कहा कि पायलट की ओर से उठाई गई तीन मांगें अव्यावहारिक हैं। डूडी को कभी पायलट का करीबी माना जाता था लेकिन 2020 के राजनीतिक संकट के दौरान वह सरकार के साथ खड़े हुए। उन्होंने ट्वीट किया, ‘सचिन पायलट ने जिन तीन मुद्दों को उठाया है, वे अव्यावहारिक और पूरी तरह समझ से परे हैं। क्या आपको पता नहीं कि आरपीएससी स्वतंत्र संवैधानिक संस्था है जो कभी भंग नहीं की जा सकती। आरपीएससी सदस्य का तो इस्तीफा भी राष्ट्रपति की ओर से मंजूर किया जाता है। आप क्यों युवाओं को भ्रमित कर रहे हैं?’
पायलट बताएं, वसुंधरा सरकार के कौन-से मामले अब भी लंबित हैं: डूडी
पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामले में डूडी ने कहा, ‘पायलट साहब बताएं कि वसुंधरा सरकार के कौन-से मामले अब भी लंबित हैं, जिनकी वो जांच करवाना चाह रहे हैं क्योंकि सरकार आते ही सबसे पहले हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से इन मामलों का निस्तारण हो चुका है।’ बता दें, अपनी जनसंघर्ष पदयात्रा के समापन के मौके पर जयपुर में आयोजित सभा में पायलट ने सरकार के सामने तीन मांग रखी हैं, जिनमें राजस्थान लोकसेवा आयोग (आरपीएससी) को बंद कर इसका पुनर्गठन करना, परीक्षा पत्र लीक होने से प्रभावित प्रत्येक नौजवान को उचित आर्थिक मुआवजा देना और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ लगे आरोपों की उच्च स्तरीय जांच कराना शामिल है।
मुआवजा देने की मांग सिर्फ अपनी झूठी वाहवाही के लिए: डूडी
डूडी ने लिखा, ‘परीक्षा पत्र लीक होने पर मुआवजा देने की मांग सिर्फ अपनी झूठी वाहवाही के लिए है क्योंकि ऐसा किसी राज्य में नहीं होता। आज तक इतिहास में किसी नेता ने ऐसी मांग नहीं की। जितनी कड़ी कार्रवाई परीक्षा पत्र लीक होने पर राजस्थान में हुई हैं, वह दूसरे किसी राज्य में नहीं हुई है। यह बात युवा अच्छे से जानते हैं।’
डूडी ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से पायलट की रैली की तस्वीर और वीडियो ट्विटर पर साझा किए जाने पर भी कटाक्ष किया। डूडी ने कहा, ‘राजस्थान में सबसे बड़ा संजीवनी घोटाला है, जिसमें लाखों लोगों के घर लूटे गए लेकिन आज रैली में संजीवनी घोटाले के प्रमुख आरोपी का नाम भी नहीं लिया गया और रैली के बाद प्रमुख आरोपी ने पायलट साहब की तारीफ में ट्वीट किया। यही आज की रैली की सच्चाई है क्योंकि दोस्ती तो मानेसर के समय से ही है।’ उल्लेखनीय है कि जुलाई 2020 में अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगाावत करने वाले पायलट और उनके समर्थक विधायक गुरुग्राम के पास मानेसर के होटलों में रुके थे।