रूस-युक्रेन युद्ध : क्या है NATO जिसको युद्ध की वजह माना जा रहा है ?

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रूस-युक्रेन युद्ध : क्या है NATO जिसको युद्ध की वजह माना जा रहा है
रूस-युक्रेन युद्ध : क्या है NATO जिसको युद्ध की वजह माना जा रहा है

रूस-युक्रेन युद्ध : क्या है NATO जिसको युद्ध की वजह माना जा रहा है ? ( Russo-Ukraine War: What is NATO which is believed to be the reason for the war ? )

रूस और युक्रेन युद्ध पिछले कुछ दिनों से लगातार भारतीय मीडिया की सुर्खियों में है. इसका सबसे बडा कारण यह है कि एक तो भारत के बहुत से छात्र युक्रेन में फंसे हुए हैं. इसके अलावा दूसरा कारण यह है कि यह युद्ध किसी भी समय तीसरे विश्वयुद्द में तबदील हो सकता है. ऐसा युद्ध जिसमें परमाणु हथियारों को बड़े स्तर पर प्रय़ोग किया जा सकता है. इसकी संभावना इस बात से और भी बढ़ जाती है , जब रूस से राष्ट्रपति से परमाणु हथियार को हाई अलर्ट पर रखने के संकेत दे दिए हैं. अगर यह युद्ध तीसरे विश्वयुद्ध में तबदील होता है तथा इसमें परमाणु हथियार का प्रयोग किया जाता है , तो इससे होने वाले विनाश का अंदाजा लगा पाना भी लोगों के लिए आसान नहीं है. ऐसे में लोगों के मन में एक सवाल आता है कि इस युद्ध में बार बार NATO शब्द का प्रयोग किया जा रहा है. यह क्या है तथा अगर युक्रेन इसमें शामिल हो जाता है, तो रूस को क्या परेशानी है. अगर आपके मन में भी ऐसा ही सवाल है, तो इस पोस्ट में इसी सवाल का जवाब जानते हैं.

नाटो

क्या है NATO संगठन –

द नॉर्थ अटलांटिक ट्रिटीर्गनाइजेशन यानी (NATO- North Atlantic Treaty Organization ) एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है. यह एक सैन्य संगठन है. इसकी स्थापना 9 अप्रैल, 1949 को हुई थी. वर्तमान में इस संगठन के 30 सदस्य हैं. अगर इसको बिल्कुल साधारण शब्दों में समझने की कोशिश करें, तो इसका अर्थ यह हुआ कि इन 30 देशों ने एक समझौता किया हुआ है कि हम 30 देशों एक दूसरे के सैन्य सहयोगी होगें. इसके साथ ही इन 30 देशों में से किसी पर भी कोई बाहरी देश आक्रमण करता है, तो ये सभी 30 देश मिलकर उसपर आक्रमण करेगें अर्थात् इनमें से किसी भी देश पर आक्रमण बाकी 29 देशों पर भी आक्रमण माना जाएगा.

नाटो

युक्रेन के नाटो में शामिल होने से रूस को समस्या-

युक्रेन अभी वर्तमान में नाटो का सदस्य नहीं है, लेकिन वह बनना चाहता है. रूस को इससे फैसले से बड़ी दिक्कत है. दरअसल, रूस इसे अपनी सुरक्षा की दृष्टि से गंभीर खतरा मानता है. रूस का मानना है कि युक्रेन की सीमा रूस के साथ लगती है तथा नाटों की स्थापना ही सोवित संघ के खिलाफ हुई थी. ऐसे में अगर युक्रेन नाटो का सैन्य सहयोगी बन जाता है, तो वहां नाटों की सेना रहेगी. जिसकी वजह से उसकी सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी.

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रूस का युक्रेन पर आक्रमण करने का सबसे बड़ा कारण यहीं माना जा रहा है कि रूस नहीं चाहता है कि युक्रेन नाटो का सदस्य देश बने. इसी कारण आज दुनिया तीसरे विश्वयुद्ध के मुहाने पर खड़ी है.

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