Russian Crude Oil: क्रूड ऑयल पर रूस ने दी भारी छूट, तब भी भारत को क्यों हुआ सिर्फ दो डॉलर प्रति बैरल का फायदा
क्यों नहीं मिल रहा छूट का फायदा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूक्रेन युद्ध की वजह से मॉस्को को पश्चिमी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है। रूसी तेल की ढुलाई काफी बढ़ गई है। इसलिए तेल की कीमत पर मिलने वाली छूट का उतना फायदा नहीं मिल पा रहा है। हालांकि संभावना है कि तेल पर मिलने वाली छूट और बढ़ सकती है। इससे पहले गोल्डमैन सैक्स ने 10 फरवरी को कहा था कि भारतीय रिफाइनरों ने रियायती रूसी कच्चे तेल को खरीदना शुरू कर दिया है। भारत ने यह सुनिश्चित किया है कि कच्चे तेल (Crude Oil) के सबसे बड़े आयातकों में से एक के रूप में वह कहीं से भी तेल खरीदेगा, जहां से उसे अच्छा सौदा मिलेगा। व्यापार डेटा विश्लेषण से पता चलता है कि अप्रैल-दिसंबर के दौरान रूसी कच्चे तेल पर प्रभावी छूट एक महीने से दूसरे महीने में काफी अलग होती है। छूट अप्रैल में सबसे कम 0.6 डॉलर प्रति बैरल थी और मई में उच्चतम 15.1 डॉलर प्रति बैरल थी, जो उन महीनों में दुनिया के बाकी हिस्सों से आयातित कच्चे तेल की औसत कीमत थी।
उम्मीद से काफी कम मिली छूट
बता दें कि अप्रैल-दिसंबर के लिए आयातित कच्चे तेल (Crude Oil) की औसत कीमत 99.2 डॉलर प्रति बैरल थी। अगर रूसी बैरल को इससे बाहर रखा जाए, तो औसत कीमत मामूली रूप से बढ़कर 101.2 डॉलर प्रति बीबीएल हो जाती है। विचाराधीन अवधि के लिए भारत के तेल आयात का कुल मूल्य 126.51 बिलियन डॉलर था। विश्लेषण से पता चलता है कि यदि भारतीय रिफाइनर रूसी तेल के लिए अन्य आपूर्तिकर्ताओं से कच्चे तेल के लिए भुगतान की गई औसत कीमत का भुगतान करते, तो तेल आयात बिल लगभग 129 बिलियन डॉलर या लगभग 2 प्रतिशत अधिक होता। इस अवधि के लिए रूस से तेल आयात का मूल्य लगभग 22 अरब डॉलर था। अप्रैल-दिसंबर में भारत के लिए रूसी कच्चे तेल की औसत कीमत 90.9 डॉलर प्रति बैरल थी। यह कीमत नॉन रूसी क्रूड ऑयल की कीमत से करीब 10.3 डॉलर तक कम है। हालांकि यह छूट भारत और बाकी देशों की रिपोर्ट में जो दावा किया गया उससे काफी कम है।
ग्रेड पर निर्भर होती है क्रूड ऑयल की कीमत
भारत में अप्रैल-दिसंबर में कुल 173.93 मिलियन टन या 1.27 बिलियन बैरल के कुल तेल आयात में रूसी कच्चे तेल की इसमें करीब 19 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। अप्रैल-दिसंबर में इराक के बाद भारत दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बन गया। बता दें कि सरकार कमोडिटी-वार और देश-वार व्यापार डेटा एक अंतराल के साथ जारी करती है। क्रूड ऑयल की कीमत तेल के ग्रेड पर निर्भर करती है और उनकी कीमतें काफी हद तक अलग-अलग हो सकती हैं।