Russia Ukraine War Update: यूक्रेन में रूसी सेना के टैंक बने 40 टन के फ्रीजर, -20 डिग्री के तापमान में जम रहे पुतिन के सैनिक!

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Russia Ukraine War Update: यूक्रेन में रूसी सेना के टैंक बने 40 टन के फ्रीजर, -20 डिग्री के तापमान में जम रहे पुतिन के सैनिक!

Russia Ukraine War Update: यूक्रेन में रूसी सेना के टैंक बने 40 टन के फ्रीजर, -20 डिग्री के तापमान में जम रहे पुतिन के सैनिक!

कीव: यूक्रेन पर रूस को आक्रमण (Russian invasion of Ukraine) किए 13 दिन हो चुके हैं। इसके बावजूद रूसी सेना (Russian Army in Ukraine) अभी तक न तो कीव और न हीं खारकीव पर कब्जा कर सकी है। हालांकि, यूक्रेन के इन दो शीर्ष शहरों पर कब्जे के लिए रूसी और यूक्रेनी सेना (Russia Ukraine Crisis) में लगाई जारी है। इस बीच ब्रिटिश सेना के पूर्व अधिकारियों ने दावा किया है कि यूक्रेन के कई शहरों में रात के समय इस समय तापमान -10 डिग्री सेंटीग्रेड के आसपास पहुंच गया है। इस कारण रूसी सैनिकों अपने-अपने टैंकों और बख्तरबंद गाड़ियों के अंदर ठंड से मर रहे हैं। उन्होंने यह भी भविष्यवाणी की है कि आने वाले दिनों में यूक्रेन में ठंड और ज्यादा बढ़ने वाली है। ऐसे मे रूसी सैनिकों के लिए 40 टन के लोहे के ढांचे के अंदर रात गुजारना और ज्यादा मुश्किल हो जाएगा।

‘रूसी सैनिक आर्कटिक शैली युद्ध के लिए ट्रेंड नहीं’
पूर्व ब्रिटिश सेना के मेजर केविन प्राइस ने कहा कि यूक्रेन में पारा गिरने के साथ रूसी सेना के टैंक 40 टन के फ्रीजर से ज्यादा कुछ नहीं कर पाएंगे। उन्होंने दावा किया कि रूसी सैनिक आर्कटिक शैली के युद्ध के लिए ट्रेंड नहीं हैं। इस कारण बढ़ती ठंड से उनका मनोबल और ज्यादा टूटेगा। प्राइस ने यह भी कहा कि रूसी सैनिकों ने मार्च में इतने कम तापमान का सामना करने की उम्मीद नहीं की थी। ऐसे में रूसी सैनिकों के लिए जीवन अविश्वसनीय रूप से और ज्यादा कठिन हो जाएगा। बर्फीले परिस्थितियों से रूसी सेना के लिए एक कठिन स्थिति और भी बदतर होने की आशंका है। मैकेनिकल गड़बड़ी, ईंधन आपूर्ति ठप पड़ने और यूक्रेनी सेना के प्रतिरोध के कारण रूसी सेना का 40 मील का काफिला कीव से 20 मील दूर फंसा हुआ है।

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’40 टन के रूसी टैंक अब फ्रीजर बन गए हैं’
बाल्टिक सिक्योरिटी फाउंडेशन के एक वरिष्ठ रक्षा विशेषज्ञ ग्लेन ग्रांट ने कहा कि यूक्रेन में मौसम बदलने के कारण रूसी सेना के टैंक अब सिर्फ फ्रीजर बन गए हैं। रात में अगर रूसी सैनिक अपने टैंकों के इंजन चलाकर नहीं रखा तो उनके लिए जीना मुश्किल हो जाएगा। दूसरी तरफ ईंधन की आपूर्ति बाधित होने से रूसी सैनिकों के लिए लगातार अपने टैंक के इंजन को चलाकर रखना मुमकिन नहीं है। 24 घंटे लगातार इंजन चलाने के कारण टैंक खराब भी हो सकते हैं। ऐसे में पूरे काफिले को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। ग्रांट ने कहा कि जब तक काफिले को रसद की आपूर्ति शुरू नहीं हो जाती और वह फिर से आगे बढ़ने में सक्षम नहीं हो जाता, तब तक रूसी सैनिकों के लिए मौत का खतरा बना रहेगा।

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टैंक में बैठे रूसी सैनिक यूक्रेन के लिए आसान निशाना
ग्रांट ने कहा कि टैंक में बैठे हुए रूसी सैनिक यूक्रेनी सेना का आसान निशाना बन सकते हैं। ऐसे में वे अंदर रहें या बाहर, मौत आपका चारों तरफ इंतजार कर रही है। उन्होंने न्यूजवीक को बताया कि आप बस इधर-उधर बैठकर इंतजार नहीं कर सकते क्योंकि अगर आप वाहन में हैं तो आप मारे जाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। वहीं, यूक्रेनी सैनिक भी अमेरिका और ब्रिटेन से मिले एंटी टैंक मिसाइलों के साथ हमला कर रहे हैं। ऐसे में ठंड में सड़क पर फंसे टैंक और आर्मर्ड गाड़ियां आसान निशाना बन रही है। पूरे यूक्रेन में बड़ी संख्या में रूसी टैंक, आर्मर्ड व्हीकल और ट्रक बर्बाद दिखाई दे रहे हैं।

Destroyed Russian tanks are seen in the Sumy region.

ठंड से टैंकों के अंदर जम रहे रूसी सैनिक



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