Russia Ukraine War : 9 मई को लेकर इतना डरा हुआ क्यों है यूरोप? कहा- कयामत की चेतावनी देने को तैयार हैं व्लादिमीर पुतिन h3>
मॉस्को: रूस- यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War Latest News) के बीच 9 मई को लेकर यूरोपीय देशों में टेंशन बढ़ती जा रही है। यूरोपीय देशों ने आशंका जताई है कि 9 मई को विक्टरी डे परेड (Victory Parade) के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कयामत के दिन की चेतावनी दे सकते हैं। दरअसल, 9 मई को रूसी सेना मॉस्को के रेड स्क्वायर पर नाजी जर्मनी के खिलाफ मिली जीत की 77वीं वर्षगांठ मनाएगी। इस दिन रूसी सेना अपने नए-नए हथियारों को दिखा भव्य शक्ति प्रदर्शन भी करने वाली है। इस अवसर पर व्लादिमीर पुतिन रूसी सेना को संबोधित भी करेंगे। पहले यह आशंका जताई गई थी कि विक्टरी डे परेड के दिन पुतिन यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान कर सकते हैं, क्योंकि रूसी सेना अभी तक स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन का नाम देकर हमले कर रही है।
रूस बोला- बकवास है पश्चिमी देशों का दावा
हालांकि, पश्चिमी देशों के इस दावे पर रूस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा: “इसकी कोई संभावना नहीं है। यह बकवास है। पेसकोव ने यह भी कहा कि लोगों को उन अटकलों को नहीं सुनना चाहिए कि बड़े पैमाने पर सेना उतारने पर निर्णय हो सकता है। पेसकोव ने कहा कि यह सच नहीं है। हालांकि, रूस के वादों और दावों पर यकीन करना इतना आसान नहीं है, क्योंकि 23 फरवरी की रात तक पुतिन से लेकर रूस के हर नेता और प्रवक्ता एक ही रट लगाए हुए थे कि उनका देश यूक्रेन के खिलाफ कोई भी सैन्य कार्रवाई नहीं करेगा, लेकिन 24 फरवरी को तड़के ही रूसी सेना यूक्रेनी सीमा में दाखिल हो गई थी।
विक्टरी डे क्यों मनाता है रूस
9 मई को रूस में विक्टरी डे के रूप में मनाया जाता है। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान इसी दिन रूस की लाल सेना ने नाजी फौज को हराकर अपने देश को बचाया था। तब से लेकर आज तक 9 फरवरी को रूस में विक्टरी डे के रूप में मनाया जाता है। एक अनुमान के मुताबिक, द्वितीय विश्व युद्ध क दौरान अकेले सोवितय रूस के 2.7 करोड़ नागरिकों की मौत हुई थी। तब शायद ही कोई रूसी परिवार ऐसा बचा था, जिसने किसी न किसी करीबी को न खोया हो। इस अवसर पर रूस अब अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करता है।
मॉस्कों की सड़कों पर शक्ति प्रदर्शन करेगी रूसी सेना
रूसी रक्षा मंत्रालय ने बताया कि विक्टरी डे परेड के दिन सेंट बेसिल कैथेड्रल के ऊपर एक फ्लाई-पास्ट का आयोजन किया जाएगा। इसमें रूसी वायु सेना के सुपरसोनिक लड़ाकू विमान, टीयू–160 रणनीतिक बमवर्षक और 2010 के बाद पहली बार आईएल-80 “डूम्सडे” कमांड प्लेन उड़ान भरेगा। रूस का “डूम्सडे” कमांड प्लेन परमाणु हमले की स्थिति में राष्ट्रपति पुतिन समेत देश के शीर्ष अधिकारियों को सुरक्षित ठिकाना बन सकता है। यह प्लेन कई तरह से हाईटेक तकनीक से लैस है, जिसे रूसी राष्ट्रपति के लिए हवा में एक कमांड पोस्ट की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।
यूक्रेन युद्ध में रूस को भी भारी नुकसान
पुतिन ने कई बार यूक्रेन में युद्ध की तुलना सोवियत संघ के सामने उस चुनौती से की है, जब 1941 में एडोल्फ हिटलर के नाजियों ने आक्रमण किया था। पुतिन ने 24 फरवरी को यूक्रेन में स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन का ऐलान किया था। उसके बाद से ही रूस वैश्विक अलगाव का सामना कर रहा है। इसका सीधा असर रूस की अर्थव्यवस्था पर देखा जा रहा है। इतना ही नहीं, यूक्रेन में जारी युद्ध में रूसी सेना को भारी नुकसान भी उठाना पड़ा है। पश्चिमी देशों का दावा है कि अब तक की जंग में रूस के 8 मिलिट्री जनरल मारे जा चुके हैं। एक रिपोर्ट में तो यहां तक दावा किया गया था कि रूसी सेना प्रमुख जनरल वालेरी गेरासिमोव खुद मैदान ए जंग में हमले का नेतृत्व कर रहे हैं।
रूस बोला- बकवास है पश्चिमी देशों का दावा
हालांकि, पश्चिमी देशों के इस दावे पर रूस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा: “इसकी कोई संभावना नहीं है। यह बकवास है। पेसकोव ने यह भी कहा कि लोगों को उन अटकलों को नहीं सुनना चाहिए कि बड़े पैमाने पर सेना उतारने पर निर्णय हो सकता है। पेसकोव ने कहा कि यह सच नहीं है। हालांकि, रूस के वादों और दावों पर यकीन करना इतना आसान नहीं है, क्योंकि 23 फरवरी की रात तक पुतिन से लेकर रूस के हर नेता और प्रवक्ता एक ही रट लगाए हुए थे कि उनका देश यूक्रेन के खिलाफ कोई भी सैन्य कार्रवाई नहीं करेगा, लेकिन 24 फरवरी को तड़के ही रूसी सेना यूक्रेनी सीमा में दाखिल हो गई थी।
विक्टरी डे क्यों मनाता है रूस
9 मई को रूस में विक्टरी डे के रूप में मनाया जाता है। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान इसी दिन रूस की लाल सेना ने नाजी फौज को हराकर अपने देश को बचाया था। तब से लेकर आज तक 9 फरवरी को रूस में विक्टरी डे के रूप में मनाया जाता है। एक अनुमान के मुताबिक, द्वितीय विश्व युद्ध क दौरान अकेले सोवितय रूस के 2.7 करोड़ नागरिकों की मौत हुई थी। तब शायद ही कोई रूसी परिवार ऐसा बचा था, जिसने किसी न किसी करीबी को न खोया हो। इस अवसर पर रूस अब अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करता है।
मॉस्कों की सड़कों पर शक्ति प्रदर्शन करेगी रूसी सेना
रूसी रक्षा मंत्रालय ने बताया कि विक्टरी डे परेड के दिन सेंट बेसिल कैथेड्रल के ऊपर एक फ्लाई-पास्ट का आयोजन किया जाएगा। इसमें रूसी वायु सेना के सुपरसोनिक लड़ाकू विमान, टीयू–160 रणनीतिक बमवर्षक और 2010 के बाद पहली बार आईएल-80 “डूम्सडे” कमांड प्लेन उड़ान भरेगा। रूस का “डूम्सडे” कमांड प्लेन परमाणु हमले की स्थिति में राष्ट्रपति पुतिन समेत देश के शीर्ष अधिकारियों को सुरक्षित ठिकाना बन सकता है। यह प्लेन कई तरह से हाईटेक तकनीक से लैस है, जिसे रूसी राष्ट्रपति के लिए हवा में एक कमांड पोस्ट की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।
यूक्रेन युद्ध में रूस को भी भारी नुकसान
पुतिन ने कई बार यूक्रेन में युद्ध की तुलना सोवियत संघ के सामने उस चुनौती से की है, जब 1941 में एडोल्फ हिटलर के नाजियों ने आक्रमण किया था। पुतिन ने 24 फरवरी को यूक्रेन में स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन का ऐलान किया था। उसके बाद से ही रूस वैश्विक अलगाव का सामना कर रहा है। इसका सीधा असर रूस की अर्थव्यवस्था पर देखा जा रहा है। इतना ही नहीं, यूक्रेन में जारी युद्ध में रूसी सेना को भारी नुकसान भी उठाना पड़ा है। पश्चिमी देशों का दावा है कि अब तक की जंग में रूस के 8 मिलिट्री जनरल मारे जा चुके हैं। एक रिपोर्ट में तो यहां तक दावा किया गया था कि रूसी सेना प्रमुख जनरल वालेरी गेरासिमोव खुद मैदान ए जंग में हमले का नेतृत्व कर रहे हैं।